बनारस की ‘चटोरी गली’ में मिलेगा काशी के जायके का स्वाद, विश्व के कई देशों में जाएगी काशी के खानपान की खुशबू


वाराणसी। वैसे तो बनारस किसी पहचान का मोहताज नहीं है। आप दुनिया में कहीं भी हों, बनारस की विशेषता सबसे अलग है। यहां की बोल-चाल, भाषा, सबसे अलग है। मान्यता है कि यहां लोग हर हर महादेव के नारे के बिना कोई काम शुरू नहीं करते। 

बनारस के गलियों के भी क्या कहने। यहां के गलियों में खान-पान की महक ऐसी कि मुंह में पानी आ जाए। काशी को जायकों का शहर ऐसे ही नहीं कहा जाता है। यही वजह है कि यहां की गलियों के नाम भी चटकारे हैं। कचौड़ी गली, घुंघरानी गली सहीत कई अन्य ऐसी गालियां है जो खान-पान के लिए प्रसिद्ध है। जल्दी काशी में अब एक और नया नाम जुड़ने जा रहा है। वह नाम है चटोरी गली। जी हां! जल्द ही काशी में चटोरी गली तैयार की जाएगी। जहां बनारस के व्यंजनों को परोसा जाएगा। जायकेदार, लजीज और एकदम बनारसी अंदाज। आइए और लुत्फ उठाइए इसके बारे में जानकर।

बनारसी पान, चाट, गोलगप्पा, कचौड़ी-जलेबी, ठंडई। इन सब का स्वाद तो आप बनारस में लेते रहे होंगे। मगर अब आपको लखनऊ की चटोरी गली के तर्ज पर बनारस में भी चटोरी गली मिल जाएगी। जहां पर आप बनारस के अलग-अलग व्यंजनों का स्वाद ले सकेंगे। इसके साथ ही साउथ इंडियन और चाइनीज आइटम भी आपको खाने के लिए मिल जाएंगे। इसके माध्यम से बनारस सी गलियों को क्लीन स्ट्रीट फूड हब के तौर पर विकसित किया जाएगा। नगर निगम ने चटोरी गली के लिए जगह चिन्हित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। लखनऊ की चटोरी गली करीब एक किलोमीटर में है। यह भी अपने जायके के लिए मशहूर है।

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देश के हर कोने में बनारस के फूड की तारीफ

पर्यटन उपनिदेशक आर० के० रावत के मुताबिक, बनारस मंदिरों और घाट के लिए तो फेमस है ही। इसके अलावा यहां का जो स्ट्रीट फूड है वह भी बहुत फेमस है। बनारस के फूड की तारीफ आपको हिन्दुस्तान के हर कोने में मिलेगी। इसी कॉन्सेप्ट को ध्यान में रखते हुए ये कोशिश की जा रही है कि बनारस का जो मुख्य फूड है, जो यहां के फेमस फूड हैं उनको एक जगह पर लेकर आया जाए, जिससे कि टूरिस्ट्स को भी इसका टेस्ट मिल सके। इसे ध्यान में रखते हुए चटोरी गली का प्रपोजल विभाग के माध्यम से बनाया जा रहा है। इस तरह का एक प्रपोजल लखनऊ में भी बना है। काशी आने वाले पर्यटकों को यह डेस्टिनेशन के रूप में मिलेगा।

एक छत के नीचे मिलेंगी सभी तरह की वेराइटीज

बनारस में फूड स्ट्रीट चटोरी गली को बनाए जाने को लेकर आरके रावत कहते हैं, ‘हमारा प्रयास है कि एक छत के नीचे ही सारी वेराइटीज को हम दे पाएं। बनारस इसके लिए बहुत फेमस है भी। क्योंकि यहां पर बहुत सी ऐसी चीजें हैं, जिनके बारे में टूरिस्ट यहां आने के बाद जानकारी इकट्ठा करता है। ऐसे में हमारा प्रयास है कि इन सारी चीजों को एक ही स्थान पर लेकर आएं। इसके साथ ही काशी आने वाले लोगों को यहां के विभिन्न वेराइटी के स्ट्रीट फूड का टेस्ट दे सकें। लखनऊ की तर्ज पर बनारस में बनने वाले फूड स्ट्रीट  की लंबाई लगभग एक किलोमीटर की रखी जाएगी। 

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काशी में 435 मोहल्ले और 2000 से अधिक गलियां 

बनारस में 435 मोहल्ले और 2000 से अधिक गलियां हैं। इसमें तोता गली, सुग्गा गली, हाथी गली, चूहा गली, विश्वनाथ गली, खोवा गली, घूंघरानी गली, काली गली जैसे नाम वाली कई गलियां हैं। जब कोई पर्यटक यहां पर आता है तो इन नामों को सुनकर एक बार चौंक जाता है। आखिर गलियों के ऐसे कैसे नाम। मगर बनारस की असली पहचान तो इन गलियों से ही है। गलियों के शहर बनारस की अधिकतर गलियां मां गंगा के तट तक जाती हैं। घाट पर ही पर्यटकों का आना-जाना सबसे अधिक रहता है। बनारसी भी अकसर घाट किनारे पहुंच जाया करते हैं। ऐसे में नगर निगम घाट से सटी गलियों को क्लीन स्ट्रीट फूड हब बनाने जा रहा है। इसे चटोरी गली का नाम दिया जाएगा।

शासन की तरफ से बनारस के लिए एक करोड़ जारी

अधिकारियों ने बताया, ‘भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण नई दिल्ली के जरिए स्वास्थ्यवर्धक फूड मुहैया कराने के लिए ‘ईट राइट एनिशिएटिव’ नाम से योजना चलाई जा रही है। इसी योजना के तहत वाराणसी, लखनऊ, अयोध्या और गोरखपुर में क्लीन स्ट्रीट फूड हब शुरू किए जाने की योजना है। इसके लिए उत्तर प्रदेश शासन की तरफ से वाराणसी के लिए एक करोड़ का बजट जारी किया गया है। नगर निगम जल्द से जल्द चटोरी गली के सिए स्थान चिन्हिन करने में लगा है। स्थान चिन्हित होने के बाद उसे क्लीन स्ट्रीट फूड हब के रूप में विकसित किया जाएगा, जिससे कि काशी आने वाले पर्यटकों को यहां के लजीज व्यंजनों का स्वाद मिल सके।

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चटोरी गली में 20 स्टॉल पर परोसे जाएंगे बनारसी व्यंजन

चटोरी गली में 20 स्टॉल लगाए जाएंगे। इसमें महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। महिला वेंडर्स की ओर से पर्यटकों को साफ और शुद्ध होने के साथ ही लजीज व्यंजन परोसा जाएगा। इसके साथ ही चटोरी गली में बनने वाले सभी फूड आइटम की जांच भी की जाती रहेगी। समय-समय पर फूड एंड सेफ्टी विभाग इन व्यंजनों की गुणवत्ता को परखने का काम करेगा। ऐसा इसलिए किया जाएगा कि बनारस में आने वाले वाले लोगों को साफ-सुथरा और टेस्टी फूड मिल सके। इसके लिए नगर निमग की तरफ से तैयारियां की जा रही हैं। बनारस में कॉरिडोर बनने के बाद से प्रतिदिन लाखों की संख्या में पर्यटक बनारस पहुंच रहे हैं। ऐसे में सुरक्षा का खास ध्यान रखा जाएगा।

– आरके रावत, उप निदेशक पर्यटन विभाग।


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