महेश भट्ट की क्लासिक फिल्म ‘जनम’ पर होगा नाटक का प्रदर्शन, डायरेक्टर ने खुद दी जानकारी, जानें क्या रहेगी कहानी


मुंबई. साल 1985 में रिलीज हुई ‘जनम’ दिग्गज फिल्ममेकर महेश भट्ट की एक क्लासिक फिल्म है. ‘अर्थ’ ‘डैडी’ और ‘हमारी अधूरी कहानी’ के बाद बहुत जल्द ‘जनम’ फिल्म पर भी आधारित नाटक देखने को मिलेगा. समाज में ऐसे बिरले शख्स होते हैं जो अपने जीवन की किताब के पन्ने खोलकर उसके राज को दुनिया के सामने उजागर करने का साहस रखते हों. इस लिहाज से ‘जनम’ एक ऐतिहासिक फिल्म है. इसमें राहुल नाम के एक नाजायज बेटे के संघर्ष की कहानी कही गई है.

राहुल अपने पिता की तरह मशहूर होना चाहता है, यानी वह महत्वाकांक्षी फिल्म प्रोड्यूसर है, लेकिन उसके साथ कई दुश्वारियां हैं. ना पिता का सपोर्ट है, ना उसके पास अच्छी स्क्रिप्ट है और ना ही फिल्म बनाने के लिए पैसे. ऐसे में उसका एक दोस्त उसे मदद करता है फिर बाद में उसकी गर्लफ्रेंड उसकी जिंदगी को बड़ा संबल देती है. लेकिन राहुल की असली पीड़ा अपने पिता की नजरों में स्वीकार किये जाने की है.

हैं. जाहिद को हाल ही की फिल्म ‘अब दिल्ली दूर नहीं’ में एक बिहारी आईएएस एस्पीरेंट अभय शुक्ला के दमदार भूमिका के लिए जाना जाता है.

वास्तव में यह कहानी हमारे समय के चर्चित फिल्म निर्माता महेश भट्ट की जिंदगी के आस-पास घूमती है. इस फिल्म को भी उन्होंने उसी शिद्दत के साथ लिखा जैसा कि अपनी जिंदगी में भोगा था. गौरतलब है कि महेश भट्ट की दूसरी ऑटोबायोग्राफिकल फिल्में मसलन ‘जख्म’ और ‘नाम’ को तो याद किया जाता है लेकिन ‘जनम’ जैसी अहम फिल्म कहीं खो-सी गई. मानों वक्त की धूल की परतों में दब गई. कुमार गौरव और शेरनाज़ पटेल की मुख्य भूमिकाओं वाली 16MM की यह फिल्म दूरदर्शन के लिए बनाई गई थी. जिसे उस वक्त काफी सराहा गया था.

अब फिल्म की कहानी पर दर्शकों के लिए आ रहा नाटक
अब जल्द ही यह फिल्म नाट्य रूप में स्टेज पर देखने को मिलेगी. इस नाटक में महेश भट्ट के शिष्य इमरान जाहिद मुख्य भूमिका निभाएंगे. इमरान जाहिद इससे पहले इराकी पत्रकार मुंतधर अल-जैदी की किताब पर आधारित ‘द लास्ट सैल्यूट’ जैसे उल्लेखनीय नाटकों और ‘अर्थ’ ‘डैडी’ और ‘हमारी अधूरी कहानी’ जैसी महेश भट्ट की कई फिल्मों के नाट्य रूपांतरणों में अभिनय कर चुके हैं. जाहिद को हाल ही की फिल्म ‘अब दिल्ली दूर नहीं’ में एक बिहारी आईएएस एस्पीरेंट अभय शुक्ला के दमदार भूमिका के लिए जाना जाता है. ‘जनम’ का नाट्य रुपांतरण जाने माने टीवी पर्सनाल्टी और स्क्रीन राइटर दिनेश गौतम ने किया है, जो इससे पहले फ़िल्म ‘अब दिल्ली दूर नहीं’ की कहानी और पटकथा के साथ ‘बात निकलेगी तो’ और ‘डैडी’ नाम के मशहूर नाटक भी लिख चुके हैं.

कुमार गौरव और शेरनाज़ पटेल की मुख्य भूमिकाओं वाली 16MM की यह फिल्म दूरदर्शन के लिए बनाई गई थी. जिसे उस वक्त काफी सराहा गया था.

