शिक्षा का असली महत्व समझाती हैं ये फिल्में, मनोरंजन करने के साथ गंभीर मुद्दों पर भी उठाए सवाल


बॉलीवुड में सभी विषयों पर आधारित फिल्में बनती रहती हैं, जिनसे दर्शकों को बहुत अच्छी सीख मिलती है। ऐसे ही शिक्षा पर आधारित फिल्में भी अक्सर बॉलीवुड में बनाई जाती हैं, जिनमें अलग अलग तरीके से शिक्षा प्रणाली या छात्रों के जीवन के बारे में बताया जाता है। वहीं कुछ फिल्में शिक्षा का असली महत्व समझाती हैं। शिक्षा पर आधारित कई फिल्मों को दर्शकों ने खूब देखा और पसंद भी किया तो चलिए जानते हैं उन फिल्मों के बारे में जो शिक्षा पर आधारित हैं…

तारे जमीन पर

साल 2007 में रिलीज हुई फिल्म ‘तारे जमीन पर’ शिक्षा के विषय पर आधारित है। फिल्म में आमिर खान ने एक आर्ट टीचर की भूमिका निभाई है, जो बच्चों को मनोरंजक और रोमांचक तरीके से पढ़ाने विश्वास करते हैं, जिसके लिए वह अपने छात्रों गाकर और खेल खेल में पढ़ाते हैं। वहीं, उनकी क्लास में पढ़ने में कमजोर छात्र ईशान अवस्थी पर उनका पूरा ध्यान रहता है। ऐसे में वह ईशान के अंदर के हुनर को पहचान कर उसे उसके अच्छे भविष्य की ओर सही राह पर ले जाते हैं। फिल्म में शिक्षक और छात्र के बीच का मजबूत बंधन दिखाया है, जिसमें एक शिक्षक कमजोर बच्चे को पढ़ाने और उसे आगे बढ़ाने की जिम्मेदारियों से पीछे नहीं हटते।

3 इडियट्स

साल बाद साल 2009 में रिलीज हुई फिल्म ‘3 इडियट्स’ में शिक्षा के प्रति छात्रों के प्रेम को दर्शाया गया है। फिल्म के माध्यम से बताया गया कि बच्चे का जिस विषय में ज्यादा रुझान हो उसे वहीं करने दें। ऐसे में तीन छात्रों की जिंदगी पर आधारित फिल्म ‘3 इडियट्स’ में यह भी बताया गया कि बोझ के साथ पढ़ने में फायदा नहीं है, बल्कि विषयों से प्यार करके उसे पढ़ना होगा, तभी इसमें तरक्की कर पाएंगे। इस फिल्म को देखने के बाद कई ऐसे छात्र हैं, जो इस फिल्म से बहुत ही प्रेरित हुए। फिल्म में आमिर खान, शरमन जोशी और आर माधवन मुख्य भूमिका में नजर आए थे।

चल चलें

साल 2009 में ही आई फिल्म ‘चल चलें’ में भी छात्रों पर एकेडमिक प्रेशर को दिखाया गया। फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती मुख्य भूमिका में हैं। इस फिल्म में अभिभावक के शैक्षिक दबाव के चलते एक बच्चा आत्महत्या कर लेता है। इसके बाद इस बच्चे की आत्महत्या की खबर पूरे देश में फैल जाती है, जो एजुकेशन सिस्टम और अभिभावक के जरूरत से ज्यादा दबाव की तस्वीर देश के सामने पेश करता है।

पाठशाला

साल 2012 में रिलीज हुई शिक्षा पर आधारित फिल्म ‘पाठशाला’ में शिक्षा प्रणाली के कमियों को दिखाया गया है। शाहिद कपूर इस फिल्म में एक डांस टीचर होते हैं, जो स्कूल के प्रशासनिक तौर-तरीके, अध्यापकों के रवैये और बच्चों पर ज्यादा प्रेशर के खिलाफ जाकर सिस्टम को बदलने का प्रयास करते नजर आते हैं। अपने स्कूल को टॉप पर लाने और पैसे कमाने के चक्कर में मनमानी करने वाले सिस्टम के लोगों के खिलाफ आमिर खान मोर्चा खोल देते हैं।


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