स्पेस में कुछ भी खाना-पीना इतना आसान नहीं. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा, यूरोपीय स्पेस एजेंसी कई बार ऐसे वीडियोज जारी करती है, जिसमें एस्ट्रोनॉट मुश्किलों से खाते-पीते नजर आते हैं. पानी उड़ता हुआ दिखता है, खाना अगर छोड़ दिया जाए तो गुम हो जाएगा. ऑनलाइन प्लेटफार्म कोरा पर पूछा गया कि अंतरिक्ष के सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण में जब अंतरिक्ष यात्री पानी पीते या खाना खाते हैं तो वो उनके पेट में कैसे जाता है? अनिमेष कुमार सिन्हा नाम के यूजर ने इसका जवाब दिया. आप भी जानिए.
हमारे खाने-पीने का एक सिस्टम है. जब भी हम खोजन खाते हैं तो यह हमारे गले तक पहुंचता है. फिर वहां से एसोफेगस की मांसपेशियों के क्रमिक सिकुड़न और फैलाव होता है, जिसके माध्यम से खाना हमारे पेट तक पहुंचता है. गुरुत्वाकर्षण की इसमें कोई भूमिका नहीं है. गुरुत्वाकर्षण का महत्व शरीर में भोजन पहुंचने की इस पूरी प्रक्रिया में शून्य है. इसीलिए सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण में जब अंतरिक्ष यात्री पानी पीते या खाना खाते हैं तो वो उनके पेट मे भोजन वैसे ही जाता है जैसे वे धरती पर खाना खाते हैं.
I can’t stop watching this Astronaut trying to eat honey. pic.twitter.com/REYqOr4Cpz
— CALL TO ACTIVISM (@CalltoActivism) August 28, 2023
गले को पेट से जोड़ती है एसोफेगस
एक्सपर्ट के मुताबिक, एसोफेगस एक नली है जो हमारे गले ( Throat) को पेट से जोड़ती है. दांत जब भोजन के छोटे-छोटे टुकड़े करता है, उसके बाद सलाइवा में मिलकर यह छोटी-छोटी गोलियां बना देता है. यह गोली जब एसोफेगस नली में पहुंचती है तो उसमें क्रमिक रूप से संकुचन होता है. इस सिकुड़न और फैलाव को पेरसटैलसिस (persitalsis) कहते हैं.
एसोफेगस में दो तरह की मांसपेशियां
आंतरिक संरचना की बात करें तो एसोफेगस में दो तरह की मांसपेशियां होती हैं. एक गोलाकार और दूसरी लंबी. इसमें एक वॉल्ब भी होता है, जो काफी उच्च दबाव वाला होता है. यह भोजन को पेट से वापस आने से रोकता है. आप इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि अगर आपने खाना खा लिया और जब तक वह गले में है, तब तक आप उल्टा शीर्षासन की स्थिति में नहीं जा सकते. लेकिन अगर यह गले से नीचे उतर गया तो आप आसानी से शीर्षासन कर सकते हैं. इस दौरान खाना आपके पेट से बाहर नहीं आएगा.
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FIRST PUBLISHED : December 17, 2023, 17:03 IST