नई दिल्ली: आईसीसी वनडे विश्व कप 2023 का रोमांच शुरू हो चुका है। टूर्नामेंट की मेजबानी भारत के पास है। सभी 10 टीमें खिताबी जीत के लिए जोर आजमाइश में लग चुकी है, जिसमें भारत का चीर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान भी है। टूर्नामेंट में पाकिस्तान की टीम दमदार शुरुआत कर चुकी है। बाबर आजम की कप्तानी में पाकिस्तान ने पहले नीदरलैंड्स और फिर श्रीलंका के खिलाफ रिकॉर्ड जीत हासिल की।
इसी बीच टीम के धुरंधर खिलाड़ी मोहम्मद रिजवान अपने एक बयान को लेकर चर्चा में है। श्रीलंका के खिलाफ अपने दम पर पाकिस्तान को जीत दिलाने के बाद उन्होंने इसे फिलिस्तीन में इजरायल के खिलाफ हमास आतंकियों को समर्पित किया। मोहम्मद रिजवान ने कहा, ‘यह गाजा में हमारे भाइयों और बहनों के लिए था। जीत में योगदान देकर खुश हूं। इसे आसान बनाने के लिए पूरी टीम और खासकर अब्दुल्ला शफीक और हसन अली को श्रेय जाता है। शानदार स्वागत और लगातार समर्थन के लिए हैदराबाद के लोगों का बहुत आभारी हूं।’
बता दें कि रिजवान गाजा के उन्हीं लोगों की बात कर रहे हैं जिन्होंने इजरायल में अचानक हवाई हमले कर कई निर्दोष लोगों की जान ले ली। जवाबी में कार्रवाई में गाजा पर भी हमला हुआ और वहां भी मासूम लोगों की जान गई, लेकिन जिन आतंकियों ने खूनी खेल खेला वह थे तो गाजा के लोगों के द्वारा ही समर्थित। इसे भी नहीं भूलना चाहिए।
रिजवान के बयान का यह मामला जब तूल पकड़ा तो आईसीसी को सफाई देनी पड़ी। आईसीसी ने यह कहते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया कि रिजवान ने यह बयान मैदान के बाहर दिया है। इसका क्रिकेट से कोई लेना देना नहीं है, ऐसे में उनपर कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है।
सिर्फ इतना ही नहीं, रिजवान को कई मौकों पर देखा गया कि मैच के दौरान ही वह फील्ड पर इबादत करने लगते हैं। क्या आईसीसी को इसे धार्मिक रूप से दिए जाने वाले संदेश के रूप में नहीं देखना चाहिए जिसका खेल से कोई लेना नहीं है। ऐसे अन्य कई मुद्दे हैं जिस पर आईसीसी ने दोहरा व्यवहार किया है जिसे बिल्कुल भी हजम नहीं किया जा सकता है।
धोनी के साथ आईसीसी ने की थी नाइंसाफी
आईसीसी हर चार साल में वनडे क्रिकेट विश्व कप का आयोजन करता है। हर बार वह अपने इस इवेंट को खास बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ता है। हालांकि इन कोशिश के बीच कुछ घटनाएं ऐसी हुई है जिससे विवाद भी खड़ा हुआ है। ऐसा ही हुआ था साल 2019 विश्व कप में हुआ था। यह विवाद भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को लेकर था। इसके कारण आईसीसी के खिलाफ भारतीय क्रिकेट फैंस ने मोर्चा खोल दिया था।
दरअसल 2019 विश्व कप में धोनी साउथ अफ्रीका के खिलाफ जब विकेटकीपिंग के लिए मैदान पर उतरे तो उनके ग्लव्स पर भारतीय सेना का ‘बलिदान’ बैज का लोगो लगा था। धोनी खुद एक आर्मी मैन हैं और उन्होंने सेना के प्रति सम्मान दिखाने के लिए यह लोगो अपने ग्लव्स पर लगाया था, लेकिन आईसीसी को यह नागवार गुजरा और धोनी के ग्लव्स पर आपत्ति जताई और लोगो को हटाने के लिए कह दिया। इसके बाद इस पर खूब हो हल्ला हुआ।
ऐसे में आईसीसी को चार साल पहले की उस घटना को याद करना चाहिए जब धोनी के लोगो को हटवा दिया था जबकि उन्होंने यह सेना के सम्मान के लिए लगाया था। ये उसी भारतीय सेना के सम्मान में था जो देश की रक्षा और शांति बहाल के लिए सीमा पर डटे रहते हैं।