Success Story of Padmasingh Isaac : किसी भी इंसान को जमीनी स्तर से करोड़ों रुपए कमाने में जी तोड़ मेहनत करनी पड़ती है। इस दौरान उन्हें संघर्ष, असफलता और भी कई अन्य चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। जिंदगी में उतार-चढ़ाव के बाद ही इंसान सफल हो पता है। ऐसे में आज हम आपको किसान परिवार में जन्में ए.डी. पद्मसिंह इसाक की संघर्ष भरी दिलचस्प सक्सेस स्टोरी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने अपने पूरे परिवार की जिम्मेदारी बेहद कम उम्र में संभालते हुए आज 2000 करोड रुपए की कंपनी बना डाली है।
तमिलनाडु में हुआ जन्म
ए.डी. पद्मसिंह इसाक का जन्म तमिलनाडु के नाजरेथ में हुआ। किसान परिवार में जन्मे पदम सिंह ने बचपन से ही आर्थिक तंगी देखी। इसी बीच मात्र 12 साल की उम्र में उनके पिता दुनिया को अलविदा कह गए और अपने पीछे पूरे परिवार की जिम्मेदारी पद्मसिंह के ऊपर छोड़ गए। इतनी कम उम्र में अपने 4 भाई बहनों के अलावा पूरे परिवार की देखभाल करते हुए उन्होंने गोदरेज कंपनी में नौकरी की। यहां वह हेयर कलर पाउडर बेचा करते थे, जिससे उनके परिवार का भरण पोषण बहुत ही मुश्किल तरीके से हो पता था। जिस कारण वह अपनी पढ़ाई भी सही ढंग से नहीं कर पाए, लेकिन उनके मन में शुरू से ही बिजनेस का एक जुनून सवार था।
फूड इंडस्ट्री में मचाया हलचल
वहीं, कुछ पैसे इकट्ठा करके उन्होंने साल 1995 में खुद की फूड कंपनी शुरू की। जिसका नाम उन्होंने आची मसाला रखा। जिसकी कीमत मात्र ₹2 थी। इस मसाले का टैगलाइन “द मदर ऑफ अच्छा टेस्ट” रखा गया। जिसके जरिए उन्होंने कस्टमर को मसाले के बारे में पूरी जानकारी दे दी। हालांकि, शुरुआती दिलों में उन्हें काफी ज्यादा संघर्षों का सामना करना पड़ा। इसके बावजूद वह अपने हर ग्राहकों को प्रत्येक मसाले की खरीदारी पर स्टेनलेस स्टील का एक क्लास फ्री में दिया करते थे, जिससे उनके कस्टमर बढ़े। उन दिनों यह एक बड़ा ब्रांड बनकर फूड इंडस्ट्री में सामने आया और बाकी कंपनियों में हलचल पैदा कर दी। धीरे-धीरे आची मसाला के प्रोडक्ट्स की मांग बढ़ने लगी। जिसे देखते हुए पद्मसिंह ने फैक्ट्री लगाई, जहां रोज 120 टन मसाला तैयार किया जाता था। इस दौरान उन्होंने प्रोडक्ट की क्वालिटी पर विशेष ध्यान दिया और इस तरह उन्होंने अपने कंपनी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया।
पद्मसिंह इसाक की नेट वर्थ
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आज ए.डी. पद्मसिंह इसाक 2000 करोड़ रुपये से भी अधिक के मालिक बन चुके हैं। बता दें कि साल 2011 में इस कंपनी की बिक्री 500 करोड रुपए तक पहुंच गई थी जोकि पूरे दक्षिण भारत में धमाल मचाए हुए था। एजेंट और हॉकर्स के जरिए इस कंपनी ने 10 लाख से ज्यादा दुकानों में अपने प्रोडक्ट सप्लाई किए। केवल इतना ही नहीं, साल 2023 में टाटा और विप्रो जैसी बड़ी कंपनी ने भी आची मसाला में 51% हिस्सेदारी हासिल की। वहीं, साल 2016 में ए.डी. पद्मसिंह इसाक को ‘बेस्ट इम्प्लॉयर फॉर एमपावरिंग पर्सन्स विद डिसेबिलिटी’ के नेशनल अवार्ड से सम्मानित किया गया। आज वह लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा बन चुके हैं। उनकी कहानी से यह सीख मिलती है कि स्थिति चाहे जैसी भी हो कभी निराश नहीं होना चाहिए, बल्कि अपने लक्ष्य को पाने के लिए सदैव मेहनत करते रहना चाहिए। क्योंकि एक-न-एक-दिन अवश्य ही सफलता प्राप्त होगी।