फूड पॉयजनिंग से 14 साल की बच्ची की मौत: 2 दिन से चल रहा था इलाज; परिजन बोले- गोलगप्पे खाने के बाद बिगड़ी हालत


उदयपुर11 मिनट पहले

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गोलगप्पे खाने के बाद 14 साल की निशा की हालत बिगड़ गई। हॉस्पिटल में उसने दम तोड़ दिया। इसके बाद परिजनों ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन भी किया। - Money Bhaskar

गोलगप्पे खाने के बाद 14 साल की निशा की हालत बिगड़ गई। हॉस्पिटल में उसने दम तोड़ दिया। इसके बाद परिजनों ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन भी किया।

उर्स के मेले में गोलगप्पे (पानी-पताशे) खाने से भाई-बहन की तबीयत बिगड़ गई। दोनों ही 15 सितम्बर से एमबी हॉस्पिटल के आईसीयू में भर्ती थे। रविवार को 14 साल की बच्ची की इलाज के दौरान मौत हो गई, जबकि भाई की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने कार्रवाई में ढिलाई बरती और गोलगप्पे वाले को पाबंद करके छोड़ दिया। मामला उदयपुर का है।

गोलगप्पे खाने के बाद 14 साल की निशा की तबीयत बिगड़ गई और इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।

गोलगप्पे खाने के बाद 14 साल की निशा की तबीयत बिगड़ गई और इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।

थानाधिकारी हनवंत सिंह राजपुरोहित ने बताया कि पीपली चौक ओढ़ बस्ती निवासी 14 साल की निशा पुत्री उद्देश्य ओढ़ ने 14 सितंबर को उदयपुर के मल्लातलाई में लगे मेले में गोलगप्पे खाए थे। इसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई। उसे 15 सितंबर को MB हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। घटना के दिन गोलगप्पा बेचने वाले 2 लोगों को हिरासत में लिया था। उस वक्त हमारे पास उनके खिलाफ लिखित कोई रिपोर्ट नहीं मिली। ऐसे में उन्हें धारा 151 में पाबंद करके छोड़ दिया। फिलहाल परिजनों की तरफ से रिपोर्ट लेकर रविवार को मामला दर्ज किया है। जांच चल रही है।

भाई की हालत अब भी गंभीर

उद्देश्य ओढ़ मजदूरी करते हैं। उन्होंंने बताया- मेरी दो बेटी निशा, काजल (12) और बेटा गिरीश (10) हैं। निशा सरकारी स्कूल में 9वीं कक्षा में पढ़ती थी। 14 सितम्बर को मेरे तीनों बच्चे पड़ोसियों के साथ उर्स के मेले में गए थे। वहां बड़ी बेटी निशा और सबसे छोटे बेटे गिरीश ने गोलगप्पे खाए थे। घर आने पर निशा और गिरीश को उल्टी-दस्त की शिकायत होने लगी तो उन्हें पास के हॉस्पिटल से दवा दिलवाकर लाया। हालत में सुधार नहीं हुआ तो दूसरे दिन 15 सितम्बर को एमबी हॉस्पिटल में भर्ती कराया। 2 दिन आईसीयू में रहने के बाद रविवार दोपहर करीब 3 बजे निशा ने दम तोड़ दिया। बेटा अभी भी आईसीयू में भर्ती है।

निशा की मौत के बाद परिजन एमबी हॉस्पिटल की मॉर्च्युरी में जुट गए। उन्होंने प्रशासन और पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन किया।

निशा की मौत के बाद परिजन एमबी हॉस्पिटल की मॉर्च्युरी में जुट गए। उन्होंने प्रशासन और पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन किया।

पुलिस पर ढिलाई बरतने का आरोप

निशा के चाचा गोविंद ओढ़ ने बताया- मल्लातलाई क्षेत्र में ही मस्तान बाबा की दरगाह है। यहां सालाना उर्स के उपलक्ष्य में बड़ा मेला लगता है। 14 सितंबर को मेले में गोलगप्पे खाने के बाद कई बच्चों की हालत बिगड़ी थी। मामला बढ़ने के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए गोलगप्पे बेचने वालों को हिरासत में लिया था लेकिन उसे पाबंद करके छोड़ दिया गया। मेले में फूड सेफ्टी इंस्पेक्टर भी किसी तरह की कार्रवाई नहीं करते। इसकी वजह से ऐसी घटनाएं हो रही हैं। कुछ और बच्चे भी मेले में गए थे, जिनकी गोलगप्पे खाने से तबीयत बिगड़ी है।

बच्ची की मौत के बाद आक्रोशित समाज और भाजपा नेताओं ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया।

बच्ची की मौत के बाद आक्रोशित समाज और भाजपा नेताओं ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया।

इधर, बच्ची की मौत के बाद आक्रोशित समाज और भाजपा नेताओं ने शाम करीब 6 बजे कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। लोगों ने उर्स मेला संयोजक और फूड सेफ्टी इंस्पेक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाई। साथ ही ​बच्ची के परिजनों को उचित मुआवजा देने की भी मांग की। प्रदर्शन में भाजपा शहर जिला अध्यक्ष रविन्द्र श्रीमाली, उपमहापौर पारस सिंघवी मौजूद रहे।

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