भोपालएक घंटा पहले
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तीनों को नौकरी से निकालने के बाद फेल नहीं हुआ कोई सैंपल
सीहोर स्थित जयश्री गायत्री पनीर प्रोडक्ट में मिलावट के मामले में कंपनी के एमडी किशन मोदी ने बताया कि जो सैंपल एफएसएसएआई की जांच में फेल हुए थे, वह गड़बड़ी उनकी ही कंपनी के सीईओ, जनरल और क्वालिटी हेड ने की थी। तीनों के खिलाफ जून में हबीबगंज थाने में 15 करोड़ की धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज कराई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
मोदी के मुताबिक, गड़बड़ी कंपनी के सीईओ सुनील त्रिपाठी, जनरल मैनेजर वामिक सिद्धीकी और क्वालिटी हेड प्रशांत शुक्ला ने की थी। वामिक सिद्धीकी दूध सप्लायरों से सांठगांठ कर हर टैंकर पर 50 हजार रुपए लेकर अमानक दूध पास कर देता था। सुनील त्रिपाठी से मिलकर कंपनी के डिजाइनर जीतेंद्र राठौड़ से फर्जी लैब रिपोर्ट तैयार कर ली। इसलिए एफएसएसएआई की रिपोर्ट में दो बार सैंपल फेल हुआ। मोदी ने बताया कि आरोपी तीनों कर्मचारियों को निकालने के बाद कोई सैंपल फेल नहीं हुआ।
पॉमऑयल से बनते हैं नॉन डेयरी प्रोडक्ट :
मोदी ने बताया कि कंपनी में नॉन डेयरी प्रोडक्ट जैसे मियोनीज, चीज, फ्राइड पनीर और न्यूट्रीलाइट बटर जैसे प्रोडक्ट भी बनते हैं। इनमें पॉमऑयल का इस्तेमाल होता है। इसके लिए पॉमऑयल के टैंकर मंगाए जाते हैं।