शहर के उद्यान मनोरंजन नहीं बल्कि हादसे के बन रहे सबब, अधिकांश उद्यान के झूले क्षतिग्रस्त, सुधार पर नहीं ध्यान
कोरबा। जिले के सरकारी प्राथमिक व माध्यमिक स्कूलों की परीक्षाएं नजदीक हैं। इसी तरह कई निजी स्कूलों में परीक्षाएं चल रही हैं तो कुछ की जल्द शुरू होने वाली है। वहीं कुछ स्कूलों की परीक्षा पूरी हो गई हैं। ऐसे में गर्मी की छुट्टियां भी शुरू हो गई है। मौसम में भी बदलाव शुरू हो गया। सुबह गर्मी पडऩे लगी। ऐसे में बच्चे शाम को हरियाली और झूले का लुत्फ उठाने की उम्मीद से उद्यान पहुंच रहे हैं, लेकिन नगर निगम की ओर से बनाए गए अधिकांश उद्यान के झूले जंग लगकर खराब हो गए हैं, तो कई झूले टूट फूट गए हैं और झूलने के लायक नहीं है। झूला झूलने पर बच्चों को चोट लग रही है। इससे अभिभावकों में निराशा है।
शहर में लगभग एक दर्जन से अधिक उद्यान हैं। लेकिन इन उद्यानों में बच्चों के लुत्फ उठाने के लिए लगाए गए झूलों में जंग लगने के साथ जर्जर हो चुके हैं। कई झूले टूट फूट गए हैं। इसमें झूलने से बच्चों को चोट लग रही है। इस कारण अभिभावक बच्चों को उद्यान ले जाने पर उन्हें झूला झूलने से रोकते हैं, इससे बच्चों को काफी मायूसी होती है।नगर निगम क्षेत्र के वार्ड क्रमांक दो के साकेत नगर में उद्यान बदहाल हो गई है। उद्यान में तरह-तरह के झूले तो लगाए गए हैं, लेकिन देखरेख के अभाव में अधिकांश झूले टूट फूट गए हैं। बच्चों को चोट लग रही है। झूलने पर दुर्घटना की आशंका बनी हुई है।बावजूद इसके विभगीय अफसर उद्यानों के झूले का ठीक कराने को लेकर ध्यान नहीं दे रहे हैं।उद्यान में लगाए गए कई लाइटें भी खराब हो चुकी हैं। इस कारण सूर्य ढलने के बाद रात के समय उद्यान में पर्याप्त रोशनी नहीं होती। इसे लेकर अभिभावक परेशान हो रहे हैं। इसका फायदा असामजिक तत्व उठा रहे हैं। उद्यान व उसके आसपास असामजिक तत्वों का डेरा लगा रहता है। इससे अव्यवस्था का आलम रहता है।