बच्चों का लिवर कमजोर कर देते हैं ये 2 फूड्स, बच्चे हो सकते हैं फैटी लिवर का शिकार


बच्चों का लिवर कमजोर कर देते हैं ये 2 फूड्स, बच्चे हो सकते हैं फैटी लिवर का शिकार

आंकड़ों से यह पता चलता है कि, केवल पिछले 10 साल में फैटी लिवर से पीड़ित बच्चों की तादाद में 10-33 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हुई है।

Fatty Liver Di seas In Children: फैटी लिवर की बीमारी का खतरा बच्चों में भी बढ़ रहा है। डॉक्टरों के अनुसार 3 में से 1 बच्चा नॉन-अल्कोहल फैटी लीवर रोग (NAFLD) से पीड़ित है। यह बीमारी मुख्य रूप से शक्कर का अधिक सेवन करने के कारण होती है।

5-16 वर्ष के एज ग्रुप के बच्चों में यह बीमारी चिंता का एक विषय बन गयी है। बता दें कि पहले ऐसा माना जाता था कि बच्चों को लिवर की बीमारी नहीं होतीं या वे लिवर डिजिजेज से सुरक्षित रहते हैं। लेकिन, बीते 10 साल के आंकड़ों से यह पता चलता है कि, केवल एक दशक में फैटी लिवर से पीड़ित बच्चों की तादाद में 10-33 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हुई है।

बच्चों में फैटी लिवर के कारण 

राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आरएमएलआईएमएस) के बाल चिकित्सा हेपेटोलॉजिस्ट, पीयूष उपाध्याय ने बताया कि अधिक मात्रा में शक्कर वाली चीजें खाने और अनहेल्दी, फ्राइड और प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन करने से बच्चों में फैटी लिवर की समस्या बढ़ रही है।

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मीठी कोल्ड्रिंक्स, शर्बत और जंक फूड के खतरों के प्रति सतर्क करते हुए, उन्होंने बताया कि ट्राइग्लिसराइड्स नामक एक प्रकार का फैट, लिवर की कोशिकाओं में जमा होने लगता है। इससे शरीर द्वारा ली जाने वाली या उत्पादित फैट की मात्रा और लिवर की इसे प्रोसेस्ड करने और खत्म करने की क्षमता के बीच असंतुलन पैदा हो जाता है। इसी वजह से फैटी लिवर की बीमारी का संभावना बढ़ जाती है।

लिवर की बीमारियों के अन्य कारण

डॉ. उपाध्याय ने आगे कहा, “यह असंतुलन कई कारणों से भी होता है, जैसे जेनेटिक्स, सुस्त रहने की आदत और कसरत ना करना, मोटापा, इंसुलिन रेजिस्टेंस और अनहेल्दी डाइट के कारण भी फैटी लिवर हो सकता है। कई दशकों पहले, फैटी लिवर डिजिज का मुख्य कारण शराब पीने की आदत को बताया जाता था। लेकिन अब यह अन्य कारणों से भी हो रही है।”

उन्होंने कहा, “हालांकि, नॉन-अल्कोहल फैटी लीवर रोग तेजी से बढ़ने के कारण अब कॉमन बीमारी बन गया है। मैं हर महीने एनएएफएलडी वाले लगभग 60-70 बच्चों को देखता हूं, जबकि पिछले एक दशक पहले इससे आधी संख्या में भी बच्चों में यह बीमारी नहीं थी।”

बच्चों को लिवर डिजिज से कैसे बचाएं?

गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट, पुनीत मेहरोत्रा ने कहा, “कई स्टडीज में पता चला है कि  लाइफस्टाइल में बदलाव करने से एनएएफएलडी  से बचा जा सकता है।  इसके लिए शक्कर और जंक फूड का सेवन कम करना और नियमित रूप से कम से कम 30 मिनट तक व्यायाम करना होगा।”

उन्होंने एनएएफएलडी के लीवर सिरोसिस में बदलने का खतरा बताते हुए कहा कि यह एक गंभीर स्थिति है। इसका उपचार लीवर ट्रांसप्लांट है।

(आईएएनएस)




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