हॉस्टल का बजट 5 करोड़, नाक पकड़कर खाते थे खाना: सब्जी, दाल, रोटी और चावल खाते ही होने लगीं खून की उल्टियां; शिकायत की तो बोले- चुप रहो


सुनील विश्वकर्मा। जबलपुर2 घंटे पहले

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जबलपुर का 450 बच्चों का आवासीय एकलव्य विद्यालय इन दिनों सुर्खियों में है। यहां खाना खाने के बाद 100 से ज्यादा बच्चों को उल्टियां होने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कारण दूषित भोजन… एक साथ इतने बच्चों के बीमार हो जाने पर जिला प्रशासन से लेकर स्वास्थ्य विभाग तक के होश फाख्ता हो गए। जब उन्होंने बच्चों से बात की तो काफी चौंकाने वाले खुलासे हुए।

बच्चों ने बताया कि अधिकतर समय हमें दूषित खाना ही दिया जाता है। शिकायत करते हैं तो हमें चुप करा दिया जाता है। इस कारण सभी मजबूरी में नाक पकड़कर खाना खाते हैं। मामला सामने आने के बाद राजनीति भी गरमा गई है। राजनीतिक दलों के साथ बच्चों के अभिभावकों ने भी इसे लेकर प्रदर्शन किया।

दिन 18 सितंबर 2023। आवासीय एकलव्य विद्यालय में रात के 8 बज रहे थे। बच्चे अचानक जोर-जोर से रोने लगे। कोई खून की उल्टी कर रहा था तो कोई जमीन पर तड़प रहा था। इस हालत को देख हॉस्टल के सीनियर छात्र पहुंचे तो बच्चों ने शोर मचाना शुरू कर दिया। उनकी आवाज सुनकर आसपास रहने वाले लोग भी आ गए। जैसे-तैसे सभी बच्चों को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। गंभीर बच्चों को आईसीयू में शिफ्ट कराया गया।

बच्चों का कहना था कि सोमवार रात सभी ने कटहल की सब्जी, मिक्स दाल, रोटी और चावल खाया था। हॉस्टल में करीब 450 आदिवासी बच्चे कक्षा 6 से 12वीं तक के रहते हैं। सोमवार को 6वीं से 11वीं क्लास तक के बच्चों ने खाना खाया, वे बीमार हो गए। अस्पताल में 100 से ज्यादा बच्चों को भर्ती कराया गया था।

जबलपुर का एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के इसी किचन में बना था खाना, जिसे खाने से बच्चे बीमार हो गए थे।

जबलपुर का एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के इसी किचन में बना था खाना, जिसे खाने से बच्चे बीमार हो गए थे।

भाजपा, कांग्रेस और गोंडवाना पार्टी के नेता भी पहुंचे

आवासीय विद्यालय में हुए इस मामले को लेकर अब राजनीति भी शुरू हो गई हैं। जानकारी मिलते ही गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष तुलेश्वर सिंह, कांग्रेस विधायक विनय सक्सेना बच्चों को देखने पहुंचे। पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोत और महापौर जगत बहादुर सिंह भी मेडिकल कॉलेज पहुंचे। दोनों ही पार्टियों के नेताओं ने बच्चों के बीमार होने पर सरकार पर जमकर हमला बोला। हालांकि, सोमवार की रात को भाजपा महानगर अध्यक्ष प्रभात साहू भी पहुंचे थे।

बच्चों के बीमार होने के बाद नाराज परिजन स्कूल पहुंच गए और नारेबाजी करते हुआ प्रदर्शन करने लगे।

बच्चों के बीमार होने के बाद नाराज परिजन स्कूल पहुंच गए और नारेबाजी करते हुआ प्रदर्शन करने लगे।

प्रिंसिपल और अधीक्षक को हटाने लगाए नारे

एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के सामने बीमार बच्चों के परिजन और अन्य छात्र धरने पर बैठ गए। वे प्रिंसिपल और अधीक्षक को हटाने के नारे लगा रहे थे। परिजन का आरोप है कि बच्चों पर दबाव बनाकर उन्हें दूषित खाना खिलाया गया है। इसी के चलते आज सैकड़ों बच्चों की जान आफत में आ गई है। घटना के बाद से बच्चे पूरी तरह से सहमे हुए हैं, इसलिए प्रिंसिपल और अधीक्षक पर कार्रवाई करते हुए तत्काल हटा देना चाहिए।

