जबलपुर के आदिवासी छात्रावास में फूड पॉइजनिंग, 100 से ज्यादा बच्चियां अस्पताल में भर्ती


मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ संजय मिश्रा ने बताया कि स्टूडेंट्स की संख्या 101 हो गई है। इनमें 55 बच्चे मेडिकल कॉलेज में, 37 बच्चे जिला अस्पताल में एवं 11 स्टूडेंट्स निजी अस्पतालों में भर्ती हैं।

जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में फूड पॉइजनिंग का बड़ा मामला सामने आया है। यहां मांडवा बस्ती में स्थित एकलव्य आदिवासी छात्रावास में फूड पॉइजनिंग के कारण 100 से अधिक छात्राएं की तबीयत बिगड़ गई। अचानक बड़ी संख्या में छात्राओं को उल्टी दस्त होने के कारण हॉस्टल में अफरातफरी की स्थिति उत्पन्न हो गई।

बताया जा रहा है कि मांडवा बस्ती में स्थित एकलव्य आदिवासी छात्रावास में शाम को खाना खाने के बाद 100 से अधिक बच्चे अचानक उल्टियां करने लगे। इसके बाद आनन-फानन में सभी बच्चों को शहर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराना शुरू किया गया। इनमें से करीब एक दर्जन बच्चियों की हालत बेहद नाजुक बताई जा रही है। डॉक्टरों का कहना है कि फूड प्वाइजनिंग के कारण ही सभी बच्चियों की तबीयत बिगड़ी है। 

एकलव्य आदिवासी छात्रावास में तकरीबन 450 छात्राएं रहते हैं। पहली शिफ्ट में पांचवी से लेकर आठवीं तक के छात्राओं को खाना खिलाया जाता है। सोमवार को भी तकरीबन 120 छात्राओं ने एक साथ खाना खाया। खाने में उन्हें दाल, चावल कटहल की सब्जी और रोटियां दी गई। लेकिन खाना खाते ही कुछ बच्चियों ने उल्टियां शुरू कर दी और पेट दर्द की शिकायत की। छात्रावास के स्टाफ ने तत्काल बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया। 

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ संजय मिश्रा ने बताया कि एकलव्य आवासीय विद्यालय के कुछ और बच्चों को उपचार के लिये मेडिकल कॉलेज भेजा गया है। उन्होंने बताया कि अब अस्पतालों में उपचार के लिये भर्ती छात्राओं की संख्या 101 हो गई है। इनमें 55 मेडिकल कॉलेज में, 37 जिला अस्पताल में एवं 11 निजी अस्पतालों में भर्ती हैं। सतर्कता के तौर पर उन्हें रात भर अस्पतालों में ही रखा जाएगा।

स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि छात्रावास से खाने का सैंपल ले लिया गया है और उसकी जांच खाद्य विभाग से कराई जाएगी। वहीं अभिभावकों का कहना है कि छात्रावास में अक्सर उन्हें खराब खाना ही दिया जाता है जिसकी शिकायत पहले भी की जा चुकी है। लेकिन छात्रावास के कर्मचारियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया नतीजा आज कई बच्चियों की जिंदगी खतरे में पड़ गई। छात्राओं ने बताया कि उन्हें सड़े हुए कटहल की सब्जी खिलाई गई थी।

मामले पर कांग्रेस ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है। पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री से पूछना चाहता हूं कि आदिवासी समाज के बच्चों के साफ सुथरे भोजन का प्रबंध भी आखिर उनकी सरकार क्यों नहीं कर पा रही है? 

वहीं, कांग्रेस विधायक तरुण भनोट ने आरोप लगाते हुए कहा कि यह शर्म की बात है कि प्रभावितों को न एंबुलेंस मिली, न सही उपचार। ये सब भ्रष्टाचार और कमीशन खोरी का नतीजा है।

मामले पर युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ विक्रांत भूरिया ने कहा कि शिवराज जी, बच्चों के खाने के साथ भी आपके राज में “कमीशन” के चक्कर मे मिलावट हो रही है। जबलपुर के अस्पताल में मौजूद युवा कांग्रेस नेता रघु तिवारी ने बताया कि 100 से अधिक बच्चे अबतक एडमिट हो चुके हैं और हॉस्टल में लगभग सभी लोगों की तबियत खराब हो रही है। सुबह तक बीमार स्टूडेंट्स की संख्या 300 भी हो सकती है।


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