
भोपाल। रेलवे स्टेशन पर रोजाना हजारों की संख्या में यात्रियों का आवागमन होता है। कई बार स्टेशन पर पुलिस मौजूद नहीं रहती, जिसका फायदा उठाते हुए ऑटो चालक प्लेटफॉर्म और सीढ़ियों पर से ही सवारी बिठाने के लिए पहुंच जाते हैं और यात्रियों से अपनी मनमर्जी का किराया वसूलने के लिए उन्हें परेशान करते हैं।
रेल अधिनियम के तहत मामला पंजीकृत किया
कई बार तो वह यात्रियों के बैग या लगेज को उठाकर अपनी मर्जी से ऑटो में रख देते है। वहीं जब कोई यात्री ओला ऑटो या किसी प्राइवेट कंपनी से संपर्क करता है। तो ऑटो चालक इकट्ठे होकर यात्रिओं से गुंडागर्दी या मारपीट करने लगते हैं। तीनों थानों की पुलिस एक दूसरे पर अपनी जिम्मेदारियां टालती रहती है। इस तरह के मामले को लेकर कोई कार्रवाई नहीं करती है। जब यात्री स्वयं ही शिकायत करने पहुंचे, तब जाकर कुछ समय के लिए अभियान चलाया जाता है फिर उसको बंद कर दिया जाता है। इसी तरह के मामले विगत दिनों कुछ यात्रियों ने शिकायत की, जिसके बाद रेल सुरक्षा बल भोपाल द्वारा भोपाल रेलवे स्टेशन परिसर में प्लेटफॉर्म नम्बर-6 की ओर से अनाधिकृत रूप से प्रवेश कर फुट ओवर ब्रिज पर ऑटो की आवाज लगाते हुए रेल यात्रियों से न्यूसेंस करते पाए तो ऑटो चालकों पर आरपीएफ पोस्ट भोपाल में कार्रवाई की है। 7 ऑटो चालकों पर रेल अधिनियम के तहत मामला पंजीकृत किया गया।
यात्रिओं से ले रहे दोगुना किराया
भोपाल में उतरने वाले यात्रियों से प्राइवेट कंपनी के ऑटो जहां का किराया 40 से 50 रुपए लेते हैं वहीं स्टेशन पर खड़े ऑटो उसी जगह का दो गुना किराया वसूलते हैं, जिस कारण रेलवे स्टेशन पर उतरने वाले यात्री प्राइवेट कंपनी जैसे ओला से संपर्क कर ऑटो बुक करते हैं। तो वहां खड़े ऑटो चालक प्राइवेट कंपनी के ऑटो को सवारी नहीं बिठाने देते और उनके साथ गुंडागर्दी करने लगते हैं, जिसके चलते प्राइवेट कंपनी के ऑटो चालकों ने स्टेशन कैंपस में सवारी लेने आना बंद कर दिया है।
पर्यटन पर असर, पर्यटकों का आना हुआ कम
जीआरपी और आरपीएफ पुलिस रेलवे स्टेशन पर मौजूद नहीं रहती, जिसके चलते दूसरे राज्यों और बाहर के देशों से आए टूरिस्ट को भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। साथ ही कई बार यात्रिओं और टूरिस्टों को आॅटो चालकों की गुंडागर्दी का सामना भी करना पड़ता है, जिसके चलते शहर में टूरिस्टों का आना भी काम हो रहा है।