मैंने अंपायरों को अक्सर ऊंघते हुए देखा है, होना चाहिए डोप टेस्ट… स्टार क्रिकेटर के खुलासे से BCCI पर उठे सवाल


नई दिल्ली. खेलों में डोप टेस्ट कोई नहीं बात नहीं है. सब जानते हैं कि डोप टेस्ट सिर्फ खिलाड़ियों का होता है, रेफरी या अंपायरों का नहीं. लेकिन भारत के पूर्व क्रिकेटर के एक बयान ने अंपायरों को भी शक के घेरे में ला दिया है. एमएस धोनी (MS Dhoni) से सवाल पूछने की इच्छा जता चुके मनोज तिवारी (Manoj Tiwary) ने अब कहा है कि उन्होंने अंपायरों को अक्सर ऊंघते हुए देखा है, जो क्रिकेट के लिए बिलकुल भी अच्छी बात नहीं है.

38 साल के मनोज तिवारी ने ‘इंडियन एक्सप्रेस’ से बातचीत में कहा, ‘खिलाड़ियों को डोप टेस्ट तो होता ही है, लेकिन अंपायरों को भी इसके दायरे में लाना चाहिए. मैंने कई बार अंपायरों को ऊंघते हुए पाया है. जब मैंने उनसे पूछा कि सर क्या आपने रात में ड्रिंक किया है. तो जवाब मिला कि मुझे व्हिस्की पसंद है.’

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बंगाल के मनोज तिवारी (Manoj Tiwary) आगे कहते हैं कि बीसीसीआई को अंपायरों की भर्ती करने से पहले उनका आई टेस्ट भी कराना चाहिए. मनोज तिवारी ने मौजूदा रणजी सीजन में बंगाल का सफर खत्म होते ही क्रिकेट से संन्यास ले लिया है. तिवारी बंगाल की ममता बनर्जी सरकार में खेल मंत्री भी हैं. मनोज तिवारी ने हाल ही में रणजी ट्रॉफी को खत्म करने की मांग की थी.

भारत के लिए 12 वनडे मैच खेल चुके मनोज तिवारी ने हाल ही में कहा था कि एमएस धोनी (MS Dhoni) ने उन्हें शतक लगाने के बावजूद ड्रॉप कर दिया था. अगर ऐसा नहीं होता तो वे भी आज विराट कोहली या रोहित शर्मा जैसे कामयाब क्रिकेटरों में गिने जाते. मनोज तिवारी का कहना है कि जब वे एमएस धोनी से मिलेंगे तो यह सवाल जरूर पूछेंगे कि उन्हें क्यों ड्रॉप किया गया था.

Tags: BCCI, Manoj tiwary, Ranji Trophy


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