मछली खाने के बाद काटने पड़े महिला के हाथ-पैर, जानें सी-फूड खाते समय क्या सावधानियां रखें – Tilapia fish precautions to follow while cooking sea food


 नई दिल्ली, लाइफस्टाइल। Tilapia: कैलिफॉर्निया की लॉरा बराजस नाम की एक 40 साल की महिला को तिलापिया नाम की मछली खाने से अपने दोनों हाथ और पैर खोने पड़े। महिला ने एक लोकल मार्केट से ये मछली खरीदी थी, जिसे खाने के बाद वह काफी बीमार हो गई। वह मछली विब्रियो वलनिफीकस नाम के एक बैक्टिरीया से कंटैमिनेटेड थी। इस बैक्टिरीया से कंटैमिनेटेड सी फूड खाने से इन्फेक्शन हो सकता है। उस इन्फेक्टेड मछली को खाने से महिला इस बैक्टिरीया से संक्रमित हो गई थी। उसके हाथ की उंगलियां, पैर, होठ काले पड़ गए थे, जिसके बाद उसे मेडिकली इंड्यूस्ड कोमा में रखा गया था। उसकी किडनी भी फेल होनी शुरू हो गई थी। उस महिला की जान बचाने के लिए उसके हाथ पैरों को काटना पड़ा, ताकि इन्फेक्शन रोका जा सके।

इन्फेक्शन का कारण ये बताया जा रहा है कि मछली अंडरकुक्ड थी। इसलिए ये बहुत जरूरी है कि कोई भी सी फूड अच्छे से पका कर खाएं। सी फूड अगर अच्छे से न पका हो तो इन्फेक्शन की संभावना होती है। अधपके खाने से फूड पॉइजनिंग की संभावना अधिक रहती है। इसके साथ ही खाने को ठीक से स्टोर न करने पर भी इन्फेक्शन की संभावना बढ़ जाती है। आइए जानते हैं कि सी फूड पकाते वक्त किन बातों का ख्याल रखें।

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  • सी फूड हमेशा अधिक तापमान पर पकाना चाहिए। आमतौर पर 75 डिग्री या उससे अधिक। इससे कम तापमान पर बैक्टीरिया मर नहीं पाते और उनसे इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
  • इसे हमेशा ठंडे पानी से अच्छे से धोएं। इसके साथ ही अपने हाथ और बर्तन भी अच्छे से धोकर ही खाना बनाएं। आपके हाथ और बर्तन पर लगे बैक्टीरिया आपके खाने को दूषित कर सकते हैं।
  • सी फूड खरीदते समय इस बात का ख्याल रखें कि उसका फ्लेश यानी मांस डैमेज न हो। इससे भी इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
  • खरीदने के बाद 2-3 दिन के अंदर ही उसे खा कर खत्म कर दें। हालांकि, कोशिश करें कि जिस दिन खरीदें, उसी दिन उसे खत्म कर दें। अधिक दिन तक रखने पर कंटैमिनेशन की संभावना बढ़ जाती है।
  • पके हुए और कच्चे सी फूड को अलग-अलग रखें। इससे आपका खाना क्रॉस कंटैमिनेट नहीं होगा।
  • कच्चे सी फूड को हमेशा 40 डिग्री से कम तापमान पर रखें।

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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Picture Courtesy: Freepik


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