जोगिंद्रनगर (मंडी)। बिना फूड लाइसेंस चल रहे शराब के ठेकों पर खाद्य सुरक्षा विभाग ने दबिश देकर अब लापरवाह संचालकों के खिलाफ फूड एंड सेफ्टी एक्ट के तहत आवश्यक कार्रवाई अमल में लाकर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। जिले में भी नियमों की अवहेलना के मामले सामने आने पर प्रदेश स्वास्थ्य सचिव से लिखित पत्राचार कर ठेका संचालकों पर आपराधिक मामले दर्ज करने की अनुमति मांगी है। मंडी जिला में चल रहे शराब के ठेकों पर हाल ही में की गई आवश्यक कार्रवाई में बिना फूड लाइसेंस चल रहे शराब के ठेकों का खुलासा होने के बाद अब जिला भर के दो सौ से अधिक शराब के ठेकों के दस्तावेज खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से जांचे जा रहे हैं। इसके लिए खाद्य सुरक्षा अधिकारी के नेतृत्व में टीमें भी फील्ड पर उतारी गई हैं।
बुधवार को खाद्य सुरक्षा अधिकारी सचिन ने बताया कि मंडी जिले में शराब के चार ठेकों में औचक निरीक्षण के दौरान फूड के लाइसेंस नहीं पाए गए। इस दौरान कब्जे में लिए गए चार शराब के सेंपल भी जब प्रयोगशाला में गुणवत्ता की जांच के लिए भेजे गए तो इसमें दो सेंपल सब स्टैंडर्ड पाए गए। इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लाकर मामला संबंधित न्यायालय में प्रेषित कर दिया गया है। बताया कि मिलावटी शराब की आशंका को लेकर यह दबिश खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से दी गई थी। बताया कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के तहत शराब एक पेय पदार्थ है। इससे संबंधित व्यवसायियों को फूड लाइसेंस लेना अनिवार्य किया गया है, ताकि मिलावटी शराब और इसकी गुणवत्ता की जांच भी समय पर हो सके। जिला खाद्य सुरक्षा विभाग के सहायक आयुक्त एलडी ठाकुर ने बताया कि मंडी जिले में चल रहे शराब के ठेकों के संबंध की जानकारी राज्य कर एवं आबकारी विभाग से मांगी गई है। जिन शराब ठेकों के संचालकों के पास फूड लाइसेंस नहीं हैं, उनके खिलाफ फूड एंड सेफ्टी एक्ट के तहत मामला दर्ज किए जाएंगे। इसमें दस लाख रुपये तक के जुर्माने का भी प्रावधान है। बताया कि जिले में चल रहे शराब ठेकों का औचक निरीक्षण कर पंजीकरण जांच के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग के निरीक्षक की अगुवाई में कई टीमें दबिश दे रही हैं।