Bihar News: सरकारी छात्रावास में अचानक 30 छात्राएं बीमार; 12 लड़कियां भर्ती, फूड पॉइजनिंग की शिकायत


Bihar News: 30 girl students suddenly fall ill due to food poisoning in Ambedkar hostel; 12 admitted

फूड प्वाइजनिंग का शिकार हुई छात्राएं अस्पताल में इलाजरत
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


बिहार के आरा में अम्बेडकर छात्रावास में पढ़ने वाली करीब 30 बच्चियां बुधवार को खाद्य विषाक्तता (फूड प्वाइजनिंग) का शिकार हो गई। जहां बीमार करीब एक दर्जन बच्चियों को गंभीर हालत में इलाज के लिए आरा सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उनका फिलहाल चिकित्सक की देखरेख में इलाज चल रहा है।

जानकारी के मुताबिक, सभी बीमार छात्राएं मंगलवार रात को छात्रावास में बने कच्चे चावल और असंतुलित खाना खाने से बीमार हुई हैं। वहीं, इस घटना के बाद अम्बेडकर छात्रावास में पढ़ने वाली सभी छात्राएं भूख-हड़ताल पर बैठ गई हैं। उनका कहना है कि जब तक छात्रावास के अंदर सही खाना बनाने का प्रबंध नहीं किया जाएगा, तब तक हम लोग खाना नहीं खाएंगे।

भूख हड़ताल पर बैठीं छात्राएं

इधर, अम्बेडकर छात्रावास में ढाई दर्जन से ज्यादा छात्राओं के बीमार होने की खबर मिलते ही जिला प्रशासन में खलबली मच गई है। खाद्य विषाक्तता की शिकार अस्पताल में इलाजरत कक्षा आठ की छात्रा निशा कुमारी, कक्षा सात की छात्रा विनती कुमारी और कक्षा नौ में पढ़ने वाली अनीशा कुमारी ने कहा कि कल रात छात्रावास में जीविका दीदियों के द्वारा कच्चा चावल सभी छात्राओं को खिलाया गया है। जहां खाना खाने के बाद एक-एक कर सभी छात्राओं को उल्टी-दस्त, सिर में दर्ज और चक्कर आने लगे। उसके बाद कई लड़कियों को इलाज के लिए आरा सदर अस्पताल लाया गया है। जबकि कई लड़कियां अभी भी बीमार हैं, जो छात्रावास में ही हैं।

‘कई दिनों से खिलाया जा रहा असंतुलित खाना’

अक्रांत बच्चियों ने बताया कि इस तरह का असंतुलित खाना कई दिनों से खिलाया जा रहा है। इसकी शिकायत हम लोगों ने स्कूल के प्रिंसिपल और जिला कल्याण पदाधिकारी को फोन पर जानकारी भी दी थी। इसके बावजूद भी खाने में कोई सुधार नहीं हुआ और नतीजा ये हुआ कि करीब 25 से 30 लड़कियां खाना खाने से बीमार हो गईं। छात्रावास की हम सभी लड़कियां जब तक खाना सही ढंग से नहीं बनेगा, तब तक हम लोग हड़ताल पर रहेंगे।

जबकि अम्बेडकर छात्रावास की शिक्षिका विजेता कुमारी ने बताया कि कल अंबेडकर छात्रावास में खाना बनाने वाला चूल्हा खराब हो गया था। इस वजह से चावल कच्चा रह गया था। उसी चावल को खाने से छात्रावास में पढ़ने वाली बच्चियों की तबीयत हो गई है, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल लाया गया है।

जिला कल्याण पदाधिकारी ने साधी चुप्पी

वहीं, इस मामले को लेकर जिला कल्याण पदाधिकारी रामेश्वर राम से जानने की कोशिश की गई तो उन्होंने कैमरे पर बोलने से साफ मना कर दिया। इधर, बीमार बच्चियों का अस्पताल में इलाज कर रहे चिकित्सक डॉ. कृपाशंकर चौबे ने बताया कि अस्पताल में जिन बच्चियों का इलाज चल रहा है, उनमें उल्टी-दस्त जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं जो संभवतः फूड प्वाइजनिंग के लक्षण हैं। फिलहाल सभी बच्चियों का अस्पताल में इलाज किया जा रहा है।


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