‘बेटे ने कुछ गलत किया तो फांसी दे दो’, बोले संसद में घुसने वाले आरोपी मनोरंजन के पिता


देश की संसद के अंदर 2 प्रदर्शनकारी कलर स्मोक स्टिक लेकर घुस गए. प्रदर्शनकारियों ने सदन पटल पर नारेबाजी की और विरोध स्वरूप पीले रंग का धुआं संसद में उड़ाया. इस दौरान सांसदों ने घेरकर प्रदर्शनकारियों की पिटाई भी कर दी और फिर सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें हिरासत में ले लिया. वहीं दो प्रदर्शनकारी बाहर भी पकड़े गए. ये नारेबाजी कर रहे थे. इसके अलावा अब दो अन्य प्रदर्शनकारियों की भी तलाश की जा रही है.

लोकसभा कक्ष में कूदने वाले दो आरोपियों में से एक के पिता ने दावा किया कि उनका बेटा ईमानदार और सच्चा है और हमेशा समाज के लिए अच्छा करना चाहता है. संसद के अंदर से पकड़े गए आरोपी मनोरंजन के पिता देवराजे गौड़ा ने कहा कि उनका बेटा एक अच्छा लड़का है.

उन्होंने कहा, “अगर मेरे बेटे ने कुछ गलत किया है तो उसे फांसी दे दो. अगर वह संसद का अपमान करता है तो वह मेरा बेटा नहीं है. संसद हम सबकी है. कई ताकतवर लोगों ने मिलकर उस संस्था को बनाया और महात्मा गांधी और नेहरू ने उसे स्थापित करने के लिए बहुत त्याग किया. संसद के प्रति असम्मानजनक व्यवहार करना किसी को भी स्वीकार्य नहीं है, चाहे वह मेरा बेटा ही क्यों न हो. यह अस्वीकार्य है.”

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‘मेरा बेटा एक अच्छा लड़का है’

वहीं न्यूज एजेंसी के मुताबिक आरोपी के पिता ने कहा, “मेरा बेटा एक अच्छा लड़का है. वह ईमानदार और सच्चा है. उसकी एकमात्र इच्छा समाज के लिए अच्छा करना और समाज के लिए बलिदान देना है. वह स्वामी विवेकानंद की किताबें पढ़ता था. मुझे लगता है कि इन किताबों को पढ़ने के बाद उसके मन में ऐसे विचार विकसित हुए. यह समझना मुश्किल है कि उसके दिमाग में क्या चल रहा है. मेरे बेटे ने 2016 में बीई (बैचलर इन इंजीनियरिंग) पूरा किया और खेत की देखभाल कर रहा था. उसने दिल्ली और बेंगलुरु में कुछ फर्मों में भी काम किया है.”

चारों आरोपियों से हो रही पूछताछ

बता दें कि दिल्ली पुलिस चारों आरोपियों को हिरासत में लेकर संसद मार्ग पुलिस स्टेशन आई है. वहां एंटी टेरर यूनिट और खुफिया एजेंसियों के आलाधिकारी उनसे पूछताछ कर रहे हैं. शुरुआती जांच में ये बात सामने आई है कि संसद के बाहर से पकड़े गए नीलम और अमोल के पास मोबाइल फोन नहीं था. इनके पास किसी भी तरह का पहचान पत्र और बैग तक नहीं बरामद हुआ. दोनों ने किसी भी संगठन से संबंध होने से इंकार किया है. उनका दावा है कि वो लोग खुद से प्रेरित होकर संसद गए थे. जांच में ये भी खुलासा हुआ है कि इस साजिश में कुल 6 लोग शामिल थे. 2 लोगों ने अंदर हंगामा किया, तो 2 ने बाहर विरोध प्रदर्शन किया. 2 लोग इस मामले में फरार हैं.


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