दुनियाभर में आजकल खाने के नए-नए तरह के ट्रेंड चल रहे हैं। दक्षिण कोरिया में ऐसा ही एक अनोखा चलन देखने को मिल रहा है। जिसमें लोग टूथपिक्स खा रहे हैं। लोग सोशल मीडिया पर इसके वीडियो भी शेयर कर रहे हैं। हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों को सेहत से जुड़ी चेतावनी जारी कर इन्हें न खाने की सलाह दी है।
दरअसल इन टूथपिक्स को पर्यावरण संबंधी जागरूकता लाने के लिए स्टार्च से तैयार किया गया था, क्योंकि ये बायोडिग्रेडेबल हैं। लेकिन धीरे-धीरे इसने स्नैक्स का रूप ले लिया और लोगों ने इन्हें तलकर खाना शुरू कर दिया। लोग सोशल मीडिया पर इन्हें तलने के वीडियो शेयर करने लगे। जिसके बाद खाद्य व औषधि सुरक्षा मंत्रालय ने मामले में हस्तक्षेप किया।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी चेतावनी
मंत्रालय ने सोशल मीडिया इन्हें न खाने की सख्त सलाह देते हुए कहा कि टूथपिक्स का हेल्थ को लेकर सेफ्टी चेक टेस्ट नहीं किया गया है और ये सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती हैं। दक्षिण कोरिया के स्वास्थ्य मंत्रालय ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट एक्स पर अपने घोषणा पत्र में लिखा- स्टार्च टूथपिक खाद्य उत्पाद नहीं है! स्टार्च टूथपिक्स एक स्वच्छता उत्पाद है! खाद्य के रूप में उनकी सुरक्षा को सत्यापित नहीं किया गया है। कृपया उन्हें मत खाओ।
स्टार्च और फूड कलर का इस्तेमाल
लोग सरकार की चेतावनी को दरकिनार करते हुए लगातार इसे खाने के वीडियोज शेयर कर रहे हैं। उनका कहना है कि इसका कुरकुरा स्वाद उन्हें बेहद पसंद आ रहा है। लोग इसे मसाले और चटनियों के साथ ट्राई कर रहे हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस टूथपिक को शकरकंद या मकई स्टार्च से बनाया जाता है, जो पूरी तरह से बायोडिग्रेडेबल है। ताकि इसके इस्तेमाल से पर्यावरण को कोई नुकसान न हो। इसे हरा रंग देने के लिए एक प्रकार के फूड कलर का इस्तेमाल किया गया है। अक्सर दक्षिण कोरिया के रेस्तरां और होटल्स में इसका उपयोग फिंगर फूड लेने के लिए किया जाता है। इसके अलावा दांतों को साफ करने के लिए भी इसका इस्तेमाल होता है।
अजीबोगरीब खाने के शौकीन
साउथ कोरिया में “मुकबैंग” नामक एक शो आता है, जिसमें लोगों को अजीबोगरीब व्यंजन खाते हुए दिखाया जाता है। इसमें लोग सामान्य से ज्यादा मात्रा में खाते भी दिखते हैं। ये प्रोग्राम वहां काफी पॉपुलर है, और लोग इसे देखना काफी पसंद करते हैं।