सेहतनामा- गर्मियां आने से पहले खाएं ये 5 चीजें: बदलते मौसम में ठंडी चीजों से करें परहेज, लौंग, काली मिर्च बढ़ाए इम्यूनिटी


56 मिनट पहलेलेखक: संदीप कुमार

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फरवरी का महीना शुरू हो चुका है। सर्दियों का सीजन अपने अंतिम पड़ाव पर है। जल्द ही गर्मियां दस्तक देने वाली हैं। तापमान बदलता है तो लाइफस्टाइल और खान-पान में भी बदलाव आता है। जाड़े में लोगों की पहली पसंद होता है गर्म खाना। वहीं गर्मियों में ठंडा और हल्का खाना ही पसंद आता है। ये बदलाव ठीक भी है क्योंकि गर्मियों की चढ़ती धूप के साथ खान-पान में बदलाव न किया जाए तो कई बीमारियां बिन बुलाए ही चली आएंगी। इसे लेकर महाकवि घाघ की कुछ पंक्तियां बहुत प्रसिद्ध है।

चैते गुड़ वैसाखे तेल, जेठ में पंछ आषाढ़ में बेल।

सावन साग न भादों दही, क्वारें दूध न कातिक मही।

मगह न जारा पूष घना, माघे मिश्री फागुन चना।

घाघ बताते हैं कि चैत्र (मार्च-अप्रैल) में गुड़, वैसाख(अप्रैल-मई) में तेल, जेठ (मई-जून) में यात्रा, आषाढ़ (जून-जुलाई) में बेल, सावन (जुलाई-अगस्त) में हरा साग, भादों (अगस्त-सितंबर) में दही, क्वार (सितंबर-अक्टूबर) में दूध, कार्तिक (अक्टूबर-नवंबर) में मट्‌ठा, अगहन (नवंबर-दिसंबर) में जीरा, पूस (दिसंबर-जनवरी) में धनिया, माघ (जनवरी-फरवरी) में मिश्री, फागुन (फरवरी-मार्च) में चने खाना सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है।

आज ‘सेहतनामा’ में इस पर बात करेंगे कि बदलते मौसम में खुद को कैसे स्वस्थ रखा जाए। साथ ही किस तरह का खान-पान सही है।

नीचे दिए ग्राफिक से समझिए कि इस बदलते मौसम में हमारा भोजन किस तरह का होना चाहिए।

आइए अब इन सभी पॉइंट्स को विस्तार से समझते हैं।

1.शरीर में न होने दें फाइबर की कमी

फाइबर शरीर के लिए एक अनिवार्य न्यूट्रिएंट है। यह घुलनशील और अघुलनशील दोनों तरह का होता है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार प्रतिदिन के खाने में 25 से 30 ग्राम फाइबर होना जरूरी है। शरीर में फाइबर की मात्रा सही होने पर कई तरह के फायदे होते हैं।

इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए-

शरीर में फाइबर की कमी होने पर ये हो सकता है-

  • कब्ज
  • मोटापा
  • ब्लड शुगर बढ़ना या कम होना
  • थकान या कमजोरी जैसी समस्याएं
  • हमेशा भूख लगते रहना

इसलिए बदलते मौसम में अपने खाने में फाइबर की मात्रा बढ़ाएं। इसके लिए साबुन अनाज, फल और हरी सब्जियां ज्यादा खाएं।

2. प्रोबायोटिक्स फूड से इम्यूनिटी बने स्ट्रॉन्ग

हमारे शरीर में बैड बैक्टीरिया के साथ गुड बैक्टीरिया भी होते हैं। बैड बैक्टीरिया बीमारियों को जन्म देते हैं तो वहीं गुड बैक्टीरिया शरीर को बीमारियों से बचाते हैं। प्रोबायोटिक्स रिच फूड को अपनी डाइट में शामिल करके शरीर को स्वस्थ रखा जा सकता है। दही, पनीर, छाछ, अलसी के बीज, इडली, डोसा, ढोकला, अचार, केला या सेब ये सभी प्रोबायोटिक्स फूड हैं। इन प्रोबायोटिक्स फूड्स को खाने में शामिल करने से कई फायदे हैं। नीचे दिए ग्राफिक में देखिए-