फूड सेफ्टी विभाग ने किचन से खाने के सैंपल डिब्बों में जमा किए। इसे राज्य खाद्य प्रयोगशाला भोपाल में जांच के लिए भेजा गया है।

फूड सेफ्टी विभाग ने किचन से खाने के सैंपल डिब्बों में जमा किए। इसे राज्य खाद्य प्रयोगशाला भोपाल में जांच के लिए भेजा गया है।

फूड सेफ्टी टीम भी पहुंची, लिए सैंपल

जबलपुर कलेक्टर के निर्देश पर मंगलवार को गोरखपुर तहसीलदार और फूड सेफ्टी विभाग की टीम जांच करने पहुंची। किचन में रखे गए मसाले, पकी दाल, चावल और सब्जी के सैंपल लिए। खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारी संजीव कुमार गुप्ता ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि बच्चों को जो लोग खाना बनाकर दे रहे थे, वह अनट्रेंड हैं। FSSAI के तहत मान्यता प्राप्त जो रजिस्ट्रेशन इनका होना चाहिए था, वह विद्यालय प्रबंधन के पास नहीं था। खाद्य सुरक्षा विभाग ने आवासीय विद्यालय के किचन से एकत्रित की गई सामग्रियों का सैंपल ले लिया है जिसे जांच के लिए राज्य खाद्य लैब भोपाल भेजा गया है।

हर एंगल पर जांच कर रहे हैं: तहसीलदार

कलेक्टर के निर्देश पर मौके पर पहुंचे गोरखपुर तहसीलदार भारत सोनी ने बताया कि किचन में जितने भी लोग खाना बनाने वाले थे, उनसे पूछताछ की जा रही है। इसके अलावा वह बच्चे जिन्होंने की सोमवार की रात में हुआ घटनाक्रम देखा है उनसे भी बात की जा रही है। हम यह भी जांच कर रहे हैं कि भोजन बनाते समय आखिरकार ऐसी कौन सी गलती हो गई।

कलेक्टर के निर्देश पर तहसीलदार ने सभी के बयान लिए। इसके बाद जांच रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपी जाएगी।

कलेक्टर के निर्देश पर तहसीलदार ने सभी के बयान लिए। इसके बाद जांच रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपी जाएगी।

प्रिंसिपल ने बात करने से मना कर दिया

एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में बच्चे और परिजन डरे सहमे थे। प्रशासनिक अधिकारी जांच में जुटे थे। आवासीय विद्यालय में ही प्रिंसिपल गीता साहू टहल रही थीं। इस घटना को लेकर जब उनसे बात करने की कोशिश की तो उन्होंने कुछ भी बोलने से मना कर दिया। उनका कहना है कि मुझे इस विषय में कुछ नहीं कहना, मेरी तबीयत खराब है।

इस पूरी घटना को लेकर स्कूल की प्रिंसिपल से बात करना चाही, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं बोला। वह इस मामले में जबाव देने से बचती रहीं।

इस पूरी घटना को लेकर स्कूल की प्रिंसिपल से बात करना चाही, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं बोला। वह इस मामले में जबाव देने से बचती रहीं।

बच्चों ने शिकायत की तो मेस संचालक ने कहा- चुप रहो

एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में पढ़ने वाले जोश प्रकाश मार्को ने बताया कि पहले छोटे बच्चे खाते हैं और उसके बाद 12वीं क्लास के बच्चों को खाना दिया जाता है। इस वजह से हम लोगों ने खाना नहीं खाया था। बच्चों ने खराब सब्जी की शिकायत मेस संचालक से की थी। उन्होंने अपनी गलती मानते हुए उन्हें चुप रहने का कहा था। बच्चों के बीमार होने के बाद हम लोग मैडम से कह रहे थे कि एम्बुलेंस बुला दीजिए, लेकिन उन्होंने हमारी नहीं सुनी। अपने-अपने साधन से बच्चों को अस्पताल भिजवाया।

