बांग्लादेश ने पहला वन-डे भारत के बायकॉट पर खेला: पाकिस्तान ने कई बार रद्द किए भारत दौरे; क्रिकेट में बायकॉट के किस्से


एक घंटा पहले

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इस बार एशिया कप के कई मैचों में बारिश ने खलल डाला। भारत-पाकिस्तान के बीच पहला मुकाबला रद्द ही करना पड़ा। इसे लेकर एशियन क्रिकेट काउंसिल की आलोचना भी हुई। दरअसल, 2023 एशिया कप की मेजबानी पाकिस्तान को मिली थी, लेकिन भारतीय टीम को वहां नहीं भेजा गया। जिस वजह से कुछ मैचों को श्रीलंका में शिफ्ट करना पड़ा।

ये पहली बार नहीं, जब किसी टीम ने दूसरे देश में खेलने से मना किया हो। बांग्लादेश को पहला इंटरनेशनल मैच खेलने का मौका भारतीय टीम के श्रीलंका नहीं जाने की वजह से मिला था। इसी तरह 2003 में न्यूजीलैंड के इनकार की वजह से केन्या वर्ल्डकप के सेमीफाइनल तक पहुंच गई थी।

भास्कर एक्सप्लेनर में आज क्रिकेट में बॉयकाट के कुछ ऐसे ही रोचक किस्से जानेंगे…

भारत ने श्रीलंका जाने से इनकार किया, बांग्लादेश को मिला इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने का मौका

1986 की बात है। श्रीलंका में LTTE (लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम) का आतंक चरम पर था। इस गृह युद्ध के दौर में भारत सरकार अपने खिलाडियों की जान जोखिम में नहीं डालना चाहती थी। सरकार ने टीम को श्रीलंका जाने की इजाजत नहीं दी।

भारत के न होने से एशिया कप टूर्नामेंट में केवल दो ही टीमें बचीं। श्रीलंका और पाकिस्तान। आयोजक दुविधा में थे कि ऐसा होने पर तो यह बाइलैट्रल सीरीज हो जाएगी। इसके बाद बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड से कॉन्टैक्ट किया गया। तब बांग्लादेश ने कोई इंटरनेशनल मैच नहीं खेला था। इस तरह बांग्लादेश एशिया कप में शामिल हुआ और उसे पहली बार वनडे इंटरनेशनल मैच खेलने का मौका मिला।

1986 के एशिया कप में श्रीलंका ने पाकिस्तान को पांच विकेट से हराकर खिताब जीता था। श्रीलंका के अर्जुन रणतुंगा मैन ऑफ द सीरीज बने थे।

1986 के एशिया कप में श्रीलंका ने पाकिस्तान को पांच विकेट से हराकर खिताब जीता था। श्रीलंका के अर्जुन रणतुंगा मैन ऑफ द सीरीज बने थे।

कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि सिर्फ भारत सरकार ही नहीं, भारतीय खिलाड़ी भी श्रीलंका में एशिया कप नहीं खेलना चाहते थे। इसका कारण LTTE नहीं, बल्कि 1985 में श्रीलंका में उनके साथ हुआ व्यवहार था।

दरअसल 1985 में भारत और श्रीलंका के बीच सीरीज हुई। भारत की तरफ से कपिल देव कप्तान थे, जबकि श्रीलंका की कमान दिलीप मेंडिस के पास थी। सीरीज श्रीलंका ने जीती। इस पूरी सीरीज में भारतीय टीम अंपायरिंग से खुश नहीं थी।

भारत आने से मुकर गया पाकिस्तान, तीन ही टीमों के बीच हुआ एशिया कप

1991 के एशिया कप में भारत ने श्रीलंका को हराकर फाइनल अपने नाम किया था। कपिल देव ने फाइनल में हैट्रिक ली थी।

1991 के एशिया कप में भारत ने श्रीलंका को हराकर फाइनल अपने नाम किया था। कपिल देव ने फाइनल में हैट्रिक ली थी।

साल था 1990-91, भारत में एशिया कप होना था। भारत और पाकिस्तान के रिश्ते हमेशा की तरह खराब चल रहे थे। इसके बावजूद भारत ने 1989 में पाकिस्तान का दौरा किया था, लेकिन जब दिसंबर 1990 से जनवरी 1991 के बीच भारत में एशिया कप खेलने की बात आई तो पाकिस्तान ने आने से इनकार कर दिया।

इसके बाद ये एशिया कप इंडिया, श्रीलंका और बांग्लादेश के बीच हुआ। फाइनल में भारत ने श्रीलंका को 7 विकेट से हराकर तीसरी बार एशिया कप अपने नाम किया था।

भारत और पाकिस्तान ने खेलने से मना किया, एशिया कप कैंसिल करना पड़ा

90 के दशक में कश्मीर में आतंकवाद चरम पर था। इसी दौरान वहां बड़े पैमाने पर कश्मीरी पंडितों की हत्या हुई थी। हजारों लोगों ने पलायन किया था। कहा गया कि पाकिस्तान न सिर्फ आतंकियों का समर्थन कर रहा था, बल्कि उन्हें पैसे और ट्रेनिंग भी दे रहा था। पाकिस्तान खुद भी घुसपैठ की कोशिशें कर रहा था। इस वजह से दोनों देशों के बीच रिश्ते लगातार तल्ख होते गए। यही कारण रहा कि 1993 का एशिया कप दोनों ही देशों ने खेलने से मना कर दिया। ऐसी स्थिति में एशिया कप को ही कैंसिल करना पड़ा।

