फूड लाइसेंस में महिलाओं और ट्रांसजेंडर्स के लिए अब अलग कैटेगरी


  • आने वाले समय में लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन फीस में छूट की भी संभावना

इंदौर (Indore)। देश में महिलाओं को लेकर समानता के लिए हर स्तर पर काम हो रहे हैं। सरकार ने महिलाओं को चुनावों में आरक्षण भी दिया है। इसके साथ ही अन्य सरकारी विभाग भी इस तरह की पहल कर रहे हैं। इसी क्रम में केंद्र सरकार के खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा अब खाद्य व्यवसाय के लिए जरूरी फूड लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया में महिलाओं और ट्रांसजेंडर्स की अलग कैटेगरी को जोड़ा है। इस कैटेगरी में आवेदन होने पर इन्हें प्राथमिकता दिए जाने के साथ ही भविष्य में फीस में लाभ भी दिया जाएगा।

देश में खाने-पीने की किसी भी चीज के निर्माण, पैकिंग, ट्रांसपोर्ट और विक्रय के लिए हर छोटे-बड़े व्यापारी को एफएसएएआई से फूड लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन लेना अनिवार्य है। यह लाइसेंस आवेदन एफएसएसएएआई की पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन करना होता है। इसमें शासन ने हाल ही में महिलाओं और ट्रांसजेंडर्स की कैटेगरी को अलग से जोड़ा है। अधिकारियों ने बताया कि पूर्व में ऐसी कोई कैटेगरी नहीं थी। नई कैटेगरी को जोडऩे के साथ ही शासन ने विभाग को आदेश दिए हैं कि अब से ऐसे आवेदनों को प्राथमिकता से देखा और जारी किया जाए।

बढ़ावा देने के लिए शुरुआत
मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी मनीष स्वामी ने बताया कि महिलाओं को फूड बिजनेस में बढ़ावा देने और लाइसेंस-रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए यह बदलाव किए जा रहे हैं। इससे हमें यह भी पता चल सकेगा कि देश में फूड बिजनेस में कितने पुरुष, कितनी महिलाएं और कितने ट्रांसजेंडर्स हैं। शासन की कई योजनाओं में महिलाओं को कई तरह की छूट भी दी जाती है। संभव है कि फूड बिजनेस में आने वाली महिलाओं को भी शासन की ओर से कई छूट मिले।

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