कोलकाता. भारतीय क्रिकेट टीम की तरफ से इंटरनेशनल मैच खेलने के बाद घरेलू क्रिकेट में लंबे वक्त तक खेलने के बाद आखिरकार मनोज तिवारी ने संन्यास की घोषणा कर दी है. विवादों में रहे बंगाल के स्टार बल्लेबाज ने क्रिकेट से संन्यास लेने के एक दिन बाद युवा खिलाड़ियों के आईपीएल केंद्रित दृष्टिकोण पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने रणजी ट्रॉफी पर अधिक ध्यान देने की वकालत की.
बंगाल की तरफ से लगभग दो दशक तक खेलने वाले 38 वर्षीय तिवारी ने भारत की तरफ से 12 वनडे और तीन टी20 मैच खेले हैं. उन्होंने हाल में एक्स पर एक पोस्ट में कहा था कि रणजी ट्रॉफी को खत्म कर देना चाहिए लेकिन उन्होंने इस बारे में विस्तार से जानकारी नहीं दी थी क्योंकि वह बीसीसीआई के सक्रिय क्रिकेटर थे. इस टिप्पणी के लिए उन पर मैच फीस का 20 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया था.
केंद्रीय अनुबंधित खिलाड़ियों का घरेलू क्रिकेट में नहीं खेलने के संदर्भ में तिवारी ने पत्रकारों से कहा, ‘‘मैंने देखा कि युवा खिलाड़ियों की मानसिकता आईपीएल केंद्रित है. जो खिलाड़ी आईपीएल में नहीं खेलते हुए दुबई या अन्य स्थानों पर चले जाते हैं. इस तरह के चलन से प्रतिष्ठित रणजी ट्रॉफी का महत्व कम हो रहा है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘अब अपने विचार व्यक्त करने पर आपको प्रतिबंध झेलना पड़ सकता है। केवल एक पोस्ट के कारण मुझ पर ही मैच फीस का 20 प्रतिशत जुर्माना लगा दिया गया था।’’
भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने इशान किशन के रणजी ट्रॉफी में नहीं खेलने के कारण आईपीएल नीलामी में शामिल होने के लिए खिलाड़ियों को न्यूनतम संख्या में रणजी ट्रॉफी मैच खेलना अनिवार्य कर दिया. तिवारी ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि अगर मैंने पोस्ट नहीं की होती तो शायद बीसीसीआई निर्देश जारी नहीं करता. मुझे लगता है कि मेरी पोस्ट ने बीसीसीआई सचिव को खिलाड़ियों पर दबाव बनाने के लिए प्रेरित किया.’’
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FIRST PUBLISHED : February 20, 2024, 08:01 IST