बेबी फूड प्रोडक्ट्स पर बढ़ सकती है नेस्ले की मुश्किल; FASSAI ने शुरू की जांच, कंपनी ने दी सफाई


बेबी फूड प्रोडक्ट्स (Baby Food Products) में एडेड शुगर का मामला नेस्ले की गले की फांस बनता नजर आ रहा है. NDTV को स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि एडेड शुगर मामले में केंद्र सरकार गंभीर है और FSSAI मामले की जांच कर रही है. जांच के बाद रिपोर्ट को साइंटिफिक पैनल के सामने रखा जाएगा.

स्विस इन्वेस्टिगेशन ऑर्गेनाइजेशन पब्लिक आई की रिपोर्ट के मुताबिक विकासशील देशों में नेस्ले बेबी फूड में एडेड शुगर के साथ प्रोडक्ट बेच रही है, जबकि यूरोपीय देशों में एडेड शुगर इन प्रोडक्ट्स में शामिल नहीं है. पब्लिक आई ने इसके लिए एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका में नेस्ले द्वारा बेचे जाने वाले 150 से ज्यादा प्रोडक्ट की जांच की है.

नेस्ले ने जारी की सफाई

इस बीच नेस्ले ने सफाई जारी कर कहा है कि उनके सभी बेबी फूड प्रोडक्ट में पोषण का बखूबी ध्यान रखा जाता है.

नेस्ले इंडिया के स्पोक्सरपर्सन ने कहा, ‘नियमों का पालन करना नेस्ले इंडिया का एक अहम गुण है और कभी इस पर समझौता नहीं करेंगे. हम ये भी सुनिश्चित करते हैं कि हम भारत में जो भी प्रोडक्ट बनाते हैं, वे CODEX (WHO और FAO द्वारा बनाया गया एक कमीशन) की शर्तों और स्थानीय नियमों का पालन करते हों. इनमें एडेड शुगर के साथ-साथ सभी न्यूट्रीएंट संबंधी नियमों का पालन किया जाता है.’

150 प्रोडक्ट्स की जांच, नतीजे चौंकाने वाले

पब्लिक आई की ओर से एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका में इस मल्टीनेशनल कंपनी के बेचे जा रहे 150 प्रोडक्ट्स की जांच की गई, तो नतीजे चौंकाने वाले मिले. पब्लिक आई ने पाया कि 6 महीने की उम्र तक के बच्चों के लिए करीब सभी सेरेलैक अनाज (Cerelac infant cereals) में प्रति सर्विंग औसतन करीब 4 ग्राम अतिरिक्त चीनी होती है, जो चीन के एक क्यूब के बराबर होती है.

रिपोर्ट में पाया गया कि सेनेगल और दक्षिण अफ्रीका में छह महीने और उससे अधिक उम्र के बच्चों के लिए बिस्किट-फ्लेवर वाले अनाज में हर सर्विंग के लिए 6 ग्राम अतिरिक्त चीनी होती है. इसमें कहा गया है कि स्विट्जरलैंड में बेचे जाने वाले उसी प्रोडक्ट में ऐसा कुछ भी नहीं है. ब्राजील में, जहां सेरेलैक को म्यूसिलॉन के नाम से जाना जाता है, वहां तीन-चौथाई सेरेलैक बेबी अनाज में प्रति सर्विंग औसतन 3 ग्राम अतिरिक्त चीनी होती है.

नियमों में कमियों का फायदा उठा रही कंपनी

इंटरनेशनल बेबी फूड एक्शन नेटवर्क के सहयोग से लिखी गई अपनी रिपोर्ट में, पब्लिक आई ने आरोप लगाया कि नेस्ले ऐसे उत्पादों की बिक्री जारी रखने के लिए मौजूदा नियमों में कमजोरी का फायदा उठा रही है. पब्लिक आई ने अपनी रिपोर्ट में WHO के वैज्ञानिक नाइजेल रोलिंस के हवाले से कहा कि यहां दोहरा मापदंड है जिसे बिल्कुल भी उचित नहीं ठहराया जा सकता.

यूरोमॉनिटर इंटरनेशनल के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर, सेरेलैक नंबर एक बेबी सीरियल ब्रैंड है, जिसकी बिक्री 2022 में 1 बिलियन डॉलर से अधिक हो गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, ऊंचे आंकड़े लो और मिडिल इनकम वाले देशों में हैं, जिनमें से 40% बिक्री सिर्फ ब्राजील और भारत में है.

पब्लिक आई नेस्ले से दुनिया के हर हिस्से में तीन साल से कम उम्र के शिशुओं और बच्चों के लिए तैयार किए गए उत्पादों में चीनी का इस्तेमाल बंद करने के लिए याचिका दायर कर रही है.


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