रसोई कक्ष में खामोशी, बचकर दे रहे जवाब

मंगलवार को आवासीय विद्यालय के किचन में एक पुरुष और तीन महिलाएं थीं। सोमवार को हुई घटना को लेकर खाना बनाने वाली महिला तिजिया बाई से बात की तो उसने पूरा ठीकरा साथियों पर फोड़ दिया। तिजिया बाई ने बताया कि सोमवार की शाम को जो कटहल की सब्जी बनी थी। वह मैंने नहीं बनाई थी। वो शाम को 6 बजे के बाद मैं घर चली गई थी। सब्जी कैसे खराब हो गई यह हमें नहीं पता। इसी रसोई कक्ष में दो और महिलाएं रोटियां बना रही थीं। पर वह भी इस मामले पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं थीं।

बीमार बच्चों को तहसीलदार की गाड़ी से अस्पताल भिजवाया गया। परिजन गुस्से में दिखे।

बीमार बच्चों को तहसीलदार की गाड़ी से अस्पताल भिजवाया गया। परिजन गुस्से में दिखे।

प्राइवेट अस्पताल में इलाज करने से किया मना

जानकारी के मुताबिक जैसे ही सैकड़ों बच्चे बीमार हुए तो आसपास रहने वाले कुछ लोग अपने-अपने साधन से बच्चों को शहर के प्राइवेट अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन वहां पर अस्पताल प्रबंधन ने उनका इलाज करने से मना कर दिया। इसके बाद बीमार बच्चों को जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया। सीएमएचओ डॉक्टर संजय मिश्रा का कहना है कि इस तरह की शिकायत कहीं से भी अभी तक नहीं मिली है। बच्चों के परिवार वाले अगर इस तरह की बात कह रहे हैं तो निश्चित रूप से इसकी भी जांच की जाएगी।

एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में हुए मामले को लेकर प्रशासन की टीम पहुंची और बच्चों के बयान दर्ज किए। बयान के बाद तीन लोगों को निलंबित कर दिया गया।

एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में हुए मामले को लेकर प्रशासन की टीम पहुंची और बच्चों के बयान दर्ज किए। बयान के बाद तीन लोगों को निलंबित कर दिया गया।

कलेक्टर बोले- लगातार नजर बनाए हुए हैं

कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन का कहना था कि रामपुर छापर स्थित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के छात्र-छात्राओं को सोमवार की रात भोजन करने के बाद पेट दर्द और कुछ को उल्टी होने पर जिला अस्पताल, मेडिकल और समीप के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भर्ती होने के बाद से ही छात्र-छात्राओं के स्वास्थ्य पर लगातार नजर रखे हुए थे। अभी उन्हें ऑब्जर्वेशन में रखा गया है। मंगलवार को कलेक्टर के साथ विधायक अशोक रोहाणी भी जिला अस्पताल बच्चों का हाल जानने पहुंचे थे।

12 घंटे बाद जबलपुर कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन बच्चों से मिलने अस्पताल पहुंचे। उन्होंने बच्चों से बात की और उनका स्वास्थ्य के बारे में पूछा।

12 घंटे बाद जबलपुर कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन बच्चों से मिलने अस्पताल पहुंचे। उन्होंने बच्चों से बात की और उनका स्वास्थ्य के बारे में पूछा।

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फूड पॉयजनिंग की शिकार 20 छात्राएं ICU में शिफ्ट:हॉस्टल में डिनर के बाद 100 से ज्यादा स्टूडेंट पहुंचे थे अस्पताल

जबलपुर के एकलव्य आदर्श आवासीय आदिवासी विद्यालय के छात्रावास में एक साथ बीमार पड़े 100 से ज्यादा छात्र-छात्राओं की हालत फिलहाल स्थिर है। CMHO डॉ. संजय मिश्रा के मुताबिक मंगलवार सुबह तक 20 से ज्यादा छात्राओं को ICU में शिफ्ट करना पड़ा है। मामला जिले के रामपुर छापर का है। स्टूडेंट्स 6वीं से 11वीं क्लास के हैं। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…

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