3. मौसमी फलों से शरीर को मिलती है ताजगी

गर्मियों में शरीर को एनर्जी और हाइड्रेशन की जरूरत होती है। ऐसे में तरबूज, खरबूज, खीरा, संतरा, नींबू जैसे फलों में पानी की मात्रा अधिक होती है, जो शरीर को डीहाइड्रेशन से बचाते हैं।

इसके साथ ही इन्हें खाने से कई तरह के फायदे हैं-

  • एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर भी भरपूर मात्रा में होते हैं, जो आंतों को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
  • इनमें विटामिन्स और मिनरल्स होते हैं, जो शरीर की इम्यूनिटी काे मजबूत करते हैं।
  • गर्मियों के फलों में भरपूर मात्रा में पानी होता है, जिससे इनमें कैलोरी कम होती है। अगर आप वजन कम करने की सोच रहे हैं तो आप नाश्ते में तरबूज, सेब, खरबूज या जामुन खा सकते हैं।

4. प्रीबायोटिक्स फूड शरीर की ग्रोथ को बढ़़ाने में कारगर

1995 में ‘द जर्नल ऑफ न्यूट्रीशन’ में पहली बार दो वैज्ञानिकों ग्लेन गिब्सन और मार्सेल रॉबरफ्रॉयड ने प्रीबायोटिक टर्म ईजाद किया था। ये एक तरह का फाइबर है, जो केला, टमाटर, पालक, प्याज, लहसुन, बेरीज, तीसी और दालों में मिलता है। इसके अलावा, ये ड्राई फ्रूट्स, बीजों और साबुत अनाज में भी मिलता है। इससे आंतों में पनपने वाले अच्छे बैक्टीरिया को खुराक मिलती है, जो खाना पचाने में बेहद मददगार होते हैं।

प्रीबायोटिक फूड्स हमारे शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं। जैसेकि-

  • यूरिनरी सिस्टम
  • स्किन
  • मुख के भीतर की सेहत

प्रीबायोटिक फूड्स हमारे शरीर के गुड बैक्टीरिया के लिए हेल्दी खाने की तरह हैं। गुड बैक्टीरिया हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत रखने काम करते हैं।

वहीं, बैड बैक्टीरिया हमारे शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं। उनसे लड़ते हैं। साथ ही ये हमारी ग्रोथ के लिए भी जरूरी हैं।

प्रीबायोटिक्स फूड खाने से कई तरह के फायदे हैं। जैसेकि-

  • पाचन तंत्र में सुधार
  • शरीर में सूजन कम होना
  • एलर्जी का खतरा कम करे
  • हृदय रोग का खतरा कम
  • कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम

5. डेयरी प्रोडक्ट्स से एलर्जी होने पर नारियल पानी एक विकल्प

डेयरी प्रोडक्ट्स में कैल्शियम, विटामिन डी, मैग्नीशियम, पोटैशियम और प्रोटीन जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर के लिए कई तरह से फायदेमंद हैं। जैसेकि-

  • हड्डियों को मजबूत रखने में सहायक
  • पाचन तंत्र तंदुरुस्त रखने में सहायक
  • दांतों को मजबूती देते हैं
  • वजन को घटाने में सहायक
  • मांसपेशियों के विकास में मददगार

जिन लोगों को दूध, दही या अन्य डेयरी प्रोडक्स से एलर्जी है, उनके लिए बदलते मौसम में नारियल पानी अच्छा विकल्प है।

बदलते मौसम में सावधानियां बरतने की जरूरत

फरवरी के महीने में हल्की-फुल्की धूप निकलने लगती है। जिससे लोग लापरवाही बरतना शुरू कर देते हैं। कुछ लोग स्वेटर पहनना बंद कर देते हैं तो ठंडा खाने के शौकीन कोल्ड ड्रिंक्स, आइसक्रीम जैसी चीजें भी खूब खाते हैं।

जबकि सर्दियां पूरी तरह खत्म न होने तक कुछ सावधानियां जरूर बरतनी चाहिए। जैसेकि-

  • फ्रिज में रखी चीजों को खाने से परहेज करें।
  • कोल्ड ड्रिंक, आइसक्रीम बिल्कुल न खाएं।
  • 7-8 गिलास पानी जरूर पिएं, जिससे मौसम बदलने पर शरीर में पानी की कमी न हो।
  • लौंग, काली मिर्च, अदरक, हल्दी और तुलसी का प्रयोग करें, जिससे इम्यूनिटी मजबूत बनी रहे।

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