1996 वर्ल्ड कप में बिना खेले दो मैचों में श्रीलंका को जीत मिली

1996 वर्ल्ड कप ट्रॉफी के साथ श्रीलंका के कप्तान अर्जुन रणतुंगा।

1996 वर्ल्ड कप ट्रॉफी के साथ श्रीलंका के कप्तान अर्जुन रणतुंगा।

साल था 1996, भारत, श्रीलंका और पाकिस्तान में वर्ल्ड कप खेला जाना था। ऑस्ट्रेलिया ने श्रीलंका में मैच खेलने से मना कर दिया। इसका कारण सेंट्रल बैंक कोलंबो में हुआ बम ब्लास्ट था। इससे श्रीलंका को वॉकओवर मिल गया। उसे दो मैचों में बिना खेले ही जीत मिल गई। वह अपने ग्रुप में टॉप पर पहुंच गया।

इस वर्ल्ड कप को लेकर एक विवादित किस्सा भी है। दरअसल भारत और श्रीलंका की टीम कोलकाता में हुए सेमीफाइनल में आमने-सामने थी। श्रीलंका ने 252 रन का लक्ष्य रखा था। भारतीय बल्लेबाज श्रीलंका की गेंदबाजी के सामने ताश के पत्तों की तरह बिखर गए। भारत की टीन 120 रन पर आठ विकेट गंवा चुकी थी। तभी दर्शकों ने हंगामा शुरू कर दिया। वे ग्राउंड पर पानी की बोतल फेंकने लगे। इसके बाद श्रीलंका को विजेता घोषित कर दिया गया।

फाइनल का मुकाबला श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुआ। श्रीलंका ने ऑस्ट्रेलिया को हराकर पहली बार वर्ल्ड कप अपने नाम किया।

2003 वर्ल्ड कप में वॉकओवर की बदौलत पाकिस्तान से आगे निकला जिम्बाब्वे

2003 में क्रिकेट वर्ल्ड कप जिम्बाब्वे, दक्षिण अफ्रीका और केन्या में हुआ। उस वक्त जिम्बाब्वे में रॉबर्ट मुगाबे की सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे थे। कई ऐसे ग्रुप थे जो हिंसात्मक प्रदर्शन कर रहे थे। इनमें एक ग्रुप था ‘सन्स एंड डॉटर्स ऑफ जिम्बाब्वे’। इस ग्रुप ने इंग्लैंड की टीम को लेटर लिखकर उसके खिलाड़ियों और उनके परिवार को जान से मारने की धमकी दी थी। इसके बाद इंग्लैंड के खिलाडियों ने जिम्बाब्वे जाने से इनकार कर दिया।

13 फरवरी 2003 को इंग्लैंड और जिम्बाब्वे के बीच मैच होना था। इंग्लैंड की टीम जिम्बाब्वे नहीं गई। लिहाजा जिम्बाब्वे को वॉकओवर मिल गया। इसी वॉकओवर की वजह से पाकिस्तान को पछाड़कर जिम्बाब्वे की टीम नेक्स्ट स्टेज में पहुंची थी।

न्यूजीलैंड के नहीं खेलने की वजह से केन्या पहुंचा सेमीफाइनल में

भारत ने 2003 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में केन्या को हराया था।

भारत ने 2003 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में केन्या को हराया था।

2003 वर्ल्ड कप में जहां एक ओर इंग्लैंड ने जिम्बाब्वे जाने से मना किया तो वहीं न्यूजीलैंड ने केन्या में मैच खेलने से इनकार कर दिया। केन्या की राजधानी नैरोबी में न्यूजीलैंड और केन्या का मैच होना था, लेकिन उस वक्त वहां आतंकी हमले की आशंका थी।

न्यूजीलैंड ने ICC से उनका मैच केन्या में न कराकर दक्षिण अफ्रीका में कराने की मांग की, पर ICC ने मना कर दिया। इस तरह केन्या को वॉकओवर मिल गया। इसी वॉकओवर की बदौलत केन्या पहली बार वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में पहुंचा। हालांकि सेमीफाइनल में भारत के हाथों उसे हार का सामना करना पड़ा था।

जब पाकिस्तान में आतंकियों ने श्रीलंकाई टीम पर ही हमला कर दिया

2009 में श्रीलंकाई टीम पाकिस्तान दौरे पर थी। लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में सीरीज का दूसरा टेस्ट मैच खेला जा रहा था। मैच के तीसरे दिन श्रीलंकाई टीम स्टेडियम की ओर जा रही थी। तभी आतंकियों ने बस पर फायरिंग शुरू कर दी। इस हमले में श्रीलंकाई क्रिकेटर्स को चोटें आईं, लेकिन उनकी जान बच गई।

श्रीलंकाई क्रिकेट टीम की बस, जिसे आतंकियों ने 2009 में निशाना बनाया था।

श्रीलंकाई क्रिकेट टीम की बस, जिसे आतंकियों ने 2009 में निशाना बनाया था।

इस सीरीज के बाद दुनिया की सभी बड़ी टीमों ने पाकिस्तान में खेलने से मना कर दिया। 2019 में श्रीलंका ने फिर पाकिस्तान जाने का फैसला लिया और तब जाकर 10 साल बाद पाकिस्तान में क्रिकेट की वापसी हुई।

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