गलत खाद्य पदार्थों का सेवन लिवर के साथ-साथ ओवरऑल हेल्थ के लिए भी उतना ही खतरनाक हो सकता है।
Foods harmful for Liver: लिवर डिजिजेज के बढ़ते खतरे के बीच डॉक्टरों ने बताया है कि जहां शराब को लिवर की हेल्थ के लिए खराब माना जाता है। वहीं, हर किचन में 2 ऐसी चीजों का भी इस्तेमाल रोज होता है जो लिवर को बर्बाद कर सकती हैं। ये दोनों फूड आइटम्स हैं चीनी और तेल। डॉक्टरों के अनुसार, चीनी और तेल से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन लिवर के साथ-साथ ओवरऑल हेल्थ के लिए भी उतना ही खतरनाक हो सकता है।
लिवर शरीर के वेयरहाउस के रूप में काम करता है, जो व्यक्ति द्वारा खाए जाने वाले हर तरह के फूड को प्रोसेस करता है। अधिक कैलोरी खाने से लिवर में फैट जमा हो सकती है, जिससे फैटी लिवर रोग हो सकता है जो मधुमेह और अन्य चयापचय (मेटाबोलिक) संबंधी विकारों को ट्रिगर कर सकता है।
शक्कर और तेल वाले फूड्स लिवर को पहुंचाते हैं नुकसान
अपोलो प्रोहेल्थ की चिकित्सा निदेशक डॉ. श्रीविद्या ने बताया, शराब से संबंधित लिवर रोग के खतरे के बारे में सभी को जानकारी है लेकिन, शक्कर और तेल जैसी हाई कैलोरी वाली चीजों से नॉन-एल्कोलिक लिवर डिजिज का भी खतरा हो सकता है। यह स्थिति लिवर सिरोसिस समेत अल्कोहलिक लिवर रोग जैसी ही गंभीर जटिलताओं को जन्म दे सकती है, जिसके लिए अंततः लिवर ट्रांसप्लांट (Liver Tranplant) की जरूरत हो सकती है।
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पीडी हिंदुजा अस्पताल के डॉ. पवन ढोबले ने कहा, ज्यादा चीनी और तेल का सेवन, शराब की तरह ही लिवर के टिश्यूज की तरह ही फैट की बूंदों के निर्माण का काम करता है, जिससे सूजन बढ़ती है और लिवर को नुकसान होता है।
अधिक मात्रा में शक्कर और तेल के सेवन से मोटापा बढ़ सकता है, जिससे नॉन-अल्कोहोलिक फैटी लिवर रोग (एनएएफएलडी) सहित लिवर से जुड़ी अन्य परेशानियों का खतरा बढ़ सकता है।
भारत में हर चौथा व्यक्ति लिवर की बीमारी से ग्रस्त
डेटा से पता चलता है कि हर चार में से एक भारतीय वयस्क व्यक्ति का वजन या तो अधिक है या वह मोटापे से ग्रस्त है। ऐसे में उन लोगों के लिए फैटी लिवर डिजिजका रिस्क भी बढ़ जाता है। इसके अलावा शराब के सेवन की आदत भी बढ़ रही है।
भारत में एनएएफएलडी रिपोर्ट्स का विश्लेषण करते हुए AIIMS द्वारा की गयी एक स्टडी में ये चौंकानेवाले खुलासे किए गए। इस स्टडी के अनुसार,
- लगभग 38 प्रतिशत भारतीयों को फैटी लिवर या एनएएफएलडी की बीमरी है।
- जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंड एक्सपेरिमेंटल हेपेटोलॉजी के अनुसार, लगभग 35 प्रतिशत बच्चे भी इस बीमारी से प्रभावित करते हैं।
इन कारणों से बढ़ रहे हैं लिवर से जुड़े रोग
हावड़ा के आरएन टैगोर अस्पताल से जुड़े डॉ. राहुल रॉय का, कहना है कि भारत में लिवर की बीमारियां गंभीर स्तर पर फैल रही हैं। आमतौर पर लोगों को NAFLD की शुरूआत में कोई लक्षण नहीं दिखते इसीलिए, इस बीमारी का पता चलने तक यह गम्भीर हो चुकी रहती है। उन्होंने कहा, लोगों के खान-पान में बदलाव, वेस्टर्न डाइट पैटर्न, फास्ट फूड खाने की आदत बढ़ने और फल-सब्जियां कम खाने की वजह से फैटी लिवर रोगों में बढ़ोतरी हो रही है।
(आईएएनएस )
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