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मरीजों में ज्यादातर महिलाएं
जानकारी के अनुसार फूड पॉइजनिंग के शिकार मरीजों में अधिकांश महिलाएं हैं। डॉ. पालीवाल ने बताया कि ज्यादातर मरीजों का एक ड्रिप लगाकर या इंजेक्शन देकर उपचार किया गया और बाद में उन्हें छुट्टी दे दी गई। उन्होंने बताया कि जिले में और कहीं से इस तरह का मामला अब तक सामने नहीं आया है। सीएमएचओ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जिले भर के चिकित्सा अधिकारियों से बात की। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जिलावासियों से उक्त ब्रांड का भगर खाने से बचने की हिदायत दी गई है।
पूर्व में हो चुकी बड़ी घटना
उपवास के दौरान खाए जाने वाले भगर से फूड पॉइजनिंग का यह पहला मामला नहीं है। गत वर्ष मार्च माह में ऐसा ही बड़ा मामला सामने आया था। तब एक ब्रांड विशेष की भगर खाने से जैसलमेर शहर समेत देवड़ा, चेलक, रामदेवरा, मोहनगढ़, रामा, पोकरण आदि में 250 से ज्यादा लोगों की तबीयत बिगड़ गई थी। उस समय जिला मुख्यालय स्थित जवाहिर चिकित्सालय में मरीजों की इतनी भारी तादाद हो गई थी कि उनका उपचार करने के लिए उन्हें ट्रोमा सेंटर और कोरोना वार्ड तक में भर्ती करना पड़ा था।