हेल्दी फूड्स के ऊपर चिपके हो सकते हैं 8 जानलेवा केमिकल, साफ कर-करके खाएं ये चीजें


आजकल की भागदौड़ वाली जिंदगी में हम अक्सर अपने खाने में छिपे खतरों को नजरअंदाज कर देते हैं। कई बार कंफर्ट और टेस्ट में फंसकर हम ऐसी चीज़ें खा लेते हैं, जो सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकती हैं। खेतीबाड़ी में इस्तेमाल होने वाले कीटनाशकों और फफूंदनाशकों से हमारे खाने में जहर मिल सकता है। खाने में पाए जाने वाले ऐसे 8 केमिकल के बारे में जानते हैं, जो शरीर को खराब कर सकते हैं।

मोनोक्रोटोफॉस

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यह जल्दी असर करने वाला एक कीटनाशक है, जो अक्सर सेब जैसे फलों और आलू जैसी सब्जियों में पाया जाता है। मोनोक्रोटोफॉस के संपर्क में आने से दिमाग को नुकसान पहुंच सकता है, सांस लेने में दिक्कत हो सकती है और गंभीर मामलों में मौत भी हो सकती है।

ऑक्सीडेमेटोनमिथाइल और एसीफेट

seb or apple benefits


यह सेब जैसे फलों और पालक जैसी सब्जियों में पाया जाता है। इस कीटनाशक के कारण सांस लेने में परेशानी, त्वचा में जलन और नर्वस सिस्टम पर बुरा असर पड़ सकता है।

सीईएफ ग्रुप के संस्थापक और सीईओ मनिंदर सिंह के अनुसार, खट्टे फलों, अंगूरों और शिमला मिर्च जैसी सब्जियों पर एसीफेट का बहुत इस्तेमाल होता है। एसीफेट के संपर्क में आने से सांस लेने में तकलीफ, पेट की समस्या और नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंच सकता है।

प्रोफेनोफॉस और अलैक्लोर

cut tomato seeds


प्रोफेनोफॉस सेब, अंगूर, टमाटर और आलू जैसे फलों और सब्जियों पर पाया जाता है। इस पेस्टीसाइड को बच्चों के विकास में बाधा, फर्टिलिटी से जुड़ी समस्या और लिवर व किडनी को खराब करने से जोड़ा गया है।

अलैक्लोर का इस्तेमाल मुख्य रूप से मक्का और सोयाबीन पर होता है, लेकिन अलैक्लोर से लेट्यूस, गाजर और आलू भी दूषित हो सकते हैं। अलैक्लोर के संपर्क में आने से खासकर लिवर और किडनी में कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।

क्लोरोथैलोनिल और मेथोमिल

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क्लोरोथैलोनिल सेब, स्ट्रॉबेरी, टमाटर और खीरे जैसे फलों और सब्जियों पर पाया जाता है। इस फफूंदनाशक को संभावित रूप से मानव शरीर में कैंसर पैदा करने वाला माना जाता है। इससे त्वचा में जलन, सांस लेने में तकलीफ और लंबे समय तक चलने वाली स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

मेथोमिल कीटनाशक है, जो आमतौर पर टमाटर, अंगूर, लेट्यूस और गाजर पर पाया जाता है। मेथोमिल के कम समय के संपर्क में आने से मतली, उल्टी और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है, जबकि लंबे समय तक संपर्क में रहने से दिमाग को नुकसान पहुंच सकता है।

ग्लाइफोसेट

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यह कई फसलों में पाया जाता है, जिनमें जेनेटिकली मोडिफाई कॉर्न और सोयाबीन, गेहूं, जई और अन्य अनाज शामिल हैं। ग्लाइफोसेट के संपर्क को कैंसर, फर्टिलिटी से जुड़ी समस्या और शरीर के हार्मोनल संतुलन को बिगड़ने से जोड़ा गया है।

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डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।


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