विद्रोह की सजा…UN ने मिडिल ईस्ट के इस देश में रोकी फूड सप्लाई, लाखों लोगों पर भूख का संकट


विद्रोह की सजा...UN ने मिडिल ईस्ट के इस देश में रोकी फूड सप्लाई, लाखों लोगों पर भूख का संकट

UN ने मिडिल ईस्ट के इस देश में रोकी फूड सप्लाई

यूनाइडेट नेशन ने युद्ध प्रभावित यमन में फूड सप्लाई रोक दी है. इससे लाखों लोगों पर भूख का सकंट छा गया है. विद्रोह की कार्रवाई के तहत संयुक्त राष्ट्र ने मिडिल ईस्ट के इस देश में ऐसा किया है. यूनाइडेड नेशन फूड एजेंसी उन इलाकों में फूड सप्लाई रोकी है, जहां ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों का कब्जा है. संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि हूती विद्रोही उसके एग्रीमेंट को फॉलो नहीं कर रहे हैं इसलिए ऐसा किया गया है.

एजेंसी ने एक बयान में कहा कि लिमिटेड फंडिंग और हूती अथॉरिटीज के साथ एग्रीमेंट में खामियों के चलते यमन में फूड सप्लाई रोकी गई है. एजेंसी ने कहा कि डोनर्स के साथ बातचीत के बाद यह कठिन फैसला लिया गया है. संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने बताया कि एजेंसी ने विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाकों में लोगों को मदद पहुंचाने के लिए लाख जतन की लेकिन इसमें वो असफल रहे.

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सरकार के कब्जे वाले इलाकों में जारी रहेगी मदद

रोम बेस्ड संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने कहा कि वह सरकार के कब्जे वाले इलाकों के स्कूलों में न्यूट्रिशन जैसे प्रोग्राम को चालू रखेगी. इसके अलावा वहां के सबसे कमजोर परिवारों को मदद पहुंचाती रहेगी. एजेंसी ने कहा कि वह इस समय चुनौतीपूर्ण वित्तीय संकट से निपट रही है, जिसका सामना हर ह्यूमेनिटेरियन सेक्टर कर रहा है.

हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में तेज किए हमले

दरअसल, एजेंसी ने यह घोषणा तब की है, जब हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में जहाजों पर हमले शुरू कर दिए हैं, जिससे इससे वैश्विक व्यापार ठप पड़ गया है. ग्लोबल ट्रेड के लिए महत्वपूर्ण शिपिंग लेन में से एक पर यातायात खतरे में पड़ गया है. हूती फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास का समर्थन करते हैं और ये हमले इजरायल-हमास युद्ध से जुड़े हुए हैं.

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यमन में 8 साल से जारी है जंग

बता दें कि यमन में हूती विद्रोहियों और वहां की सेना के खिलाफ लड़ाई पिछले 8 साल से जारी है. हूती विद्रोहियों ने 2014 में उत्तरी यमन और राजधानी सना के अधिकांश हिस्से पर कब्जा कर लिया था. तब से जारी हिंसा में अब तक 150,000 से अधिक लोग मारे गए हैं और 30 लाख लोग विस्थापित हुए हैं.


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