ये मेरी फैमिली रिव्यू: शरारती अंगद राज ने दिलाई बचपन की याद


Yeh Meri Family Season 3 Review: क्राइम थ्रिलर के बीच आता है एक ऐसा शो जो याद दिलाए हमें पुराने दिनों की जब फोन से ज्यादा वक्त हम दोस्तों और घरवालों के साथ बातें और कई कहानियां सुनने – सुनाने में बिताते थे. वो वक्त जब गर्मियों की छुट्टियों का इंतजार होता था, पहले क्रश से आमने सामने बात करने में भी डर लगता था. बस ऐसी ही कुछ यादें ताजा की थी TVF के शो ये मेरी फैमिली ने जब इसका सीजन 1 आया था. और अब सीजन 3 भी रिलीज हो गया है जहां अवस्थी परिवार आया है अपनी जिंदगी की झलक दिखाने. पर क्या इस सीजन में भी है वो पहले सीजन वाली बात, चलिए जानते हैं.

कहानी
कहानी 1995 के दौर को दिखाती है जहां अवस्थी परिवार में रोज की हलचल चल रही है. दूसरे सीजन में शो की कास्ट को बदला गया था जहां राजेश कुमार और जूही परमार बने माता पिता. वही कास्ट इस बार भी दिखी लेकिन इस बार कहानी घर के छोटे बेटे 11 साल के ऋषि के नजरिए से दिखाई गई. हर एपिसोड में एक किस्से को दिखाया गया है, होली खेलने की वो खुशी, बच्चों का बुली करना और पहले क्रश से कैसे भी करके दोस्ती करना. कुछ इसी तरह के मुद्दे दिखे हर एपिसोड में जहां हंसी भी आती है और पुराने टाइम की याद भी. 5 एपिसोड का सीजन है ये जिसका हर एपिसोड तकरीबन 30 से 40 मिनट के करीब है.

कैसी है सीरीज
अवस्थी परिवार से आप रिलेट तो कर पाएंगे लेकिन वो बात नहीं फील होती जो सबसे पहले सीजन में थी जब मोना सिंह ने उसे लीड किया था. इस बार कहानी का फोकस पूरी तरह से अवस्थी परिवार के बीच के मुद्दों पर रखा गया लेकिन 90s की वो बात जिसके लिए ये शो हमें सबसे ज्यादा पसंद आया था, वो कहीं फीकी पड़ती दिखी. जिन लोगों ने दूसरा सीजन पसंद किया था उन्हें ये भी पसंद आएगा क्योंकि किस्से आपको बचपन की याद भी दिलाएंगे और एक्टर्स की एक्टिंग भी जबरदस्त है. खासतौर पर होली वाला एपिसोड आपको उस Nostalgia Trip पर ले जाएगा जहां सिर्फ मस्ती भरी यादें हैं.

एक्टिंग
इस सीजन के स्टार रहे हैं अंगद राज जिन्होंने यहां ऋषि का किरदार निभाया है. उस बच्चे की क्यूटनेस आपका दिल जीत लेगी. कई जगह आपको अपना शरारत से भरा बचपन अच्छे से याद आएगा. वहीं जूही परमार और राजेश कुमार ने पिछली बार की तरह इस बार भी कमाल का काम ही किया है और रितिका बनी हेतल में आपको अपनी बड़ी बहन की झलक भी कई बार दिख सकती है. इस सीजन में भाई बहन के बीच के खट्टे मीठे रिश्ते को भी अच्छे से एक्सप्लोर किया गया लेकिन तब भी आपको लगेगा की कुछ नया क्यों नहीं दिखा. बाकि सपोर्टिंग एक्टर्स ने भी ये मेरी फैमिली में अच्छा काम ही किया.

डायरेक्शन और प्रोडक्शन
ये सीजन एक एंटरटेनिंग फैमिली ड्रामा की तरह ही निकला जहां राहिब सिद्दीकी ने एक्टर्स के इमोशंस को अच्छे से दिखाया तो लेकिन लूस राइटिंग की वजह से सीरीज में ना ही वो नयापन और ना वो 90s का चार्म दिखा जिसकी कमी कई जगह खली. प्रोडक्शन की बात करें और कैमरा वर्क की तो वहां अच्छा काम हुआ, कई इमोशनल सीन को शूट बेहतरीन तरीके से किया गया जहां आप उन किरदारों के लिए फील करते हैं. वो वी की आर का जमाना, वो घर में कभी भी घंटों के लिए लाइट चले जाना, ये कुछ ऐसे पल हैं जहां आपकी कई पुरानी यादें ताजा हो जाएंगी.

इस सीजन को देखिएगा तो अपने परिवार के साथ तसल्ली से बैठकर और करिये अपने परिवार के साथ बिताए गए वो पुराने दिन जिनपर आज की बिजी जिंदगी में हम बात नहीं कर पाते.

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