‘शोले’ का वो मशहूर डायलॉग, जिसके बिना अधूरी है HOLI! करोड़ों भारतीयों का है ‘तकिया कलाम’, गाने से भी ज्यादा मशहूर


नई दिल्ली: होली पर ‘शोले’ का गाना ‘होली के दिन’ जब बजता है, तो लोग त्योहार के रंग में झूम उठते हैं. लता मंगेशकर और किशोर कुमार की आवाज की मिठास तरंग बनकर लोगों के बदन में ऐसा जादू करती है कि हर कोई होली के रंग में खोने से खुद को रोक नहीं पाता. लेकिन ‘शोले’ का यह गाना ही होली पर फेमस नहीं है. ‘शोले’ का एक डायलॉग तो इससे भी ज्यादा मशहूर है.

होली के दिन ‘शोले’ का यह डायलॉग हर एक भारतीय का तकिया कलाम बन जाता है. आपको ‘शोले’ का वह सीन याद है, जिसमें ठाकुर होली के दिन तांगे पर सवार होकर राधा (जया बच्चन) के गांव पहुंचता है, तो रास्ते में राधा दौड़ती हुई ठाकुर के करीब आती है और कहती है, ‘होली हे भाई होली है, बुरा न मानो होली है.’ यह डायलॉग दशकों से करोड़ों भारतीय हर एक होली पर दोहराते आ रहे हैं.

‘शोले’ का यह सीन बड़ा मजेदार है. जया भादुड़ी, ठाकुर से कहती है कि छोटे ने बड़े के पैर छू लिए और टीका लगा दिया, यह भी कोई होली है. होली, तो हम लोग खेलते हैं. इस पर ठाकुर पूछता है कि तुम कैसे खेलते हो? जया बच्चन कहती है, ‘वो पारो है न पारो, उसके घर के आंगन में बड़ी सी पानी की नांद है. सारा रंग उसमें घोल दिया है. सब लोगों पर रंग डालते हैं और हम लोगों को रंग में डालते हैं. कोई भी आया, छप्पाक से रंग में फेंक दिया.’ फिर ठाकुर पूछता है कि तेरे घर पर कोई बड़ी सी नांद तो नहीं है, पता चला कि मैं और रामलाल दोनों गले-गले खड़े हैं नांद में.

मशहूर है ‘शोले’ का होली गीत और डायलॉग
फिल्म के बाकी सीन्स की तरह होली का यह सीन भी बहुत मशहूर है. गाना ‘होली के दिन’ भी खूब बजता है. ‘शोले’ बेजोड़ फिल्म है, जिसमें भारतीय संस्कृति के कई रंगों को बड़ी खूबसूरती से दिखाया है. फिल्म में धर्मेंद्र, हेमा मालिनी, अमिताभ बच्चन, अमजद खान और संजीव कुमार अहम रोल में हैं.

Tags: Dharmendra, Hema malini, Jaya bachchan, Sholay


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