1992 की वो फिल्म, जिसे भारत-जापान की डायरेक्टर्स ने मिलकर बनाया, रामायण पर थी बेस्ड, सिर्फ 1 वजह से हुई थी बैन


मुंबई. अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन होने जा रहा है. 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी. इस मौके पर पूरा श्रीराम के भक्ति में डूबा हुआ है. ऐसे में हम आपको रामायण पर आधारित एक ऐसी फिल्म के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में जानकर हैरानी होगी. यह फिल्म साल 1992 में बनी थी. इस फिल्म में को रिलीज नहीं होने दिया गया क्योंकि उस समय विवादित ढांचे को गिराने (बाबरी मस्जिद) को गिराने को लेकर सियासत गरमाई हुई थी और दंगे हो रहे थे. इस फिल्म को भारत और जापान के प्रसिद्ध डायरेक्टर ने डायरेक्ट किया था.

फिल्म का नाम- ‘रामायणः द लेजेंड ऑफ प्रिंस रामा’ है. इस फिल्म को जापानी फिल्ममेकर युगो साको ने प्रोड्यूस की थी. जबकि इसके डायरेक्टर कोइची और राम मोहन थे. यह एक एनिमेशन फिल्म थी. इसे ऑरिजनली इंगलिश और जापानी भाषा में बनाया गया. बाद में इसे हिंदी में डब किया गया और दूरदर्शन पर रिलीज हुई.

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‘रामायणः द लेजेंड ऑफ प्रिंस रामा’ जापान में हुई थी रिलीज

‘रामायणः द लेजेंड ऑफ प्रिंस रामा’ 1993 में जापान में रिलीज हुई. भारत में इसे शुरुआत में रिलीज नहीं किया गया. इंडिया टुडे की मुताबिक इसका बजट 6.7 मिलियन डॉलर था और इसने बड़े पर्दे पर 13 मिलियन डॉलर की कमाई की थी. युगो साको के एनिमेटर भी थे. उन्होंने जापान से भारत लगभग 60 से ज्यादा बार दौरा किया था.

युगो साको 1985 में डॉक्यूमेंट्री बनाने भारत आए थे

युगो साको पहले बार 1985 में भारत आए थे. उन्हें एक डॉक्यूमेंट्री- ‘द रामायण रिलाइस’ बनानी थी. यह अयोध्या के आसपास आर्कियोलॉजिकल खुदाई के बारे में थी. यह पहली बार था जब उन्हें श्रीराम के बारे में पता चला. उन्होंने भारतीय फिल्ममेकर राम मोहन और 450 आर्टिस्ट के साथ काम किया और इस पौराणिक कहानी कहानी को एक पुल लेंग्थ फिल्म में बदला. राम मोहन को भारतीय एनिमेशन का फादर भी कहा जाता है.

Tags: Ayodhya, Bollywood movies, Ramayana


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