9 मिनट पहलेलेखक: गौरव तिवारी
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साल 2022 में आई सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम की एक रिपोर्ट के मुताबिक एक भारतीय औसतन 70 साल जीता है।
आपको जानकर शायद आश्चर्य हो कि दुनिया में 5 जगहें ऐसी भी हैं, जहां लोगों की औसत उम्र 100 से 110 साल है। खास बात ये है कि उन जगहों पर लोगों की सिर्फ उम्र ही लंबी नहीं होती, वे स्वस्थ और बीमारियों से मुक्त जीवन भी जीते हैं। इन इलाकों को ब्लू जोन कहा जाता है। यह बीते कुछ वर्षों से चर्चा का विषय बना हुआ है।
इन पांचों जगहों के लोगों का खानपान एक-दूसरे से अलग है। लेकिन एक चीज सबमें कॉमन है। वो ये कि इन इलाकों में लोगों की जीवन प्रकृति के काफी करीब है। वे प्रॉसेस्ड और इंडस्ट्रियली प्रॉड्यूज्ड चीजें खाने की बजाय प्रकृति में उग रही चीजें ही खाते हैं। उनके भोजन में किसी भी तरह का केमिकल, पेस्टिसाइड, प्रिजर्वेटिव्स और एडिटिव्स नहीं होते हैं।
वे भोजन का खास सिद्धांत अपनाते हैं कि जितनी भूख लगी है, उसका 80 फीसदी ही खाओ। इनके भोजन की थाली में स्थानीय और मौसमी फल, सब्जियां और अनाज होता है। वे कैलोरी काउंट नहीं करते।
आज ‘सेहतनामा’ में ब्लू जोन के बारे में बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि-
- यहां के लोगों का भोजन कैसा है?
- उनकी लाइफ स्टाइल के 9 पॉवर रूल क्या हैं?
- उनके जीवन में ऐसा क्या खास है, जो उन्हें 100 साल तक जिंदा रखता है?
आगे बढ़ने से पहले नीचे दिए ग्राफिक से जानिए कि ब्लू जोन कौन से हैं और कहां स्थित हैं-
इन जगहों को ब्लू जोन ही क्यों कहा जाता है?
अमेरिकन लेखक और एक्सप्लोरर डैन ब्यूटनर डेमोग्राफर गियानी पेस और मिशेल पॉलेन के साथ एक रिसर्च कर रहे थे। वे मैप पर उन इलाकों की पहचान कर रहे थे, जहां लोग 100 साल से ज्यादा जीते हैं। जब वह उन इलाकों को आइडेंटीफाई करने के लिए मैप पर निशान लगा रहे थे, उस वक्त उनके हाथ में नीला पेन था। उन्होंने मैप पर उन इलाकों को नीली स्याही से हाईलाइट कर दिया। बस, इसी तरह उन जगहों का नाम ब्लू जोन पड़ गया। इसके पीछे कोई साइंटिफिक कारण नहीं था।
इन 5 जगहों में से दो उत्तरी अमेरिका और दो यूरोप में हैं, जबकि एक जगह एशिया में है।
ब्लू जोन के लोगों की लंबी और स्वस्थ जिंदगी का राज सिर्फ हेल्दी डाइट नहीं है। रिसर्चर्स ने उनकी जिंदगी जीने के तरीकों को समझकर कुल 9 कारणों की पड़ताल की है, जो उनकी स्वस्थ जिंदगी का राज है। इन्हें पॉवर 9 रूल्स भी कहते हैं। आइए ग्राफिक से समझते हैं-
फुर्तीले बनो, खूब मेहनत करो
ब्लू जोन में रहने वाले लोग फिट रहने के लिए किसी जिम में पसीना नहीं बहाते। ये लोग किसी मैराथन में भी हिस्सा नहीं लेते। उनकी दिनचर्या इस तरह की है, जिसमें शारीरिक बल वाले कई तरह के काम करने होते हैं। वे लंबा पैदल चलते हैं, शारीरिक श्रम करते हैं। ये लोग बागवानी, घर की साफ-सफाई, खेती-बाड़ी और घर के अन्य जरूरी कामकाज अपने हाथों से करते हैं। यही श्रम उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत और फिट बनाता है।
जीवन का एक मकसद होना है जरूरी
ब्लू जोन के लोग सुबह उठकर सबसे पहले अपने जीवन का उद्देश्य याद करते हैं। ओकिनावा के लोग इसे ‘इकिगाई’ और निकोयन्स इसे ‘प्लान डे विडा’ कहते हैं। दोनों की भाषाएं अलग हैं, लेकिन अर्थ एक ही है। इसका मतलब है- आखिर जीवन का लक्ष्य क्या है। हेल्थ अफेयर्स में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक अगर जीवन का कोई लक्ष्य हो तो उम्र 7 साल तक बढ़ जाती है।
ब्लू जोन के लोग आधुनिक शहरी तनाव से दूर हैं
