फूड सेक्रेटरी ने कहा कि देश में गेहूं के स्टॉक की कोई कमी नहीं है. उन्होंने कहा कि गेहूं की घरेलू कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार के पास सभी विकल्प खुले हैं.
श में गेहूं की कीमतों में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला है. अब इसको लेकर सरकार के फूड सेक्रेटरी बयान जारी किया है. फूड सेक्रेटरी ने कहा कि देश में गेहूं के स्टॉक की कोई कमी नहीं है. उन्होंने कहा कि गेहूं की घरेलू कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार के पास सभी विकल्प खुले हैं.
उन्होंने आगे कहा कि देश में गेहूं की कोई शॉर्टेज नहीं है और दाम काबू में रखने के लिए सरकार ओपन मार्केट में ज्यादा से ज्यादा गेहूं बेच सकती है. इससे पहले केंद्र सरकार ने खुले बाजार में गेहूं को बेचने का फैसला किया था. इसके तहत 50 लाख टन और गेहूं बेचने का फैसला किया गया.
केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद दूसरे दिन गेहूं बाजार में कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है. इस फैसले से आगे गेहूं की कीमतों में बड़ी गिरावट की संभावना फिलहाल नहीं दिख रही है. इससे पहले भी सरकार ने जून महीने में 15 लाख गेहूं खुले बाजार में बेचने की योजना शुरू की थी. इसके तहत अब तक करीब 8 लाख टन गेहूं की बिक्री हो चुकी है.
13 ई-नीलामी में बेचा लाखों टन गेहूं
सरकार गेहूं-आटे की कीमतों को काबू करने के लिए खुले बाजार में गेहूं बेच रही है. जारी आंकड़ों के मुताबिक सरकार ने खुले बाजार बिक्री योजना या ओपन मार्केट सेल स्कीम (ओएमएसएस) में 13 ई-नीलामी में 18.09 लाख टन गेहूं बेचा है. बड़े पैमाने पर की गई बिक्री से गेहूं और आटे की कीमतों को नियंत्रित करने में मदद मिली है. 18.09 लाख टन गेहूं को ई-नीलामी के जरिए थोक ग्राहकों को केंद्रीय पूल से की गई है. केंद्र सरकार की ओर से गेहूं के अलावा खुले में चावल भी बेचा जा रहा है.