भारत पाकिस्तान क्रिकेट मैच में कहां से आया परमाणु बम का जिक्र? क्या है 36 साल पुराना किस्सा


India Pakistan Match: साल था 1987. भारत और पाकिस्तान (India Pakistan) के बीच सीमा पर जबरदस्त तनाव था. भारतीय सेना (Indian Army) उत्तरी सीमा पर सियाचिन ग्लेशियर के इलाके में तेजी से आगे बढ़ रही थी. इसी बीच भारत और पाकिस्तान के बीच जयपुर में क्रिकेट मैच खेला जाना था. बॉर्डर की तल्खी क्रिकेट के मैदान तक पसर गई थी. तल्खी के बीच एक शब्द ने खासी सुर्खियां बटोरी. वो था- क्रिकेट डिप्लोमेसी (Cricket Diplomacy).

भारत और पाकिस्तान के बीच जयपुर में टेस्ट मुकाबला होना था. तल्खी साफ नजर आ रही थी. मुकाबले से ऐन पहले पाकिस्तान के राष्ट्रपति मोहम्मद जिया उल हक अचानक भारत आ गए. उनकी सरप्राइज विजिट से हर कोई हैरान था. पाकिस्तानी सरकार ने कहा कि जिया उल हक भारत-पाकिस्तान का मैच देखने आए हैं और ”क्रिकेट डिप्लोमेसी” के जरिये दोनों मुल्कों का तनाव कम करना चाहते हैं.

अचानक भारत आ गए जिया उल हक
जिया उल उक भारतीय प्रधानमंत्री राजीव गांधी से मिले और इस मुलाकात में दोनों मुल्कों के बीच सरहद पर शांति बनाने की बात हुई. जिया उल हक ने मीडिया के सामने कहा, ”दोनों मुल्कों के बीच अमन और शांति के लिए क्रिकेट का इस्तेमाल मेरा मिशन है और इसी भावना से भारत आया हूं…’ हालांकि मीडिया के एक हल्के में हक के इस बयान से इतर एक और खबर छपी.

बात शांति की, जिक्र परमाणु बम का
वो खबर थी परमाणु बम की. कई मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि राजीव गांधी से मुलाकात के दौरान जिया उल उक ने पाकिस्तान के हथियारों का बार-बार जिक्र किया. खासतौर से परमाणु बम का. जिया उल हक एक तरीके से सरहद के तनाव को दूसरी दिशा में ले जाने की कोशिश कर रहे थे.

India Pakistan, India Pakistan Live Score, India Pakistan Live Match

जिया उल उक (बाएं) और राजीव गांधी. Wikimedia

अपनी बात से पलट गए थे जिया उल हक?
इस मुलाकात से कुछ महीने पहले जिया उल हक और राजीव गांधी अमेरिका में मिल चुके थे. तब दोनों देशों ने परमाणु हथियारों की रेस से अपने कदम पीछे खींचने की बात कही थी. 24 अक्टूबर 1985 की ‘वॉशिंगटन पोस्ट’ की एक रिपोर्ट बताती है कि जिया उल हक और राजीव गांधी पहले, संयुक्त रूप से अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन से मिले. फिर दोनों नेताओं की अलग मुलाकात भी हुई.

वाशिंगटन पोस्ट के मुताबिक इस बातचीत के बाद पाकिस्तानी प्रवक्ता ने कहा, ‘दोनों नेताओं के बीच परमाणु अप्रसार के मसले पर सहमति बन गई है…’ हालांकि भारतीय प्रवक्ता शारदा प्रसाद ने इस बात से साफ इनकार कर दिया था. उन्होंने कहा था, ‘इस तरह का कोई समझौता नहीं हुआ..’

लौटते हैं 1987 पर…
भारत और पाकिस्तान के बीच जयपुर में खेला गया वो टेस्ट मैच तो ड्रॉ हो गया लेकिन ‘क्रिकेट डिप्लोमेसी’ के उस शोर में भारत विजेता बनकर उभरा था. भारतीय सेना उत्तरी सीमा पर पाकिस्तानी फौज को पीछे धकेलने में कामयाब रही थी. 1987 के बाद तमाम मौके आए जब ‘क्रिकेट डिप्लोमेसी’ दोनों देशों को करीब लाने का जरिया बनी. 1999 में खुद प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने मैदान पर जाकर पाकिस्तानी टीम का स्वागत किया.

match score, live match, india pakistan

डॉ. मनमोहन सिंह और यूसुफ गिलानी. File Photo

1999 से 2011 का दौर
26 नवंबर 2008 को मुंबई पर बर्बर आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के रिश्ते तल्ख हो गए. करीबन 3 साल बाद संबंध पटरी पर लौटा तो इसका जरिया भी ‘क्रिकेट डिप्लोमेसी’ बना. 2011 में भारतीय प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निमंत्रण पर पाकिस्तानी पीएम यूसुफ गिलानी भारत-पाकिस्तान का मैच देखने पहुंचे.

Tags: Cricket news, India pakistan, India pakistan cricket team match, India Pakistan match, India Pakistan Relations


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *