2 घंटे पहले
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एक ऐसा वर्ल्ड कप जिसमें भारतीय टीम ग्रुप-स्टेज में ही टूर्नामेंट से बाहर हो गई थी। क्रिकेट वर्ल्ड कप के इतिहास में 28 साल बाद ऐसा हुआ जब भारत ग्रुप स्टेज के मुकाबले में ही टूर्नामेंट से बाहर हो गया। आज के एपिसोड में क्रिकेट एक्सपर्ट अयाज मेमन से जानिए 2007 वर्ल्ड कप से जुड़े भारतीय टीम के प्रदर्शन और धोनी के कप्तान बनने के पीछे की कहानी…
क्यों ग्रेग चैपल और सौरव गांगुली की जोड़ी ज्यादा समय तक नहीं चली…
ग्रेग चैपल ने सौरव गांगुली की शिकायत करते हुए बोर्ड को 3000 शब्दों का एक ईमेल लिखा था
साल 2005, भारतीय टीम के सबसे सफल कोच रहें जॉन राइट का कार्यकाल समाप्त हो रहा था। नए कोच की तलाश शुरू हुई और ग्रेग चैपल के अलावा भारतीय टीम के लिए किसी और बेहतर कोच का नाम नहीं था। भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने ग्रेग चैपल को कोच बनाने पर मुहर लगा दी। एक समय ऐसा लगने लगा था कि कोच ग्रेग चैपल और सौरव गांगुली की कप्तानी में भारतीय टीम को एक जबरदस्त जोड़ी मिल गई, लेकिन ये जोड़ी ज्यादा समय तक नहीं चली। 2-3 महीने बाद ही जिम्बॉवे टूर के दौरान ग्रेग चैपल ने सौरव गांगुली की शिकायत करते हुए 3000 शब्दों का बीसीसीआई को एक ईमेल लिखा। बीसीसीआई ने ग्रेग चैपल के ईमेल पर कार्रवाई करते हुए सौरव गांगुली को कप्तानी से हटाकर द्रविड़ को कप्तानी दे दी। गांगुली और चैपल टीम को अपने अपने अनुसार आगे लेकर चलना चाहते थे इसी चलते दोनों में विवाद होने लगे और टीम के सीनियर प्लेयर्स में भी कई मौकों पर विवाद होने लग गए थे। इसी का असर रहा कि भारतीय टीम में सचिन, सहवाग, गांगुली, धोनी, कुंबले और जहीर खान जैसे एक से बढ़कर एक धुरंधर होने के बावजूद भी टीम ग्रुप-स्टेज से ही बाहर हो गई।
2007 वर्ल्ड कप ग्रुप-स्टेज से बाहर होने के बाद फूटा फैंस का गुस्सा…
1983 वर्ल्ड कप जीतने के बाद से ही क्रिकेट को लेकर भारत में फैंस की दीवानगी बढ़ने लगी थी। समय के साथ भारतीय टीम का प्रदर्शन भी बेहतर हुआ। टीम इंडिया 1987 और 1996 वर्ल्ड कप में सेमीफाइनल तो वहीं 2003 में फाइनल तक पहुंची। टीम के बेहतर होते प्रदर्शन से फैंस की भी आकांक्षाएं बढ़ने लगी। लेकिन फिर आया साल 2007। वर्ल्ड कप में टीम के प्रदर्शन ने फैंस को बहुत निराश किया। इसी कारण देश के अलग-अलग जगहों पर फैंस का गुस्सा फूटा। फैंस ने धोनी के रांची वाले घर को भी नहीं छोड़ा। उसके बाहर भी धोनी का पोस्टर जलाकर विरोध किया।
2007 में टीम वर्ल्ड कप हारी तो ढूंढा गया नया कप्तान…
2007 की हार के बाद धोनी नए कप्तान बने और उनकी कप्तानी में उसी साल टीम ने पहला टी20 वर्ल्ड कप जीता।
2007 वर्ल्ड कप हारने के बाद भारतीय टीम की हर तरफ आलोचना हो रही थी। टीम के अंदर भी माहौल ठीक नहीं चल रहा था, बुरे प्रदर्शन के लिए सवाल उठने लगे कि कौन जिम्मेदार हैॉ? देशभर में क्रिकेट फैंस ने प्रोटेस्ट किए, पुतले फूंके। इस विरोध के बाद से ही भारतीय टीम की कप्तानी किसी नए खिलाड़ी को देने की बातें चलने लगी। उस वक्त भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और सेलेक्टर रहे दिलीप वेंगसरकर ने बताया कि द्रविड़ और सचिन चाहते थे कि धोनी भारतीय टीम को लीड करें क्योंकि वो एक स्टेबल खिलाड़ी है। इससे पहले पूर्व कोच ग्रेग चैपल ने भी टीम कैप्टन के रूप में धोनी और गौतम गंभीर का नाम लिया था। इन तमाम बातचीत के बाद धोनी को कप्तानी मिली और उन्होंने अपने पहले आईसीसी टूर्नामेंट (टी20 वर्ल्ड कप 2007) में भारत को चैम्पियन बनाकर खुद को प्रूव भी कर दिया।