नई दिल्ली11 मिनट पहले
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चटपटा पकवान हर कोई चटकारे लेकर खाना चाहता है। लेकिन क्या कभी सोचा है ऐसा तीखा और चटपटा खाना सेहत को खराब कर सकता है। तेज मसाला और तेल खाने से हजारों बीमारियां शरीर में घर करने लगती हैं। आज ‘जान-जहान’ में डायटिशियन अनु अग्रवाल से ज्यादा मसालेदार खाना खाने के नुकसान के बारे में जानते हैं।
पेट खराब करता है
कभी- कभी तो ठीक है लेकिन रोजाना मसालेदार खाने खाने से पेट खराब और लूज मोशन हो सकता है। मिर्च-मसालों में कैप्साइसिन होता है जिसे ज्यादा खाने से पेट की परत को नुकसान पहुंचता है।
इसलिए मसाला खाने के बाद पेट में जलन होती है। कैप्साइसिन खाने से मितली, उल्टी, पेट में दर्द और जलन और लूज मोशन की वजह बनता है। मसालेदार डाइट लेने के बाद सीने में जलन और गैस की परेशानी महसूस होती है।
गैस की समस्या
ज्यादा तेल मसालों से भरपूर डाइट लेते हैं, तो शरीर का पीएच बैलेंस खराब होता है। शरीर का एक अपना पीएच लेवल है जो कि एसिडिटी भी है और बेसिक भी। ज्यादा तेल मसाले वाली चीजों में मिर्च, तीखे हर्ब्स और तेज मसालों का एक बड़ी मात्रा में इस्तेमाल किया जाता है जो पित्त बढ़ता है और ज्यादा एसिड का प्रोडक्शन करते हैं।
इसकी वजह से इन्हें खाते ही शरीर में एसिडिटी की बनने लगती है और सीने में जलन, गैस और पेट में सूजन महसूस होती है।
अल्सर की परेशानी हो सकती है
कैप्साइसिन पेट एसिड के प्रोडक्शन को बढ़ाता है, जिससे गैस्ट्रिक अल्सर और पेप्टिक अल्सर की बीमारी हो सकती है। ये दोनों पेट के अंदर जख्म बनाते हैं। ज्यादा तीखा खाना आंतों की बीमारी जैसे कोलाइटिस का कारण बन सकता है।
लिवर की समस्या
स्पाइसी डाइट लिवर के लिए जहर से कम नहीं है। ज्यादा तेल मसाले वाले खाने का तेल लिवर से जा कर चिपक जाता है और लिवर में फैट जमने लगता है जो कि फैटी लिवर का कारण बनता है।
तेल मसाले लिवर को भी डैमेज करने लगते हैं जिससे लिवर सिरोसिस की समस्या हो सकती है। लंबे समय तक तीखा खाने से हेपेटाइटिस और पीलिया भी हो सकता है।
मोटापा की वजह है स्पाइसी डाइट
मोटापा का दो बड़े कारण रहे हैं। पहले तो शरीर में ट्रांस फैट यानी कि अनहेल्दी फैट का ज्यादा जमा होना और दूसरा मेटाबॉलिज्म का धीमा हो जाना। ज्यादा तेल मसाला खाने से ये दोनों ही नुकसान होते हैं।
ज्यादा तेल मसाले वाले खाने में कैलोरी की मात्रा ज्यादा होती है जिससे ये वजन बढ़ाता है।
दूसरा ये कि इसमें ट्रांस फैट यानी कि अनहेल्दी फैट की मात्रा ज्यादा होती है जिससे ये शरीर के अलग अलग टिशू में चिपक जाते हैं और मोटापा का कारण बनते हैं। तीसरा-तेल मसाला वाला खाना चिकने प्रकृति के होते हैं, जो कि मेटाबॉलिज्म को स्लो कर देते हैं और खाना पचाने और वजन घटाने की प्रक्रिया को धीमा करते हैं।
गुड बैक्टीरिया का नुकसान
ज्यादा तेल मसाले वाला खाने को खाने से ये पेट के गुड बैक्टीरिया को नुकसान पहुंचाते हैं। दरअसल, ये आंत के माइक्रोबायोम को खराब कर सकता है और गुड बैक्टीरिया को नुकसान पहुंचाते हैं जो कि खाना पचाने और हमारे हेल्दी मेटाबोलिज्म के लिए बेहद जरूरी है।
ये सभी शरीर में डायबिटीज, मोटापा और अन्य बीमारियों के खतरे को बढ़ाता है। इसलिए पेट के गुड बैक्टीरिया को स्वस्थ रखने के लिए प्रीबायोटिक और प्रोबायोटिक फूड्स खा सकते।
स्किन की सेहत बिगाड़े तेल मसाला
तेल मसाले वाले चिकने भोजन ऑयली स्किन का कारण हो सकते हैं। साथ ही ये शरीर में हार्मोनल असंतुलन का कारण भी बनते हैं जिससे एक्ने और पिंपल्स की समस्या बढ़ती है।
साथ ही मसालेदार भोजन पेट में सूजन पैदा करता है और जिसके लक्षणों के रूप में आप एक्जिमा महसूस कर सकते हैं। स्पाइसी डाइट में रिसेप्टर्स को एक्टिव करते हैं जो नॉर्मली शरीर की गर्मी बढ़ाते हैं जिससे एक्ने की परेशानी और बढ़ सकती है।
मसालेदार खाना खाने से एसिड का प्रोडक्शन बढ़ता है।
नींद में खलल डाले स्पाइसी फूड
ज्यादा स्पाइसी डाइट लेते हैं तो इसे लंच तक ही सीमित रखें। ज्यादा मसालेदार डिनर करने से ये खाना नींद में खलल डाल सकता है। रात में इसे खाने के बाद एसिड रिफ्लक्स की समस्या हो सकती है। मसालेदार खाना खा कर सोने के बाद गैस बनती है या बदहजमी हो सकती है। जिससे पूरी रात नींद खराब होगी और दिन भर सुस्ती और आलस महसूस करेंगे।
दिल की बीमारियों का खतरा
तेल मसाले वाले खाने में ट्रांस फैट होता है जो कि कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है। कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से ब्लड प्रेशर पर इसका असर होता है यानी ब्लड को पास होने में दिक्कत पैदा होती है, जो हाई ब्लड प्रेशर का कारण बनता है। इससे दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। वजन बढ़ाने के साथ-साथ डायबिटीज को इम्बैलेंस करता है जिससे भी उनमें हार्ट अटैक आने का खतरा बढ़ जाता है।
प्रेग्नेंट और ब्रेस्टफीड कराने वाली महिलाएं रहें दूर
प्रेग्नेंट और ब्रेस्टफीड कराने वाली महिलाओं के लिए भी ज्यादा तेल मसाले वाला खाना खाना नुकसानदेह है। ये प्रेग्नेंसी में गैस की समस्या को बढ़ाता है और ब्रेस्ट फीड करवाने वाली महिलाओं में ब्रेस्ट मिल्क के प्रोडक्शन और उसके स्वाद को प्रभावित करता है। इसलिए इन दोनों ही स्थितियों में महिलाओं को ज्यादा तेल मसाले वाले खाने को खाने से बचना चाहिए।
डिस्क्लेमर-चटपटा और मसालेदार खाना पसंद है तो कोशिश करें कि इसे कम मात्रा में खाएं। तला-भुना खाने की जगह उबली चीजों को खाएं। कोशिश करें