ललित झा नहीं मनोरंजन डी है संसद सुरक्षा चूक मामले का मास्टरमाइंड, नॉर्को और पॉलीग्राफी टेस्ट में खुलासा !


संसद सुरक्षा चूक मामले में पांच आरोपियों के पॉलीग्राफी, नार्को टेस्ट और ब्रेन मैपिंग परीक्षणों के बाद दिल्ली वापस लाए जाने के एक दिन बाद, पुलिस सूत्रों ने दावा किया है कि इस घटना का मास्टरमाइंड मनोरंजन डी था. इससे पहले पुलिस ने कहा था कि 13 दिसंबर की घटना का मास्टरमाइंड ललित झा ही है.

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सभी छह आरोपियों सागर शर्मा, मनोरंजन डी, अमोल शिंदे, नीलम आजाद, ललित झा और महेश कुमावत को शनिवार को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, नीलम को छोड़कर बाकी पांच आरोपियों को 8 दिसंबर को पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए गुजरात ले जाया गया था. सागर और मनोरंजन को भी नैरो-एनालिसिस और ब्रेन मैपिंग टेस्ट से गुजरना पड़ा. नीलम ने अदालत के सामने इन सभी जांचों के लिए सहमति नहीं दी थी.

ललित नहीं मनोरंजन डी है मास्टरमाइंड

अब तक की जांच और पूछताछ से पता चला है कि आरोपियों ने सरकार को मैसेज देने की योजना बनाई थी. आरोपियों ने खुलासा किया है कि वे बेरोजगारी, मणिपुर संकट और किसान आंदोलन के मुद्दों से परेशान थे.

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एक पुलिस सूत्र ने कहा, नार्को और ब्रेन मैपिंग टेस्ट से संकेत मिला है कि मनोरंजन संसद सुरक्षा चूक मामले का मास्टरमाइंड था. एक अन्य सूत्र के मुताबिक, जांचकर्ता कुछ फोरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं और कुछ और लोगों से पूछताछ की जानी बाकी हैं. 

संसद पर आतंकी हमले की बरसी के दिन हुई थी चूक

13 दिसंबर 2001 को संसद पर हुए आतंकवादी हमले की बरसी पर एक बड़ी सुरक्षा चूक हुई थी. आरोपी सागर शर्मा और मनोरंजन डी शून्यकाल के दौरान संसद की  गैलरी से लोकसभा कक्ष में कूद गया था रंगीन स्मोक कैन छोड़कर नारे लगाए थे.

बाद में उन्हें सुरक्षाकर्मियों ने पकड़ लिया था. उसी समय, दो अन्य आरोपी शिंदे और आजाद ने भी संसद परिसर के बाहर “तानाशाही नहीं चलेगी” चिल्लाते हुए स्मोक कैन का इस्तेमाल किया था.

 


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