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प्रदेश में दिवाली पर सामान्य दिनों की अपेक्षा फूड प्वायजनिंग के 28 फीसदी और सड़क दुर्घटना के 23 फीसदी मरीजों की बढ़ोतरी हो जाती है। तेज आवाज और धुएं से सांस के छह फीसदी और मानसिक रोग के 10 फीसदी मरीज बढ़ जाते हैं। यह खुलासा हुआ है स्वास्थ्य विभाग की एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाए जाने वाले मरीजों की विश्लेषण रिपोर्ट से। इस रिपोर्ट के आधार पर अस्पतालों में अतिरिक्त व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं।
सामान्य दिनों में एंबुलेंस के जरिये अस्पतालों की इमरजेंसी में मानसिक रोग के पांच मरीज पहुंचाए जाते हैं। लेकिन पिछले साल दिवाली पर इनकी संख्या बढ़कर छह हो गई। इस तरह करीब 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। ऐसे ही सांस के रोगी 398 से बढ़कर 421 हो गए। विभिन्न तरह के प्वॉयजनिंग के मरीजों की संख्या 60 से बढ़कर 77, बिना वाहन से होने वाली दुर्घटना के केस 1085 से बढ़कर 1395 हो गए। वाहन से दुर्घटना के केस 798 से बढ़कर 984 हो गए। इस तरह बिना वाहन वाले मरीजों की संख्या में करीब 29 फीसदी और वाहन से दुर्घटना वाले मरीजों की संख्या में करीब 23 फीसदी की वृद्धि हुई है। पिछले साल के इस डाटा के आधार पर इस वर्ष सभी अस्पतालों में अतिरिक्त तैयारी की गई है।
एंबुलेंस संचालन कंपनी ईएमआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विसेज के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट टीवीएसके रेड्डी ने बताया कि पिछले साल के आंकड़ों से सबक लेते हुए इस वर्ष दिवाली पर अतिरिक्त टीम लगाई गई है। निगरानी में लगे अफसरों को भी सेक्शनवार जिम्मेदारी दी गई है ताकि मरीजों को कम से कम समय में अस्पताल पहुंचाया जा सके।
कोविड के दौरान बढ़े थे मानसिक रोगी
सामान्य दिनों की अपेक्षा कोविड के दौरान दिवाली पर वर्ष 2020 व 2021 में मानसिक रोगियों की संख्या में 25 फीसदी बढ़ गई थी, जबकि वर्ष 2021 में बिना वाहन वाले दुर्घटना के केस 21 फीसदी और वाहन से दुर्घटना के सिर्फ पांच फीसदी केस बढ़े थे।
एक्सपर्ट की सलाह पर करें अमल
दिवाली पर धुएं व आवाज वाले पटाखें न जलाएं। क्योंकि धुआं व आवाज सांस, हृदय, मानसिक रोग के मरीजों, बुजुर्गों और बच्चों के लिए नुकसानदेह है। तेज आवाज से मानसिक रोगियों में बेचैनी होती है। सांस के मरीजों का दम घुटने लगता है। इससे वार्डों में अतिरिक्त व्यवस्था की गई है। – डॉ. विक्रम सिंह, अधीक्षक लोहिया संस्थान
त्योहार पर मिलावटी मिठाइयां ज्यादा बाजार में बिकती हैं। इसके खाने के बाद पेट संबंधी बीमारियां हो सकती हैं। उल्टी, दस्त अथवा अन्य किसी तरह की बेचैनी होने पर तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें। ज्यादा मिठाइयां न खाएं।- डॉ. अनिल गंगवार, गैस्ट्रोलॉजिस्ट व पूर्व असिस्टेंट प्रोफेसर केजीएमयू