नोएडा: ऑटो में बैठिए और इंतज़ार कीजिए…भरेगा तभी तो चलेगा, मनमानी से स्टूडेंट और नौकरीपेशा परेशान


नोएडा: सेक्टर 126, 127 और 128 में शिक्षण संस्थानों समेत 150 के करीब कंपनियां हैं। सेक्टर-128 में 6 से ज्यादा ग्रुप हाउसिंग सोसायटियां हैं, जिनमें 10 हजार से ज्यादा लोग रहते हैं। इनका सबसे नजदीकी मेट्रो स्टेशन ओखला बर्ड सैंक्चुअरी है, जहां तक आप आसानी से पहुंच सकते हैं। मेट्रो स्टेशन से इन सेक्टरों, कंपनियों और संस्थानों में जाने के पब्लिक ट्रांसपोर्ट नहीं होने से लोगों को रोजाना परेशान होना पड़ता है।

ओखला बर्ड सेंचुरी मेट्रो स्टेशन से इन तीनों सेक्टरों के लिए रोजाना 3000 हजार से ज्यादा लोग आवागमन करते हैं। ऐसे में ऑटो और ई-रिक्शा ही यहां से अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए एकमात्र विकल्प बचता है।

Noida Auto Driver

सेक्टर-94 के ओखला बर्ड सेंचुरी मेट्रो स्टेशन पर उतरने के बाद सेक्टर-126, 127 और 128 के लिए सीधे पब्लिक ट्रांसपोर्ट की कनेक्टिविटी नहीं है। इन सेक्टरों में शिक्षण संस्थान समेत सैकड़ों की संख्या में कंपनियों के दफ्तर हैं। हजारों स्टूडेंट और लोग यहां पढ़ाई व नौकरी के लिए रोजाना सफर करते हैं। बर्ड सेंक्चुरी मेट्रो स्टेशन से इन सेक्टरों तक पहुंचने का एकमात्र विकल्प ऑटो है। जितनी देर ऑटो सवारियों के चक्कर में खड़ा रहता है, उतनी देर लोगों की दफ्तर और कॉलेज पहुंचने को लेकर टेंशन बढ़ने लगती है।

आखिर में ऑटो बुक कर अपने दफ्तर और कॉलेज की ओर जाना पड़ता है। शेयरिंग ऑटो में महिला, पुरुष, युवतियां सभी एक साथ सफर करते हैं। इससे छेड़छाड़, स्नैचिंग की घटनाओं की घटनाओं का डर भी बढ़ता है। वहीं, क्षमता से अधिक सवारियां होती हैं। ऑटो में आगे की सीट पर दोनों ओर लोग बैठे दिखते हैं। आगे के सीट पर ड्राइवर से अलग बैठे लोगों के पैर ऑटो से बाहर निकलते हैं। एक हाथ से लोग अपना बैग संभालते हैं तो दूसरे हाथ से ऑटो के एक हिस्से को पकड़कर खुद को संभालते हैं।

Noida Traffic


मनमाना किराया, वक्त का भी पता नहीं

ओखला बर्ड सैंक्चुअरी से सेक्टर 126, 127 और 128 की दूरी 2 से 4.3 किमी के बीच है। ऑटो चालक मेट्रो स्टेशन से सवारियां बैठाकर इन सेक्टरों में छोड़ने के लिए 20 से 50 रुपये तक एक सवारी से लेते हैं। ऑटो बुक करने पर एक व्यक्ति को 100 से 200 रुपये तक चुकाने होते हैं। यहां पर सुबह 8 बजे से 11 बजे तक लोगों की भीड़ रहती है। इसके साथ ही शाम के वक्त लोग अपने दफ्तरों से मेट्रो स्टेशन के लिए ऑटो से ही निकलते हैं।

मेट्रो स्टेशन से सेक्टरों की दूरी

सेक्टर 126- 2.1 किमी

सेक्टर 127- 3.1 किमी

सेक्टर 128- 4.3 किमी

स्टूडेंट्स के लिए होनी चाहिए बस की सुविधा

मेट्रो स्टेशन पर उतरने के बाद सेक्टर 127 तक का सफर बहुत असुरक्षित है। ऑटो में 6 तक सवारियां होती हैं। सवारियों के रूप में कई लोग संदिग्ध लगते हैं, लेकिन सफर करना मजबूरी बन जाता है। – प्रिया वर्मा, निवासी दिल्ली

जितना वक्त कंपनी पहुंचने में नहीं लगता है, उतना ऑटो में बैठकर उसके चलने के इंतजार में लगता है। कभी कभार तो जल्दी चलने के लिए ऑटो बुक कराकर ले जाना पड़ता है। – अनमोल सिंह, दिल्ली

मेट्रो स्टेशन से स्टूडेंट्स के लिए बसों की सुविधा होनी चाहिए। इससे किराए का खर्च कम होगा। ऑटो से महीने भर में हजारों रुपये खर्च होता है। इस रूट पर स्टूडेंट्स के लिए भी विशेष ट्रांसपोर्ट के इंतजाम नहीं किए हैं। – मनीष पाठक, ग्रेटर नोएडा

यहां पर सैकड़ों की संख्या में ऑटो रिक्शा चलते हैं जबकि इस रूट पर बसों का संचालन कर ट्रायल कर देखा जा सकता है। हमें पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधा मिलेगी और सरकारी खजाने में रिवेन्यू मिलेगा। – अनुज गोयल, फरीदाबाद


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