महेश भट्ट ने खुद दी फिल्म की जानकारी
अपनी इस फिल्म के बारे में बात करते हुए महेश भट्ट नॉस्टेल्जिया से भर जाते हैं. वो कहते हैं- मैंने जो बनाया है, वह सार्वजनिक है, अब सिर्फ मेरा नहीं रह गया. हालांकि इतने साल हो गए हमारी भावनाएं अभी भी उससे जुड़ी हुई हैं. ‘जनम’ का प्रसारण 1985 में हुआ था और पहली बार मेरी याददाश्त में फिल्म खत्म होने तक 14 मिनट की देरी हुई थी. उस समय यह एक अभूतपूर्व बात थी.

फिल्म को बहुत प्रशंसा मिली और इसे 1986 के भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) के पैनोरमा खंड में शामिल किया गया. ‘जनम’ फिल्म में मुख्य भूमिका निभाने वाला कलाकार गुमनाम हो गया, ऐसे में ‘जनम’ फिल्म भी कहीं खो गई. ‘अर्थ’ और ‘डैडी’ नाटक की सफलता का स्वाद चखने के बाद जाहिद सातवें आसमान पर हैं. महेश भट्ट कहते हैं, ‘जनम’ एक कठिन स्क्रिप्ट है, लेकिन यह जानकर अच्छा लगा कि इमरान ने सटीक निशाना साधने का संकल्प लिया है.’

सामाजिक कलंक का नहीं था कोई भय
महेश भट्ट आगे कहते हैं – ‘मुझमें कभी कोई ऐसा बोध नहीं था जो सामाजिक कलंक से डरा हो. मुझे इससे कोई भय नहीं था, हालांकि जब मैंने ‘जनम’ बनाई तो मेरा परिवार नाराज था और बिल्कुल भी खुश नहीं था. क्योंकि फिल्म समाज के मौजूदा मानदंडों के खिलाफ सामाजिक क्षेत्र में लड़ने और उससे अलग होने को लेकर थी. फिल्म का नाट्य रुपांतरण सिर्फ अतीत में डूबना नहीं है, बल्कि इस अहसास के लिए है कि कभी-कभी पुनरावृत्ति इतिहास को फिर से बना सकती है.’

महेश भट्ट आगे यह भी जोड़ते हैं कि ‘खुद को जन्म देने का वह विचार अब भी बहुत प्रासंगिक है. यह एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जो दुनिया की परिपाटी में परिभाषित होने से इनकार करता है, क्योंकि वह अपना भाग्य खुद बनाना चाहता है. मेरे परिवार को यह जानकर काफी सुखद आश्चर्य होगा कि इतने सालों बाद भी कोई व्यक्ति बीते दिनों की याद को फिर से प्रासंगिक मान रहा है.’

वास्तव में यह कहानी हमारे समय के चर्चित फिल्म निर्माता महेश भट्ट की जिंदगी के आस-पास घूमती है.

स्क्रिप्ट लिखने वाले दिनेश गौतम ने बताई जानकारी
‘जनम’ को रंगमंच पर उतारने वाले पटकथा लेखक दिनेश गौतम कहते हैं- ‘इमरान और महेश जी साथ आते हैं तो कमाल होना तय है. इन दोनों के साथ बैठक के बाद ये निश्चित हुआ कि अब महेश जी की फिल्म ‘जनम’ पर काम किया जाए. वैसे तो महेश जी की हर फ़िल्म में उनके असल जीवन की झलक मिलती है. पर जनम से बड़ा कुछ नहीं क्योंकि ‘जनम’ से ही किसी का भी पूरा जीवन, पूरा वजूद जुड़ा होता है.

सामाजिक वर्जनाओं के बीच मिला जीवन उसे फिल्म में उतारना और दुनिया के सामने ये बात स्वीकारना ये हिम्मत की बात है. इसी हिम्मत का नाम है महेश भट्ट. उनकी बनाई किसी भी फ़िल्म को किसी भी तौर पर दोहराना बेहद चुनौती भरा होता है. लेकिन महेश जी का इस दोहराव की प्रक्रिया में भी साथ रह कर हौसला देते रहना इस काम को मुमकिन बनाता है. ‘जनम’ और ‘डैडी’ को लिखते हुए मेरा यही अनुभव रहा है.’

Tags: Mahesh bhatt


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *