वेस्टइंडीज के महान क्रिकेटर ब्रायन लारा ने स्वीकार किया कि टी20 लीग ने टेस्ट क्रिकेट की काफी जगह ले ली और उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) से अपील की कि वह लगातार बढ़ रहे फ्रेंचाइजी आधारित टूर्नामेंट के लिए एक ढांचा तैयार करने के लिए कदम उठाए.
टेस्ट की प्रासंगिकता पर उठे इन सवालों का हालिया उदाहरण दक्षिण अफ्रीका का न्यूजीलैंड दौरे पर कमजोर टीम भेजना रहा. इसमें अहम खिलाड़ियों को घरेलू सरजमीं पर हुई एसए20 लीग में खेलने के कारण न्यूजीलैंड दौरे पर नहीं भेजा गया था.
लारा ने ‘स्टार स्पोर्ट्स’ द्वारा आयोजित बातचीत में पीटीआई के मुख्यालय में संपादकों से बातचीत में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि आईसीसी को फ्रेंचाइजी क्रिकेट के लिए एक तरीका ढूंढना चाहिए लेकिन जो बहुत ही स्ट्रक्चर्ड तरीके से हो. यह ऐसा नहीं हो जैसा अभी चल रहा है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं उम्मीद करता हूं कि वे यह सुनिश्चित करने के लिए एक तरीका ढूंढ सकते हैं कि टेस्ट प्रासंगिक बना रहे. मुझे टेस्ट चैम्पियनशिप पसंद हैं और मुझे लगता है कि यह खेल प्रासंगिक बना रहे, उसके लिए यह महत्वपूर्ण है. ’’
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तो क्या क्रिकेट भी अब फुटबॉल का तरीका अख्तियार करता जा रहा है जिसमें इंटरनेशनल टूर्नामेंट की तुलना में लीग को अधिक तवज्जो दी जाती है.
लारा सैद्धांतिक रूप से इससे सहमत थे लेकिन उन्होंने दोनों में अंतर की बात बताते हुए कहा, ‘‘हां, क्रिकेट भी फुटबॉल का तरीका अपना रहा है. अगर फुटबॉल को देखें तो बड़े कप यूरोपीय कप, वर्ल्ड कप और दक्षिण अमेरिका कप के अलावा उनके कुछ फ्रेंडली मैच भी होते हैं. इसलिए बार्सीलोना, मैनचेस्टर यूनाईटे्ड, मैनचेस्टर सिटी, इनके अपने फुटबॉलर होते हैं जो आमतौर पर साल के 11 महीने के लिए होते हैं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह फुटबॉल के लिए कारगर दिखता है. इससे प्रत्येक देश के लिए धन कमाने के लिए फुटबॉल मैच आयोजित करने का बोझ भी कम हो गया है.’’
लारा ने कहा कि तीन बड़े देश भारत, आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड क्रिकेट में काफी धन राशि जुटा रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘वेस्टइंडीज अब ऐसी स्थिति में हैं जहां गेट के टिकट भी इसे नहीं बचा सकते. इसलिये जब भारतीय टीम वेस्टइंडीज का दौरा करती है तो हम उनके शुक्रगुजार होते हैं. इससे टीवी अधिकार का काफी अधिक पैसा जुटता है.’’