Sirsa News: फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री से जुड़े उद्यमी डिजिटल मंच के माध्यम से सीधे उपभोक्ताओं तक बनाएं पहुंच


संवाद न्यूज एजेंसी

सिरसा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शनिवार को लघु सचिवालय में बैठकर विशेष चर्चा कार्यक्रम के अंतर्गत फोन पर ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के लाभार्थियों से संवाद किया। मुख्यमंत्री ने फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री से जुड़े लोगों से कहा कि वे वर्तमान दौर में अपने उत्पाद सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए डिजिटल मंच का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करते हुए एक सफल उद्यमी के तौर पर स्वयं को स्थापित करें।

उन्होंने कहा कि आज भारतीय इंडस्ट्री 4.0 के इस दौर में डिजिटल रिवोल्यूशन का चेहरा बनी हुई है। फूड प्रोसेसिंग में भी इसका कारगर उपयोग हो रहा है। विशेषकर उत्पादों को बेचने में डिजिटल प्लेटफार्म बहुत उपयोगी साबित हो रहे हैं। देश में वर्ष 2022 में फूड प्रोसेसिंग उद्योग 26 लाख करोड़ रुपये का था जो अगले 3 वर्षों में बढ़कर 35 लाख करोड़ रुपये तक होने की उम्मीद है। इसलिए इस उद्योग में निवेश व विकास की व्यापक संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री से जुडे़ लोगों ने उद्योग लगाकर न केवल हरियाणा के औद्योगिक क्षेत्र के विकास में, बल्कि रोजगार बढ़ाने सहित लाखों किसानों की आय बढ़ाने में भी योगदान दिया है।

प्रदेश में 28 हजार फूड प्रोसेसिंग यूनिट हैं संचालित

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार ने पिछले 9 सालों में प्रदेश में ऐसा माहौल बनाया है। जिसमें कारोबार करना आसान हो गया है। हरियाणा कृषि व्यवसाय एवं खाद्य प्रसंस्करण नीति अधिसूचित करने के साथ-साथ, प्रदेश में फूड प्रोसेसिंग इकाइयों की स्थापना के लिए अनेक प्रकार की सब्सिडी एवं करोड़ों रुपये का अनुदान दिया जा रहा है। परिणामस्वरूप, हरियाणा में अब तक लगभग 28 हजार फूड प्रोसेसिंग यूनिट लग चुकी हैं।

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6 लाख 44 हजार 544 उद्यम पंजीकृत

सीएम ने कहा कि हरियाणा में उद्यम पंजीकरण पोर्टल पर 6 लाख 44 हजार 544 उद्यम पंजीकरण प्रमाणित एमएसएमई हैं। इनमें से 27 हजार 370 एमएसएमई पंजीकृत हैं। फूड फूड प्रोसेसिंग इकाइयों के रूप में एमएसएमई पॉलिसी व एचईईपी- 2020 के तहत कुल 4860 इकाइयों ने विभिन्न लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदन किए हैं। इनमें से 1501 इकाइयों को लाभ वितरित किए जा चुके हैं तथा 719 इकाइयों को लाभ देने की प्रक्रिया चल रही है। ऐसे उत्पाद तैयार करें, जिनमें चीनी, नमक व फैट कम से कम हो, क्योंकि स्वास्थ्य के प्रति सचेत उपभोक्ता ऐसे खाद्य पदार्थों की मांग कर रहे हैं।


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