जीरो से 25,000 करोड़ रुपये तक का सफर… जानिए कैसे ऑटोमोबाइल सेक्टर में लीडर बन रहा गुजरात


नई दिल्ली : गुजरात के ऑटोमोबाइल सेक्टर की वैल्यूएशन आज 3 अरब डॉलर (249.3 अरब रुपये) है। पिछले दो दशकों में राज्य ने ऑटोमोबाइल सेक्टर में अच्छी-खासी ग्रोथ की है। आठ लाख से अधिक वाहनों के वार्षिक निर्यात के साथ गुजरात भारत के ऑटोमोटिव लैंडस्कैप में महत्वपूर्ण योगदान देने वाला राज्य बन गया है। गुजरात अब ऑटोमोटिव हब बनने की ओर है। राज्य की यह जर्नी साल 2009 में साणंद (जिला अहमदाबाद) में टाटा मोटर्स मैन्युफैक्चरिंग प्लांट की स्थापना के साथ शुरू हुई थी। अब लोकल और ग्लोबल दोनों निवेशक यहां निवेश के लिए आकर्षित होते हैं।

VGGS का है बड़ा योगदान

गुजरात के ऑटोमोबाइल सेक्टर को आगे ले जाने में वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट (VGGS) का भी बड़ा योगदान है। इसका शुभारंभ साल 2003 में तत्कालीन मुख्यमंत्री तथा वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया गया था। यह समिट राज्य के सामाजिक-आर्थिक ढांचे को दोबारा आकार देने के लिए बनी है। यह राज्य को निवेश तथा इनोवेशन के लिए पसंदीदा जगह बनाती है।

मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के नेतृत्व में जनवरी, 2024 में आयोजित होने वाली वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट का 10वां संस्करण निवेश तथा इनोवेशन के बेजोड़ हब के रूप में गुजरात की स्थिति को और अधिक मजबूत करेगा।

फोर्ड, सुजुकी और टाटा, सब लाए रोजगार

साल 2011 में फोर्ड मोटर्स ने उसके साणंद स्थित प्लांट में 5,000 करोड़ रुपए का निवेश किया था। जिससे गुजरात में 3,000 रोजगार पैदा हुए थे। साल 2014 में सुजुकी मोटर्स ने 14,784 करोड़ रुपए के मेगा यूनिट की स्थापना की थी, जिसने 9,100 रोजगार पैदा हुए थे। इसके बाद साल 2022 में टाटा मोटर्स ने साणंद में स्थित फोर्ड प्लांट अपने पास लिया था। इतना ही नहीं, JETRO के साथ गुजरात के सहयोग से भारत का पहला प्लग-एंड-प्ले पार्क यानी जापानीज इंडस्ट्रियल पार्क बना। साल 2017 में MG मोटर्स ने 2000 करोड़ रुपए के प्रारंभिक निवेश तथा वार्षिक 80,000 यूनिट्स की उत्पादन क्षमता के साथ GM इंडिया का हालोल प्लांट अपने हाथ में लिया था।

गुजरात इस तरह बना ऑटो कम्पोनेंट्स का बड़ा निर्यातक

साल 2020-21 के वित्त वर्ष में 8 लाख वाहनों के निर्यात के साथ गुजरात ऑटोमोबाइल तथा ऑटो कम्पोनेंट्स का बड़ा निर्यातक बना है। इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की ओर वैश्विक बदलाव को ध्यान में रखकर गुजरात इलेक्ट्रिक वाहन (EV) के उत्पादन को सक्रिय रूप से प्रोत्साहन दे रहा है। राज्य सरकार ने EV बैटरी प्लांट स्थापित करने के लिए टाटा ग्रुप के साथ 13,000 करोड़ रुपए के महत्वपूर्ण एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। यह गुजरात को EV उत्पादन के लिए अग्रणी हब के रूप में प्रपोज्ड करता है। इस तरह गुजरात ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में जीरो से 3 अरब डॉलर तक पहुंचा है।


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