वेब सीरीज रिव्यू: मजेदार है, मजाक-मजाक में बड़ी बातें कर जाती है रवि क‍िशन की मामला लीगल है


‘मामला लीगल है’ वेब सीरीज की कहानी

कहानी के केंद्र में दिल्‍ली का पटपड़गंज जिला कोर्ट है। हम सभी ने ऑफिस यानी वर्कप्‍लेस से जुड़े कई शोज देखे हैं। लेकिन जुगाड़ु वकील, कोर्ट कैम्‍पस और कॉमेडी-ड्रामा के इसे फ्लेवर फ्रेशनेस है। ये वो वकील हैं, जो अपनी तेज बुद्धि से अजीबोगरीब मामलों को सुलझाते हैं। वेब सीरीज के एपिसोड्स असल जिंदगी की उन अजीब घटनाओं से प्रेरित हैं, जो सुर्ख‍ियां बनी हैं।

यह सीरीज पहले एपिसोड से ही हमें पटपड़गंज जिला अदालत की अनोखी दुनिया में ले जाती है। आधे-आधे घंटे के आठ एपिसोड हैं, जो वास्तविक जीवन की कहानियों से प्रेरित हैं और अच्‍छा-खासा मनोरंजन करते हैं। इनमें कई केस ऐसे हैं, जिनके बारे में हम-आप ने खबरें पढ़ी और देखी हैं। जैसे एक असाधारण मामले में एक तोते पर एक महिला को गाली देने का मुकदमा चल रहा है।

‘मामला लीगल है’ का ट्रेलर


‘मामला लीगल है’ वेब सीरीज रिव्‍यू

सीरीज की शुरुआत रवि किशन के किरदार वीडी त्यागी के किरदार से होती है, जो एक चतुर-चालाक वकील है। वो केस जीतने के लिए कानूनी प्रणाली में कमियां ढूंढने में माहिर है। वह बार एसोसिएशन का अध्यक्ष बनने की भी इच्छा रखता है। उनके साथ अनन्या श्रॉफ भी हैं, जिसका किरदार नैला ग्रेवाल ने निभाया है। यह हार्वर्ड से पढ़कर आई एक युवा और उत्साही वकील हैं, जो वंचित लोगों को कानूनी सहायता देने का सपना देखती है। लेकिन पटपड़गंज कोर्ट में उसे सिस्‍टम के गंभीर सच का सामना करना पड़ता है।
निधि बिष्ट ने वकील सुजाता का किरदार निभाया है, जिसे कोर्ट के लोग दीदी के नाम से जानते हैं। वह खुद कोई केस नहीं लड़ना चाहती, लेकिन उसकी चाहत खुद का चैंबर पाने की है। अनंत जोशी ने कोर्ट मैनेजर विश्वास पांडे की भूमिका निभाई है, जो खुद को पटपड़गंज जिला न्यायालय की डोना पॉलसन बताता है। डोला का किरदार ‘सूट्स’ सीरीज में एक तेज-तर्रार और समझदार सचिव का है।
प्रोड्यूसर समीर सक्सेना, डायरेक्‍टर राहुल पांडे और राइटर की टीम में सौरभ खन्ना और कुणाल अनेजा ने ‘जॉली एलएलबी’ का एक ओटीटी वर्जन तैयार किया है। एक ऐसी कहानी, जो मजाक और हल्के-फुल्के माहौल में बड़ी बातें कर जाती है। अच्‍छी बात यह कि शो के थीम को लेकर बढ़‍िया रिसर्च की गई है। कहानी के साथ-साथ इसमें दिखाए गए कोर्ट केस को लेकर अखबारों की कतरनों को भी दिखाया गया है, जो इसकी प्रामाणिकता को पुख्‍ता करते हैं। हालांकि, सीरीज में ऐसे मौके भी हैं, जब कहानी खींची-खींची सी लगती है। खासकर वीडी त्यागी के पर्सनल लाइफ वाला हिस्‍सा में मेलोड्रामा ज्‍यादा है। इस कारण हल्‍के-फुल्‍के अंदाज चल रही सीरीज में भारीपन महसूस होता है।
रवि किशन इस शो की जान हैं। उन्‍होंने बेहरीन एक्‍ट‍िंग की है। पल में टेढ़े और पल में सीधे वकील वीडी त्‍यागी के रूप में वह किरदार में गजब परिवर्तन करते हैं। अपनी स्ट्रीट-स्मार्ट रणनीति और कानूनी खामियों के ज्ञान के बूते उनका किरदार शो में माहौल बनाए रखता है। यशपाल शर्मा, नैला ग्रेवाल, अनंत जोशी और निधि बिष्ट सहित बाकी के सहायक कलाकारों ने भी अपनी परफॉर्मेंस से शो का फ्लेवर बनाए रखा है। सीरीज में मजाकिया अंदाज में कई वन-लाइनर्स और चुटकुलें हैं, जो मनोरंजन तो करते ही हैं, याद भी रह जाते हैं।

क्‍यों देखें- ‘मामला लीगल है’ कॉमेडी और ड्रामा का एंटरटेनिंग कॉकटेल है। कोर्टरूम ड्रामा पसंद करते हैं और कुछ ऐसा देखना चाहते हैं, जो फीलगुड हो तो यह सीरीज आपके लिए है।


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