नयी दिल्ली, दो नवंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को एक लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को शुरुआती (सीड) पूंजी सहायता वितरित करेंगे और राष्ट्रीय राजधानी में ‘वर्ल्ड फूड इंडिया 2023’ के दूसरे संस्करण के तहत एक ‘फूड स्ट्रीट’ का उद्घाटन करेंगे।
इसका पहला संस्करण वर्ष 2017 में आयोजित किया गया था, लेकिन बाद के वर्षों में कोविड-19 महामारी के कारण इस अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम का आयोजन नहीं हो सका।
मोदी राष्ट्रीय राजधानी के भारत मंडपम में वर्ल्ड फूड इंडिया के दूसरे संस्करण का उद्घाटन करेंगे। तीन दिन के कार्यक्रम का समापन पांच नवंबर को होगा।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री एसएचजी को मजबूत करने के उद्देश्य से एक लाख से अधिक एसएचजी सदस्यों के लिए शुरुआती पूंजी सहायता’ वितरित करेंगे।
एक सरकारी बयान में कहा गया है कि इस समर्थन से एसएचजी को बेहतर पैकेजिंग और गुणवत्तापूर्ण विनिर्माण के माध्यम से बाजार में बेहतर मूल्य प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
मोदी, वर्ल्ड फूड इंडिया-2023 के तहत एक ‘फूड स्ट्रीट’ का भी उद्घाटन करेंगे। इसमें क्षेत्रीय व्यंजनों और शाही पाक विरासत को दिखाया जाएगा, जिसमें 200 से अधिक ‘शेफ’ भाग लेंगे और पारंपरिक भारतीय व्यंजन पेश करेंगे।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत को ‘दुनिया की खाद्य टोकरी’ के रूप में प्रदर्शित करना और वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष के रूप में मनाना है।
यह सरकारी निकायों, उद्योग के पेशेवरों, किसानों, उद्यमियों और अन्य अंशधारकों को चर्चा में शामिल होने, साझेदारी स्थापित करने और कृषि-खाद्य क्षेत्र में निवेश के अवसरों का पता लगाने के लिए एक नेटवर्किंग और व्यापार मंच प्रदान करेगा।
निवेश और कारोबार सुगमता को बेहतर करने के लिए सीईओ गोलमेज बैठकें होंगी।
यह आयोजन प्रमुख खाद्य प्रसंस्करण कंपनियों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों सहित 80 से अधिक देशों के प्रतिभागियों की मेजबानी करने के लिए तैयार है। इसमें 1,200 से अधिक विदेशी खरीदारों के साथ ‘रिवर्स बायर सेलर मीट’ की भी सुविधा होगी।
नीदरलैंड भागीदार देश के रूप में काम करेगा, जबकि जापान इस आयोजन का फोकस देश होगा।
भाषा राजेश राजेश अजय
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