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इन बदलावों के अलावा जोमैटो वर्तमान में अपनी इंटरसिटी डिलीवरी सर्विस लीजेंड्स का दोबारा मूल्यांकन कर रही है। इसे 2022 में पेश किया गया था। डिलीवरी के तरीके से जुड़ी चुनौतियों के कारण सर्विस पुनर्गठन के दौर से गुजर रही है। ऐसे में किसी भी विस्तार योजना को फिलहाल रोक दिया गया है। जोमैटो को लीजेंड्स से जुड़े अधूरे वादों को लेकर मुकदमे का भी सामना करना पड़ रहा है।
जोमैटो ने बढ़ाई है प्लेटफॉर्म फीस
जोमैटो ने अपनी प्लेटफॉर्म फीस में 25 फीसदी का इजाफा किया है। इससे यह फीस 5 रुपये प्रति ऑर्डर हो गई है। यह एक निश्चित शुल्क है जो सभी ऑर्डर पर लगाया जाता है। यह बढ़ोतरी जोमैटो की ओर से मार्च तिमाही के वित्तीय परिणामों की घोषणा करने से ठीक एक सप्ताह पहले की गई।
कंपनी ने पिछले साल अगस्त में 2 रुपये की प्लेटफॉर्म फीस लगाने शुरू की थी। इसे बाद में बढ़ाकर 3 रुपये कर दिया गया था। जनवरी में शुल्क को एक बार फिर बढ़ाकर 4 रुपये प्रति ऑर्डर कर दिया गया। फीस में हुए इस इजाफे का असर दिल्ली-एनसीआर, बेंगलुरु, मुंबई, हैदराबाद और लखनऊ के ग्राहकों पर पड़ेगा। जोमैटो की प्रतिस्पर्धी कंपनी स्विगी पहले से ही 5 रुपये की प्लेटफॉर्म फीस लेती है।
फीस में बढ़ोतरी के अलावा जोमैटो ने अपनी इंटर-सिटी फूड डिलीवरी सर्विस इंटरसिटी लीजेंड्स को अस्थायी रूप से रोक दिया है। जोमैटो ऐप के ‘लीजेंड्स’ सेक्शन पर एक मैसेज में कहा गया है, ‘सुधार चल रहे हैं। कृपया बने रहें क्योंकि हम जल्द ही आपकी सेवा के लिए वापस आएंगे।’
कितने ऑर्डर प्रोसेस करती है जोमैटो
जोमैटो हर साल लगभग 85-90 करोड़ ऑर्डर प्रोसेस करती है। दिसंबर तिमाही में अडजस्टेड रेवेन्यू में साल-दर-साल 30 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। हाल ही में जोमैटो को जुलाई 2017 से मार्च 2021 तक की समयसीमा के लिए 11.81 करोड़ रुपये की जीएसटी मांग और जुर्माने का आदेश मिला। यह आदेश गुरुग्राम के केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर के अतिरिक्त आयुक्त ने जारी किया था। इसे 5.9 करोड़ रुपये की जीएसटी डिमांड और उसी राशि के जुर्माने में बांटा किया गया है। यह टैक्स डिमांड तय अवधि के दौरान जोमैटो की ओर से अपनी विदेशी सहायक कंपनियों को दी जाने वाली निर्यात सेवाओं से जुड़ी है।