नयी दिल्ली, 18 अक्टूबर (भाषा) सरकार को ‘वर्ल्ड फूड इंडिया’ के दूसरे संस्करण में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में 75,000 करोड़ रुपये का निवेश मिलने की उम्मीद है। ‘वर्ल्ड फूड इंडिया’ के दूसरे संस्करण का आयोजन राष्ट्रीय राजधानी में तीन से पांच नवंबर तक किया जा रहा है।
इसके पहले संस्करण का आयोजन 2017 में हुआ था। लेकिन उसके बाद के वर्षों में कोविड-19 महामारी की वजह से इस अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम का आयोजन नहीं हो सका था।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्यमंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने बुधवार को बताया, ‘‘हमने प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) से यहां प्रगति मैदान में आयोजित होने वाले वर्ल्ड फूड इंडिया (डब्ल्यूएफआई)-2023 का उद्घाटन करने का अनुरोध किया है। समापन समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मौजूद रहेंगी।’’
उन्होंने कहा कि देश के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में निवेश की काफी संभावनाएं हैं। ‘‘कुछ कंपनियां पहले ही सांकेतिक रूप से निवेश प्रतिबद्धता जता चुकी हैं जिसकी घोषणा वर्ल्ड फूड इंडिया-2023 के दौरान की जाएगी।
मंत्री ने कहा, ‘‘रणनीतिक कारणों से चीन को इस कार्यक्रम के लिए आमंत्रित नहीं किया गया है।’’
उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में 16 देश, 23 राज्य सरकारें, 11 केंद्रीय मंत्रालय और केंद्रीय निकाय भाग लेंगे। इसमें 950 प्रदर्शकों और 75,000 आगंतुकों के आने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि वर्ल्ड फूड इंडिया-2023 के लिए नीदरलैंड भागीदार देश होगा, जबकि जापान और वियतनाम केंद्रित देश होंगे।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में अतिरिक्त सचिव मिन्हाज आलम ने अपनी प्रस्तुति में कहा कि विभिन्न कंपनियों से पहले ही करीब 642 करोड़ रुपये के सांकेतिक निवेश की प्रतिबद्धता मिल चुकी है। इसके अलावा कुछ विदेशी कंपनियों ने भी मौखिक रूप से निवेश का भरोसा दिलाया है।
आलम ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम इस बार 75,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की उम्मीद कर रहे हैं।’’
वर्ल्ड फूड इंडिया के पहले संस्करण में मिली निवेश प्रतिबद्धताओं पर उन्होंने कहा, ‘‘हमें 75,000 करोड़ रुपये की निवेश प्रतिबद्धताएं मिली थीं। इसमें से 23,000 करोड़ रुपये का निवेश आ चुका है।’’
भाषा अजय अजय
अजय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.