बॉलीवुड फिल्म राउडी राठैर का एक गाना है, ‘चिंता ता चिता चिता, चिंता त ता।’ इसका मतलब है कि अगर चिंता करेंगे तो चिता तक पहुंचने में बहुत समय नहीं लगेगा। ब्लू जोन के लोग भी कुछ ऐसा ही सोचते हैं। आमतौर पर ये लोग किसी बात का बहुत तनाव नहीं लेते। जब कभी स्ट्रेस होता है तो वे इससे बाहर निकलना भी जानते हैं। कोई दुर्घटना, मृत्यु या अप्रिय बात होने पर वे अकेले नहीं होते। उनके पास एक सपोर्ट सिस्टम होता है, जहां सब एक-दूसरे के साथ होते हैं।
ओकिनावा के लोग अपने पूर्वजों को याद करते हैं। लोमा लिंडा के लोग ईसा मसीह की प्रार्थना करते हैं। इकारियन लोग एक नैप ले लेते हैं।
खाने में अपनाते हैं 80% रूल
ब्लू जोन के लोगों के पॉवर 9 रूल का चौथा नियम है- 80% रूल। ओकिनावा के लोग खाने से पहले ‘हारा हाची बू’ बोलते हैं। इस कन्फ्यूशियन मंत्र का मतलब है कि 80% पेट भर जाए तो खाना बंद कर दो। इससे उनका डाइजेशन सिस्टम अच्छा रहता है और उन्हें आलस भी नहीं आता। ये लोग डिनर जल्दी करते हैं। सूरज ढलने से पहले ही खाना खा लेते हैं। फिर अगले दिन सुबह ही खाते हैं।
प्लांट बेस्ड डाइट, वो खाओ जो प्रकृति ने दिया- ढेर सारे फल-सब्जियां
ब्लू जोन के लोगों का पांचवा नियम है- गट बैक्टीरिया की पसंद का खाना यानी प्लांट बेस्ड फूड। वो सारी चीजें, जो पेड़-पौधों के रूप में प्रकृति ने हमें दी हैं। खेतों में उगने वाली सब्जियां और पेड़ों पर उगने वाले फल। बीन्स, साबुत अनाज और दालों जैसे न्यूट्रीशन से भरपूर आहार। वे तला-भुना खाना नहीं खाते हैं। उनके इलाके में पैकेज्ड फूड, कोल्ड ड्रिंक्स और अल्ट्राप्रॉसेस्ड फूड अभी तक नहीं पहुंचा है। स्वाद के लिए महीने में औसतन 5 बार वे पोर्क खाते हैं, लेकिन वो भी एक ताश के पत्ते के बराबर साइज का। इस भोजन शैली से उनकी गट हेल्थ अच्छी रहती है। गट बैक्टीरिया खुश रहते हैं क्योंकि उन्हें ढेर सारा फाइबर खाने को मिलता है।
वाइन एट फाइव
पॉवर 9 रूल्स का छठा सबसे रोचक नियम है- वाइन एट फाइव। लोमा लिंडा के लोगों के अलावा सभी ब्लू जोन के लोग शाम के वक्त वाइन पीते हैं, लेकिन बहुत संतुलित मात्रा में। वे मानते हैं कि रोज एकाध पैग लेना सेहत के लिए अच्छा है। इसके लिए वे अपने दोस्तों के साथ बैठते हैं और थोड़ी सी वाइन के साथ देर तक गप्पें मारते हैं। शायद यहां वाइन से ज्यादा दोस्तों का साथ और खुशी बहुत डिसाइडिंग फैक्टर है।
आध्यात्मिक जुड़ाव
पॉवर 9 का सातवां रूल है- आध्यात्मिक जुड़ाव। ब्यूटनर के मुताबिक 100 बरस से ज्यादा जीने वाले जिन 263 लोगों का उन्होंने इंटरव्यू किया, उनमें 5 को छोड़कर बाकी सभी किसी-न-किसी आस्था से संबद्ध थे और उससे जुड़े आयोजनों में हिस्सा लेते थे। द हार्वर्ड गैजेट में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक आस्था से जुड़े आयोजनों में भाग लेने से हमारी उम्र 4 से 14 साल तक बढ़ सकती है।
परिवार को प्राथमिकता
जब पूरी दुनिया एकल परिवार की ओर बढ़ रही है, ब्लू जोन के लोग संयुक्त परिवार में भरोसा रखते हैं। उनके यहां बच्चे, बूढ़े, जवान सब एक साथ रहते हैं। ये लोग जरूरत पड़ने पर एक दूसरे के लिए फिजिकल, मेंटल और इमोशनल सपोर्ट बनते हैं।
मजबूत सोशल नेटवर्क
पॉवर 9 का आखिरी नियम है- एक मजबूत सोशल नेटवर्क। ओकिनावा के लोग मोआएस बनाते हैं यानी 5 दोस्तों का ऐसा समूह, जो हमेशा एक-दूसरे का साथ निभाएंगे। फ्रामिंघम स्टडीज की एक रिसर्च के मुताबिक स्मोकिंग, मोटापा, खुशी और अकेलापन संक्रामक होते हैं। तभी ब्लू जोन के लोग खुशियां और गम अपने दोस्तों के साथ बांटना नहीं भूलते।
जर्नल साइंटिफिक अमेरिकन में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक हमारी जिंदगी कितनी होगी, इसे तय करने में जेनेटिक्स की भूमिका सिर्फ 20 से 30% है। 70% के लिए हमारी दिनचर्या और खानपान जिम्मेदार है। यानी हम चाहें तो अपनी आयु बढ़ा सकते हैं, बीमारियों से मुक्त रह सकते हैं और एक स्वस्थ जिंदगी जी सकते हैं। इसका सबसे अच्छा उदाहरण ब्लू जोन के लोगों की जिंदगी है। हम उसे अपना सकते हैं।