ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। मौजूदा समय में कार लीजिंग या कार सब्सक्रिप्शन काफी पॉपुलर है। लोग इसे एक लागत प्रभावी समाधान के रूप में अपनाते हैं। अगर आप भी कार के मालिक होने की सिरदर्दी नहीं झेलना चाहते हैं, तो Car Subscription आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प है। हालांकि, कार सब्स्क्रिप्शन लेते समय आपको कुछ चीजों का ख्याल रखना काफी जरूरी है। आइए, इनके बारे में जान लेते हैं।
ज्यादा पैसे न चुकाएं
कार डीलर अक्सर नए वाहनों पर कम मासिक सदस्यता भुगतान का विज्ञापन करते हैं। हालांकि, इसमें एक निश्चित राशि की अग्रिम लागत का भुगतान करना पड़ता है, जो अग्रिम में सदस्यता के एक हिस्से को कवर करता है। यदि सदस्यता अवधि के दौरान कार क्षतिग्रस्त हो जाती है या चोरी हो जाती है, तो बीमा कंपनी डीलर को वाहन के मूल्य की प्रतिपूर्ति करती है। अगर आप कार लीज पर लेते हैं, तो ऐसे में ज्यादा पैसा न खर्च करें।
सब्सक्रिप्शन एग्रीमेंट पर बात करें
सब्सक्रिप्शन एग्रीमेंट के समय आपको कई चीजों का ध्यान रखना जरूरी है। इनमें बायआउट प्राइस, डिपोजीशन फी, सकल पूंजीगत लागत, माइलेज भत्ता, प्रीमियम राशि आदि शामिल हैं। डीलर के साथ इन बिंदुओं पर गंभीरता से बातचीत करें और खर्च को कम करने का प्रयास करें।
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कार को मेंटन रखें
भले ही आपने गाड़ी को किराए पर लिया है, लेकिन इसे साफ और सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी आपसे पास है। इसके लिए आपको इसका मेंटेनेस करना है। अगर कार सामान्य टूट-फूट से अधिक क्षतिग्रस्त हो जाती है, तो डीलर को वापस करते समय आपको अतिरिक्त शुल्क का भुगतान करना पड़ सकता है।
लंबे सब्सक्रिप्शन से बचें
सब्सक्रिप्शन पर कार लेते समय ध्यान रखें कि उसकी लीज अवधि वाहन की वारंटी से मेल खाती है या उससे कम है। वारंटी निर्माता-दर-निर्माता और वाहन-दर-वाहन अलग-अलग होती है। आमतौर पर, सामान्य वारंटी तीन साल या 100,000 किलोमीटर, जो भी पहले हो, के लिए होती है। यदि आप कार को उसकी वारंटी अवधि से अधिक समय तक रख रहे हैं, तो आपको एक्सटेंडेड वारंटी की जरूरत पड़ने वाली है।