ग्लोबल स्टार प्रियंका चोपड़ा ने केवल हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में ही नहीं, बल्कि हॉलीवुड में भी शोहरत हासिल की है. साल 2000 में जब प्रियंका मिस वर्ल्ड पेजेंट बनीं तो इनके लिए पूरी दुनिया ही बदल गई. शोबिज में प्रियंका ने कदम रखा और फिर इसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. लेकिन यहां तक का सफर तय करना प्रियंका के लिए आसान नहीं रहा. काफी उतार-चढ़ाव इन्होंने देखे. पर इतना जरूर है कि फिल्म इंडस्ट्री में शानदार काम करके अपनी जगह दर्शकों के दिलों में हमेशा-हमेशा के लिए बना ली.
प्रियंका ने कही ये बात
प्रियंका ने ‘क्रिश’, ‘बर्फी’, ‘फैशन’, ‘डॉन 2’, ‘मैरी कॉम’ और ‘बाजीराव मस्तानी’ जैसी कई खूबसूरत फिल्मों में काम किया, लेकिन एक वक्त ऐसा भी आया, जब प्रियंका को सिर्फ और सिर्फ इंडस्ट्री में रिजेक्शन्स फेस करने पड़े. Cavanaugh James के पॉडकास्ट Read The Room में प्रियंका चोपड़ा ने अपने बॉलीवुड से हॉलीवुड के सफर पर बात की. एक्ट्रेस ने बताया कि किस तरह की टेंशन और एंग्जाइटी से उन्हें गुजरना पड़ा जब वो करियर में बदलाव कर रही थीं.
इंडिया सिनेमा में शानदार काम करने के बावजूद उन्हें रिजेक्शन्स मिले. प्रियंका ने बिना अपने शब्दों को मिक्स किए कहा- मेरे लिए बॉलीवुड से हॉलीवुड जाना मतलब फिर से नई शुरुआत करने जैसा था. मैंने शुरू से शुरुआत की. मैं अपने देश में एक ही मैग्जीन के कवर पर 6 बार आ चुकी थी. और यूएस में मेरे साथ कोई मीटिंग तक नहीं करना चाहता था. मुझे ये सब पाने में बहुत मेहनत करनी पड़ी. कई बार परेशानियां आपको शांत करती हैं. मैंने सोचा कि ये सब झेलने के बाद मैं अपसेट नहीं होऊंगी.
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प्रियंका ने झेली परेशानियां
“मैं ये नहीं कहूंगी कि मेरे लिए हर तरफ के दरवाजे बंद हो चुके हैं. मैंने हिम्मत रखी. मैंने कुछ और चीजें करने का प्लान किया. सोचा कि मैं और कहां जा सकती हूं, क्या कर सकती हूं. मेरा नेक्स्ट मूव क्या होने वाला है. मैंने काम करना शुरू किया. मैंने कभी घमंड नहीं किया जो कुछ भी मैंने हिंदी सिनेमा में हासिल किया. मैंने यहां तक पहुंचने में बस हार्डवर्क किया.”
“जब मैंने हॉलीवुड में कदम रखने का सोचा तो देखा कि इस इंडस्ट्री में तो मैं किसी को जानती तक नहीं हूं. मेरे दोस्त नहीं हैं जो मुझे सुबह 2 बजे कॉल कर सकें. या मैं उनको कर सकूं. मैं अकेली थी और डरी हुई थी. मैं न्यूयॉर्क में थी, वो भी अकेले. मेरे लिए वो लाइफ का डार्क पीरियड था.”