चीन में खीरा खाने पर जुर्माना, जानवर भूखे, जानें ड्रैगन क्यों ढा रहा जुल्म


बीजिंग. शी जिनपिंग ने जब लगातार तीसरी बार चीन की सत्ता संभाली थी तो उन्होंने कहा था कि हम चीन को एक उच्चस्तरीय सोशलिस्ट मार्केट इकोनॉमी बनाएंगे. उन्होंने चीन के मूलभूत आर्थिक ढांचे में सुधार लाने और पब्लिक सेक्टर को मज़बूत बनाने और गैर सरकारी क्षेत्र की भी मदद करने की बात कही थी, लेकिन जिनपिंग के नेतृत्व में हालात कुछ अलग कहानी बयां करते दिख रहे हैं. दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति चीन के कई शहरों में भयानक मंदी और नकदी संकट छाया हुआ है. इसका असर इंसानों के साथ-साथ जानवरों पर भी देखने को मिल रहा है. लोगों पर जुर्माना लगाया जा रहा है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नकदी संकट से जूझ रहे चीन में लोगों पर भारी भरकम जुर्माना लगाया जा रहा है. ऐसा कर चीन सरकार किसी तरह नकदी संग्रह करना चाहती है. आलम यह है कि रेस्टोरेंट में बिना लाइसेंस के खीरा परोसने पर भारी भरकम राशि का जुर्माना वसूला जा रहा है. इसके अलावा सड़कों पर ओवरलोड ट्रकों पर भी भारी-भरकम जुर्माना लगाया जा रहा है.

जानवरों के भोजन में 50 फीसदी कटौती
CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के उत्तरी प्रांत लियाओनिंग के डोंगशान पार्क में नकदी संकट की वजह से जानवरों को खाना तक नहीं मिल पा रहा है. सरकारी फंड से चलने वाले इस चिड़ियाघर को जिनपिंग सरकार ने पैसे देना बंद कर दिया है. पिछले छह महीने से कर्मचारियों को सैलरी तक नहीं दी जा रही है. जानवरों के भोजन में भी 50 फीसदी तक की कटौती कर दी गई है. आलम ये है कि लोगों से भूख से छटपटा रहे जानवरों की मदद के लिए भोजन और पैसे दान करने की अपील की जा रही है.

भोजन के लिए की जा रही अपील
जानवरों के सामने खाने के संकट को देखते हुए लोग सोशल मीडिया पर मदद मांग रहे हैं. एक चीनी वन्यजीव संरक्षण समूह ने सोशल मीडिया पर जारी अपील में कहा, ‘पार्क में अभी भी भालू के बच्चे हैं जिन्हें भोजन की जरूरत हैं. गर्भवती घोड़ी का भोजन भी आधा कर दिया गया है, और चिड़ियाघर के कर्मचारियों छह महीने से भुगतान नहीं किया गया है. हमें उम्मीद है कि संबंधित विभाग इस मुद्दे पर ध्यान दे सकते हैं!’

कैसे चरमरा रही चीन की अर्थव्यवस्था
CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, निशुल्क चिड़ियाघर में छह काले भालू, तीन सिका हिरण, 10 अल्पाका और सैकड़ों बंदर और पक्षी हैं. इसकी दुर्दशा कई चीनी शहर और प्रांतीय सरकारों के सामने आने वाले वित्तीय संकट का एक नमूना है, जिन्हें खर्च में कटौती करनी पड़ रही है. बताते हैं कि कोविड – 19 महामारी के दौर में जीरो कोविड पॉलिसी की वजह से चीन की आर्थिक व्यवस्था चरमरा गई है. सबसे खराब हालत रियल एस्टेट की है, जहां मंदी छाई हुई है.

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