फूड डिलिवरी से वर्ल्ड कप टीम के नेट तक, लोकेश के सफर की रोमांचक कहानी


लोकेश ने विज्ञापन देखकर अप्लाई कर दिया. अब उन्हें चुन लिया गया है. उन्हें उम्मीद है कि यहां से उनके टैलंट को पहचान मिलेगी.

lokesh kumar
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लोकेश कुमार फूड डिलिवरी एग्जिक्यूटिव हैं. और स्विगी के लिए काम करते हैं. चेन्नई के रहने वाले 29 साल के इस शख्स को नहीं पता था कि उसकी किस्मत बदलने वाली है. 48 घंटे बाद वह नीदरलैंड्स की टीम को नेट में अभ्यास करवा रहा था. उसकी कोशिश थी कि वह उन्हें स्पिन के खिलाफ तैयारी में मदद करे. बैंगलोर के निकट अलूर में डच टीम का कैंप लगा है. वह अक्टूबर से होने वाले वर्ल्ड कप की तैयारियों के लिए यहां जुटी है.

लोकेश साल 2018 से फूड डिलिवरी इंडस्ट्री में काम कर रहे हैं. डच टीम मैनेजमेंट ने नेट बोलिंग के लिए जिन चार गेंदबाजों का चयन किया उसमें से एक लोकेश भी हैं. नीदरलैंड क्रिकेट ने खुद सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी है.

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लोकेश पहले बाएं हाथ से तेज गेंदबाजी करते थे. लेकिन बाद में उन्होंने बाएं हाथ से कलाई से स्पिन गेंदबाजी करवानी शुरू कर दी. नीदरलैंड्स टीम मैनेजमेंट ने करीब 10 हजार गेंदबाजों का आकलन करने के बाद इन चार को चुना है. नीदरैलैंड क्रिकेट को ये आवेदन उनके मोबाइल एप्लीकेशन पर मिले थे.

अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने लोकेश के हवाले से बताया, ‘यह मेरे करियर का सबसे कीमती पल में से एक है. मैंने अभी तक तमिलनाडु क्रिकेट असोसिएशन के थर्ड डिजिवन लीग में नहीं खेला हूं. मैंने चार साल तक डिविजन 5 क्रिकेट खेला है. और मैंने इंडियन ऑयल S&RC के जारी सीजन के लिए फोर्थ डिविजन के लिए रजिस्टर किया है. नेट बोलर चुने जाने के बाद मुझे उम्मीद है कि मेरी प्रतिभा को पहचान मिलेगी.’

उन्होंने आगे बताया, ‘नीदरलैंड की टीम के सदस्यों ने बांहें फैलाकर मेरा स्वागत किया. नेट बोलर्स के लिए एक इंडक्शन सेरेमनी थी. खिलाड़ियों ने कहा, ‘खुलकर रहिए, यह आप ही की टीम है. ‘मैं अभी से यह महसूस करने लगा हूं कि नीदरलैंड टीम के परिवार का हिस्सा हूं.’

लोकेश ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि वह कैंप में जगह बना लेंगे.

उन्होंने कहा, ‘विज्ञापन देखने के बाद मैंने कोशिश करने की सोची. मुझे दूसरे गेंदबाजों से एक फायदा है कि देश में बहुत ज्यादा चाइनामैन गेंदबाज नहीं हैं. नीदरलैंड की टीम मिस्ट्री स्पिनर की तलाश में थी. तो मैंने अप्लाई करने का फैसला किया.’

लोकेश का यह भी कहना है कि फूड डिलिवरी एग्जिक्यूटिव के तौर पर काम करने से उन्हें परोक्ष रूप से क्रिकेटर के तौर आगे बढ़ने में मदद की.

उन्होंने कहा, ‘कॉलेज के बाद मेरा पूरा ध्यान क्रिकेट पर था. मैंने क्रिकेट में चार साल दिए. 2018 में मैंने नौकरी करनी शुरू की. मैं चार से स्विगी के साथ काम कर रहा हूं. मेरा और कोई काम नहीं है. इसमें टाइमिंग भी लचीला है. सप्ताहंत में मेरे टीएनसीए के मैच होते हैं तब मैं छुट्टी करता हूं.’

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Published Date: September 21, 2023 10:22 AM IST

Updated Date: September 21, 2023 10:26 AM IST

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